बैंकों से सस्ते ब्याज दर पर आसानी से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है स्वसहायता समूहों को
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
राजनांदगांव : प्रदेश सरकार महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में समूह की महिलाओं के जीवन में ‘बिहान’ रौशनी ला रही है। परिवर्तन की यह बयार महिलाओं में एक सामाजिक परिवर्तन की गवाह है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ इस कार्य में अग्रणी भूमिका निभा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ अंतर्गत स्वसहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में शासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों के तहत समूहों को बैंकों से सस्ते ब्याज दर पर आसानी से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे समूह के सदस्य अपनी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें तथा आजीविका गतिविधियों का आसानी से संचालन कर सकें। बैंकों से ऋण लेकर समूह की महिलाएं अपनी तकदीर बदल रही है। उनके उत्थान और उन्नति की राहें खुली हंै।
जिले के अंतर्गत भी स्वसहायता समूहों को बैंक ऋण लिंकेज के माध्यम से ऋण प्रदाय कर उन्हें आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला राजनांदगांव को कुल 7 हजार 364 स्वसहायता समूहों को कुल 121 करोड़ 78 लाख रूपए की राशि बैंक से ऋण के रूप में लाभान्वित किया जा चुका है। जो कि पूरे राज्य में सर्वाधिक है। वहीं प्रगति का प्रतिशत 151 रहा है। जिले में गौठानों में कार्यरत महिला स्वसहायता समूहों को भी विभिन्न आजीविका गतिविधि संचालन हेतु बैंक ऋण लिंकेज किया जा रहा है। सस्ते ब्याज दर पर आसानी से ऋण प्राप्त कर स्वसहायता समूह की महिलाएं विभिन्न आयमूलक आजीविका गतिविधियों कृषि, पशुपालन, मत्स्यपालन, विभिन्न लघु व्यवसाय आदि का संचालन कर आय अर्जित कर रही हैं।
बैंक लिंकेज के माध्यम से ऋण प्राप्त कर ‘बिहान’ समूह की महिलाएं विभिन्न आजीविका गतिविधियों का संचालन कर आय अर्जित करते हुए महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही हैं। बैंक लिंकेज में जिले के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की प्रदेश में उत्कृष्ट उपलब्धि है। बैंक ऋण से 13 हजार 494 महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं लाभान्वित हुई है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत शत प्रतिशत उपलब्धि रही। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 97 प्रतिशत की उपलब्धि रही। जिले की 70 हजार 243 महिलाएं संवहनीय कृषि के अंतर्गत लाभान्वित हुई है। माईक्रो इंटरप्राईजेस डेव्हलपमेंट (एसवीईपी ) अंतर्गत 1 हजार 410 महिला उद्यमी लाभान्वित हुई है। 17 हजार 813 समूहों में 1 लाख 96 हजार 333 सदस्य कार्यरत है। संकुल संगठन स्टार्ट-अप के अंतर्गत समूह की महिलाओं को 72 लाख रूपए की राशि प्रदान की गई।