लाउड स्पीकर विवाद : राज ठाकरे की मौजूदगी में पहली बार किया जाएगा सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
पुणे : एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे का पुणे दौरा आज से शुरू हो रहा है। इस दौरे में राज ठाकरे की मौजूदगी में पहली बार सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर पुणे के खालकर तालीम चौक में स्थित मारुति मंदिर में शाम 6 बजे उनके हाथों से महा आरती करवाई जाएगी। हनुमान जयंती से जुड़े कार्यक्रम दिन भर चलेंगे। रविवार 17 अप्रैल को शाम 7 बजे से 11 बजे के बीच महाप्रसाद का कार्यक्रम है। इस बीच जगह-जगह राज ठाकरे के पुणे दौरे को लेकर खास पोस्टर्स लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में उन्हें ‘हिंदू जननायक’ के तौर पर दर्शाया गया है।
राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउड स्पीकर उतारने को लेकर 3 तारीख तक का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतारे गए तो उनके कार्यकर्ताओं द्वारा मस्जिदों के सामने और जगह-जगह लाउडस्पीकरों पर हनुमान चालीसा बजाई और गाई जाएगी। ऐसे में महा विकास आघाडी के नेताओं द्वारा आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया। उनकी बदलती भूमिका को लेकर शिवसेना की ओर से खिल्ली उड़ाई गई।
यानी माहौल पूरी तरह से तपने के लिए तैयार है। पुणे में कल हनुमान जयंती के मौके पर राज ठाकरे के हाथों से महाआरती के आयोजन को उनकी मस्जिदों से लाउड स्पीकर उतरवाने की मुहिम की शुरुआत समझी जा रही है। मुंबई के दादर शिवाजी पार्क में 2 अप्रैल को राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग शुरू की थी। इसके बाद यह मुद्दा कर्नाटक, बिहार और उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया। ठाणे की रैली में एक बार फिर राज ठाकरे ने यह मुद्दा उठाया और लाउड स्पीकर हटाने के लिए 3 मई तक का अल्टीमेटम दे दिया। और अब पुणे की महा आरती और सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ से यह मुद्दा पूरे महाराष्ट्र समेत देश भर में अब और तेजी से फैलने वाला है।
इस बीच राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस के मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने राज ठाकरे की इस मुहिम के खिलाफ इस्तीफा देने की मुहिम जारी रखी है। अब तक एमएनएस के 35 पदाधिकारियों ने पार्टी पद से इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि कहां महाराष्ट्र के विकास का ब्लू प्रिंट तैयार करने वाले राज ठाकरे, जाति-पाति और धार्मिक भेदभाव रहित महाराष्ट्र गढ़ने की कसमें खाने वाले राज ठाकरे अब मस्जिदों से लाउड स्पीकर उतारने और मदरसों के खिलाफ मुहिम चलाने की राजनीति शुरू कर चुके हैं।
(जी.एन.एस)