मध्यप्रदेश अपार संभावनाओं वाला प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश अपार संभावनाओं वाला प्रदेश है। मध्यप्रदेश को प्रकृति का पूर्ण स्नेह प्राप्त है। भारत के हृदय स्थल में स्थित मध्यप्रदेश में उत्कृष्ट एयर कनेक्टिविटी, रेल नेटवर्क और हाईवे हैं जो देश के हर कोने से मध्यप्रदेश की पहुँच को सुगम बनाते हैं। इन बुनियादी ढाँचों का सतत् विस्तार जारी है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सतना और दतिया एयरपोर्ट का शुभारंभ कर इन सुविधाओं को और समृद्ध किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वैदिक मन्त्रोचार की पवित्र ध्वनि के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर उज्जैन में स्पिरिचुअल और वेलनेस समिट-2025 के मुख्य सत्र का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज गंगा दशहरा और पर्यावरण दिवस के अवसर पर स्पिरिचुअल और वेलनेस समिट का आयोजन किया गया है। यह अवसर मध्यप्रदेश की वृहद प्राकृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का निरूपण भी है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और जीवनशैली आज पूरे विश्व का ध्यान आकृष्ट कर रही है। भारतीय संस्कृति में प्रकृति प्रेम और पूजन अभिन्न अंग है। भारतीय जीवनदृष्टि केवल रोगों के उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसी जीवनशैली को प्रोत्साहित करती है जिसमें व्यक्ति स्वस्थ रहे और रोगों की संभावना ही न हो। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को मेडिकल हब बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उज्जैन में मेडिसिटी की स्थापना की जा रही है और मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु मात्र ₹1 में 25 एकड़ भूमि प्रदान की जा रही है। निजी क्षेत्र को अस्पताल संचालन में भी हरसंभव सहयोग दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में यह वर्ष उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट और सेक्टर आधारित समिट के आयोजन से हर क्षेत्र, हर सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में 18 नवीन इन्वेस्टर फ्रेंडली पॉलिसी के माध्यम से निवेश प्रक्रिया को सहज और आकर्षक बनाया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीआईएस में 30 लाख करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्ताव और 21 लाख 40 हज़ार से अधिक रोजगारों के सृजन के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि रोजगारपरक उद्यमों के लिए 5 हज़ार रुपए प्रति व्यक्ति के मान से विशेष प्रोत्साहन सरकार द्वारा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश पॉवर सरप्लस है, शांति का टापू है, कुशल मैनपॉवर, उत्कृष्ट अधोसंरचना और प्राकृतिक, आध्यात्मिक स्थल इसे स्पिरिचुअल और वेलनेस क्षेत्र में निवेश के लिए आदर्श स्थल बनाते हैं। उन्होंने कहा कि नीतिगत सहयोग के साथ-साथ 100 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिए विशेष सहयोग कस्टमाइज्ड नीति के रास्ते भी उपलब्ध हैं। उन्होंने समस्त निवेशकों से मध्यप्रदेश में निवेश करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष नाइपर (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) और एमपीआईडीसी के मध्य एमओयू का हस्तांतरण हुआ। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग राघवेन्द्र कुमार सिंह और नाइपर के संचालक शैलेन्द्र सराफ़ ने एमओयू साझा किया। नाइपर उज्जैन मेडिसिटी में नॉलेज पार्टनर की भूमिका निभाएगा। मध्यप्रदेश की समृद्ध प्राकृतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर तथा उज्जैन की समग्र धार्मिक और आध्यात्मिक विरासत पर लघु फ़िल्मों का प्रदर्शन किया गया।

चिदानंद सरस्वती महाराज ने स्पिरिचुअल और वेलनेस सेंटर स्थापना के लिए दिया आशय पत्र

परमार्थ निकेतन के धार्मिक गुरु चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मध्यप्रदेश बहुत प्यारी धरती है। यहाँ सब कुछ है। उन्होंने कहा कि आज के उज्जैन में अधोसंरचना विकास को देखकर नहीं लगता कि यह पुराना उज्जैन है। उन्होंने उज्जैन के विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त किया। महाकाल लोक की भव्यता अनुपम है। चारों धाम की यात्रा पूर्ण करने के बाद लोग महाकाल लोक आना चाहते हैं। आज भारत के धार्मिक नगर पर्यटन में शीर्ष पर पहुँच रहे हैं। यह समय है जब निवेशक इस अवसर का लाभ उठायें और पर्यटन अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण में सहभागी बनें। आने वाले सिंहस्थ में यहाँ अपार संभावनाओं का सृजन होने जा रहा है। देश विदेश से करोड़ों पर्यटकों का आगमन होगा। उसके लिए हम सभी को अभी से तैयार रहना होगा। गुरु चिदानंद सरस्वती महाराज ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर के समीप स्पिरिचुअल और वेलनेस सेंटर स्थापना के लिए आशय पत्र दिया।

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन के लिए अनुकूल वातावरण हैं। प्रदेश में जंगल, जंगली जानवर, पवित्र नदियां हैं, वहीं धार्मिक पर्यटन के लिए महाकाल तथा ओंकारेश्वर दो ज्योतिर्लिंग और अन्य आकर्षक धार्मिक स्थल हैं। प्रदेश में आकर्षक हेरिटेज हैं, कई पुराने अच्छे रजवाड़े हैं, जिन्हे हेरिटेज के रूप में विकसित किया गया हैं। पूरे देश मे यूनेस्को के 62 हेरिटेज धरोहरों में से 18 हेरिटेज मध्यप्रदेश में है। मध्यप्रदेश देश के मध्य होने से यहाँ पहुँचना आसान है। प्रधानमंत्री ने टूरिज़्म बढ़ाने पर जोर दिया हैं। टूरिज़्म बढ़ाने के लिए स्वच्छता सबसे आवश्यक हैं। सबसे स्वच्छ शहर "इंदौर" मध्यप्रदेश में है। इन्दौर ही नहीं अन्य शहरों में भी स्वच्छता की स्थिति बेहतर है। इन्दौर की स्वच्छता पश्चिमी देशों के समतुल्य हैं। प्रदेश में इन्वेस्टमेंट के लिए 18 नई पॉलिसीज बनाई हैं और कुछ पुरानी पॉलिसीज हैं। इनमें निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रमुख रूप से आर्थिक मदद और इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने का प्रावधान किया जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में बराबरी का हैं या बेहतर हैं। निवेशकों को प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए आवश्यक अनुमतियां एनओसी को सुविधाजनक बनाया गया। प्रदेश में सबसे पहले राइट टू पब्लिक डिलीवरी सिस्टम लागू किया गया,जिसमें निर्धारित अवधि में अनुमतियां जारी होगी। इस अवसर पर भण्डारी ग्रुप के चेयरमैन विनोद भण्डारी ने उज्जैन में बन रहे मेडिकल टूरिज्म पर प्रकाश डाला।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिवशेखर शुक्ला ने मध्यप्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं, अवसरों, नीतियों और सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने आध्यात्मिक, धार्मिक, प्राकृतिक और वेलनेस पर्यटन में अवसरों पर विशेष प्रकाश डाला। प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश में पर्यटकों के आगमन की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। वर्ष 2019-20 में 8.87 करोड़ से वर्ष 2024-25 में 13.33 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ है। शीर्ष-5 पर्यटक स्थल में से 4 (उज्जैन, मैहर, चित्रकूट और अमरकंटक) धार्मिक शहर हैं। उन्होंने बताया कि निवेश को सहज बनाने के लिए नीतिगत बदलाव किए गए हैं। अब 28-30 अनुमतियों की जगह सिर्फ़ 10 अनुमतियाँ आवश्यक हैं। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और समयबद्ध है। पर्यटन क्षेत्र में निवेश पर 15 से 30 प्रतिशत सब्सिडी (90 करोड़ की सीमा तक) का प्रावधान है। प्रदेश में 900 हेक्टेयर से अधिक लैंड बैंक उपलब्ध है। साथ ही 100 करोड़ से अधिक के निवेश पर विशेष पैकेज की भी नीति है, जिसमें लैंड अलॉटमेंट के लिए बिडिंग प्रक्रिया से भी छूट शामिल है। उन्होंने गोल्फ अधोसंरचना विकास के लिए प्रावधानों की भी जानकारी दी। उन्होंने विभाग की विभिन्न सुविधाओं का भी विस्तार से उल्लेख किया।

प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश भारत की परंपराओं और संस्कृति को आत्मसात करते हुए आधुनिक विकास की तरफ तेज गति से बढ़ रहा है। आध्यात्म और सांस्कृतिक विरासत मध्यप्रदेश की प्रमुख पहचान है। इसके साथ ही प्राकृतिक संसाधन, वाइल्डलाइफ भी प्रचुर मात्रा में हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बताया कि पैनल सत्र में निवेशकों को स्पिरिचुअल और वेलनेस क्षेत्र की वृहद जानकारी प्रदान कर सहयोग के मॉडल पर मंथन किया गया। साथ ही सिंहस्थ-2028 में विरासत को सहेजते हुए विकास योजना की जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में वेलनेस टूरिज्म ग्रोथ (सीएजीआर) भारत के शीर्ष राज्यों में है, जो मध्यप्रदेश को स्पिरिचुअल और वेलनेस क्षेत्र में निवेश के लिए आदर्श गंतव्य बनाती है।

कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं जिला प्रभारी गौतम टेटवाल, क्षेत्रीय सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूखेड़ा, नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कलावती यादव, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, प्रबंध संचालक एमपीआईडीसी चंद्रमौली शुक्ला, भण्डारी ग्रुप के चेयरमैन विनोद भण्डारी सहित बड़ी संख्या में निवेशक मौजूद थे।

India Edge News Desk

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