मध्यप्रदेश का दूसरा सोन घड़ियाल अभयारण्य, जहाँ हो रहा है प्राकृतिक पर्यावास में घड़ियालों का प्रजनन

भोपाल
मध्यप्रदेश में चंबल अभयारण्य के बाद दूसरे सोन घड़ियाल अभयारण्य में प्राकृतिक पर्यावास में घड़ियाल का प्रजनन हो रहा है। अभयारण्य घड़ियाल, स्कीमर सहित अन्य दुर्लभ जलीय जीव-जंतुओं के लिये प्रजनन के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित हो रहा है।
अभयारण्य पर मंडरा रहे अस्तित्व के संकट के बीच अभयारण्य में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों की इच्छा-शक्ति और अथक प्रयासों से सोन नदी के तटों पर निवासरत समुदायों के सहयोग एवं सहभागिता से जलीय जीव-जंतुओं का संरक्षण करने में सफलता प्राप्त की है। अभयारण्य में 21-22 मई, 2025 को घड़ियालों द्वारा दिये गये अण्डों से लगभग 80 बच्चे निकले है। शेष अण्डों से बच्चे निकालने का क्रम जारी है। अभयारण्य में नर घड़ियाल नहीं होने से प्रजनन अवरुद्ध हो गया था। चंबल अभयारण्य से 14 जनवरी, 2025 को एक नर घड़ियाल लाने के बाद 8 मादा घड़ियालों द्वारा माह मार्च-2025 में अण्डे दिये गये थे।
सोन घड़ियाल अभयारण्य, सीधी का गठन घड़ियाल एवं अन्य जलीय जीवों के संरक्षण के उद्देश्य से मध्यप्रदेश शासन के नोटिफिकेशन 23 सितम्बर, 1981 को किया गया था। इसके अंतर्गत सोन, गोपद एवं बनास नदियों में 209.21 किलोमीटर लम्बाई और चौड़ाई 200 मीटर है। अभयारण्य में वर्ष 2025 में की गयी जलीय जीव-जंतुओं एवं पक्षियों की गणना में 38 घड़ियाल, 74 मगरमच्छ, 41 स्मीकर, 49 प्रकार के कुल 4015 पक्षी तथा कछुए एवं मछलियों की अनेक प्रजातियाँ, जलीय सर्प इत्यादि जीव पाये गये।