महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार त्रासदी : एकनाथ शिंदे ने जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल की घोषणा की

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

मुंबई : विपक्ष के हंगामे के आगे झुकते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 16 अप्रैल को नवी मुंबई में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार 2022 समारोह के बाद हुई त्रासदी के तथ्यों की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल की घोषणा की। अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व की अध्यक्षता वाला पैनल एक महीने के भीतर इस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। यह राज्य सरकार को इस तरह के मेगा-कार्यक्रमों के आयोजन में भविष्य में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी सिफारिशें करेगा, नवी मुंबई के खारघर में हुए कार्यक्रम में 20 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे।

समारोह के दौरान हुई घटना की जांच के लिए पैनल की घोषणा घटना के चार दिन बाद गई है। रिपोर्ट के अनुसार, आरोप है कि कार्यक्रम के दौरान लू लगने और भगदड़ मचने के कारण 14 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि राज्य ने बाद वाले पहलू की पुष्टि नहीं की है। इस त्रासदी ने एक बड़े राजनीति विवाद के जन्म दे दिया। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने शिंदे के इस्तीफे की मांग की। साथ ही, मामले में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा एक न्यायिक जांच, विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र, सरकार की बर्खास्तगी, ऐसे आयोजनों के लिए एसओपी, प्रत्येक पीड़ित के लिए मुआवजे को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने की मांग की।

नेता प्रतिपक्ष व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार, राज्य प्रमुख जयंत पाटिल, क्लाइड क्रैस्टो, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, अतुल लोंधे, अशोक चव्हाण, शिवसेना-यूबीटी के संजय राउत, किशोर तिवारी, सुषमा अंधारे, डॉ. रघुनाथ कुचिक और अन्य ने विभिन्न मामलों में सरकार की आलोचना की थी। राज्य के पर्यटन मंत्री एम.पी. लोढ़ा ने बुधवार को दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे के बीच खुले स्थानों पर सार्वजनिक समारोह करने पर प्रतिबंध लगा दिया। कथित भगदड़ की सोशल मीडिया रिपोर्टों के बाद एमवीए नेता और अधिक आक्रामक हो गए। उन्होंने राज्यपाल रमेश बैस को लिखा, हालांकि सरकार ने भगदड़ के पहलू की पुष्टि नहीं की है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कॉर्पोरेट पार्क मैदान में सामाजिक कार्यकर्ता दत्तात्रेय नारायण धर्माधिकारी को प्रतिष्ठित ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ 2022 से सम्मानित किया था। इस कार्यक्रम में करीब 20 लाख लोग 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में लगभग पांच घंटे तक धैर्यपूर्वक बैठे रहे। देर शाम तक जश्न मातम में बदल गया, क्योंकि अधिक गर्मी की वजह से 14 लोगों की मौत हो गई। हालांकि विपक्ष ने सरकार पर हताहतों की वास्तविक संख्या को छुपाने का आरोप लगाया है।

पटोले और पवार ने सरकार को झटका देते हुए गैर-इरादतन हत्या के मामले दर्ज कराने, सरकार की बर्खास्तगी और 2 दिवसीय विशेष विधानमंडल सत्र बुलाने की मांग की। पटोले ने संबंधित एजेंसियों हमला बोलते हुए कहा कि लगभग 500 घायल लोगों का इलाज चल रहा है, अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या में और इजाफा होने से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने राज्य सरकार पर धर्माधिकारी और अन्य पर उंगलियां उठाने का भी आरोप लगाया। अजीत पवार ने कहा, “अगर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस अभी विपक्ष में होते, तो वे नवी मुंबई पुलिस मुख्यालय जाते और प्राथमिकी या गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होने तक बाहर नहीं निकलते। आज उनके पास गृह मंत्रालय है और उनकी जिम्मेदारी उससे भी ज्यादा है। उन्हें सीएम शिंदे से पद छोड़ने के लिए कहना चाहिए।”
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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