महात्मा गांधी एक बार ही कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, लेकिन उन्होने एक आंदोलन बना दिया था : खड़गे

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

रायपुर : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को रायपुर में कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन के मौके पर कहा कि स्टीयरिंग कमिटी की बैठक में राजनैतिक, आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्दे किसान और खेत मजदूर, सामाजिक न्याय और युवाओं के मसले पर चर्चा की जायेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 1885 से अब तक कांग्रेस के 138 साल के इतिहास में 84 अधिवेशन हो चुके हैं। लेकिन ये अधिवेशन इस लिहाज से खास है कि आज से करीब 100 साल पहले 1924 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे। यह महाधिवेशन मेरे गृह राज्य कर्नाटक में बेलगांव में हुआ था। हालांकि महात्मा गांधी एक बार ही कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। लेकिन उन्होने छोटी सी अवधि में कांग्रेस को गरीबों, कमजोर तबकों, गांव देहात और नौजवानों से जोड़ कर एक आंदोलन बना दिया था।

उन्होंने कहा कि सौ साल बाद फिर से उसी संकल्प और भाव की जरूरत है। ये उनके प्रति हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। कांग्रेस के हर महाधिवेशन में कुछ अहम फैसले हुए हैं, जिससे हमारा संगठन आगे बढ़ा। कुछ अधिवेशन मील के पत्थर बने। वहां होने वाले फैसले आज भी इतिहास में याद किए जाते हैं। फैजपुर, बांकीपुर, हरिपुरा से लेकर तमाम जगहें लोगों को केवल इस नाते याद है क्योंकि वहां कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। उन्होंने कहा कि हमारे सामने ये मौका है कि नया रायपुर को भी हम इतिहास में इस तरह दर्ज करा दें कि आने वाले समय में यह हमे रास्ता दिखाता रहे। छत्तीसगढ़ के इतिहास में कांग्रेस का यह महाधिवेशन आधा दर्जन राज्यों के विधान सभा चुनावों और उसके बाद 2024 के आम चुनावों की पृष्ठभूमि में हो रहा है।

हमारे सामने ये एक बड़ी चुनौती भी है और एक बड़ा अवसर भी है। यहां से हमारा सार्थक संदेश करोड़ों साथियों तक एक नई ऊर्जा के साथ पहुंचेगा तो वो कार्यकर्ता उसे गांव-गांव उसे पहुंचा कर जनता का विश्वास हासिल करने में कामयाब होंगे। हम जो फैसले लेंगे वो कन्याकुमारी से कश्मीर तक हमारी पार्टी के भविष्य का एक मजबूत आधार बनेंगे। खड्गे ने कहा कि हमारा महाधिवेशन ऐसे दौर में हो रहा है, जब इस देश के सामने कई गंभीर चुनौतियां खड़ी हैं। लोकतंत्र और संविधान पर खतरा मंडरा रहा है। संसदीय संस्थाएं भी गंभीर संकट से जूझ रही हैं। राजनीतिक गतिविधियों पर भी पहरेदारी हो रही है। इस नाते हमें बहुत सोच विचार कर तथ्यों के साथ अपने विचारों को आगे बढाना है क्योंकि इस महाधिवेशन पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी कांग्रेस पार्टी के संविधान में यह प्रावधान है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद पार्टी की कार्यसमिति, स्टीयरिंग कमिटी के रूप में तब्दील हो जाती है। हमारी अगली बैठक होगी तब तक नयी कांग्रेस कार्यसमिति के गठन की प्रक्रिया को हम पूरा कर चुकेंगे। कई दशको से कांग्रेस की ये परंपरा चली आ रही है, जिसका हम अच्छी तरह पालन कर रहें हैं। यही कार्यप्रणाली हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने बैठक के एंजेंडे की जानकारी देते हुए कहा कि पहला विषय सीडब्ल्यूसी का चुनाव है। दूसरा विषय है कि 85वें महाधिवेशन का एजेंडा तय करना और तीसरा विषय कांग्रेस पार्टी के संविधान में संशोधन करना। आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा हमारे प्रस्तावों से संबंधित है। इस महाधिवेशन में 6 विषय चर्चा के लिए तय हुए हैं। ये विषय हैं; राजनैतिक, आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्दे किसान और खेत मजदूर, सामाजिक न्याय और युवाओं का उत्थान। स्टियरिंग कमिटी को इन सभी विषयों पर चर्चा करना है। ये बहुत अहम काम है, जिसे हमें बहुत गंभीरता के साथ करना है। क्योंकि इसमें देश की बुनियादी समस्याओं को लेकर हमारी समझ और भविष्य के लिए हमारी दूरदर्शिता दोनों दिखेगी।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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