ममता सरकार को SC से राहत, कहा- अदालत का काम यह नहीं है कि वह कैबिनेट की ओर से लिए गए फैसलों की जांच कराएं

कोलकाता
अदालत का काम यह नहीं है कि वह कैबिनेट की ओर से लिए गए फैसलों की जांच कराएं। शीर्ष अदालत ने कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए यह अहम टिप्पणी की है। अदालत ने ममता सरकार को राहत देते हुए यह फैसला दिया और कहा कि शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ की 25 हजार भर्तियां कराने के फैसले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि अतिरिक्त भर्तियों के लिए पद सृजित किया जाना गलत था और कैबिनेट के फैसले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। इसी पर शीर्ष अदालत ने कहा कि इस केस में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही बेंच ने कहा कि अदालतों को कैबिनेट के फैसलों की जांच नहीं करानी चाहिए। यह उनका काम नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने ही बीते सप्ताह पश्चिम बंगाल में 25 हजार शिक्षक एवं अन्य स्टाफ की भर्ती को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इसकी प्रक्रिया दागी थी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। हालांकि अब बेंच ने ममता बनर्जी सरकार को थोड़ी राहत भी दी है। अदालत ने उच्च न्यायालय के उस फैसले को पलट दिया है, जिसके चलते ममता सरकार निशाने पर थी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कहा कि अदालत की भी अपनी सीमाएं हैं। वह ऐसे मामलों में जांच का आदेश नहीं दे सकती, जिसमें फैसला कैबिनेट की मीटिंग में हुआ हो। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर ममता बनर्जी ने कहा था कि मैं अदालत का सम्मान करती हूं, लेकिन फैसला स्वीकार्य नहीं है।

यही नहीं ममता बनर्जी का कहना था कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश में व्यापम जैसा घोटाला हुआ था, लेकिन किसी को कोई सजा नहीं हुई। हमने तो पूर्व शिक्षा मंत्री को हटाया और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। आखिर व्यापम केस में कौन जेल गया था। यही नहीं ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि नीट परीक्षा में भी धांधली हुई थी। इसके अलावा उनका आरोप था कि भाजपा और सीपीएम ने मिलकर साजिश रची है ताकि बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया जाए। दरअसल मामला यह है कि पश्चिम बंगाल में 23 लाख अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए परीक्षा दी थी। 2016 में यह भर्ती निकली थी और 24,640 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ था।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button