राजस्थान पुलिस का सार्थक प्रयास : थाना आपके द्वार
गोविंद पारीक
देश में पहली बार राजस्थान पुलिस ने एक अभिनव प्रयास करते हुए ’’थाना आपके द्वार’’ की परिकल्पना को साकार स्वरूप प्रदान करने का सार्थक प्रयास किया है। यह परिकल्पना पुलिस जांच के लिए आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट की शुरुआत से साकार स्वरूप ले रही है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 4 अप्रैल 2022 को मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट को हरी झंडी दिखाई और प्रथम चरण में 71 मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट वेन विभिन्न जिला पुलिस इकाइयों के लिए रवाना की।
किसी भी प्रकार का गंभीर अपराध होने की स्थिति में तत्काल घटनास्थल पर जाकर सबूत एकत्रित करने से लेकर गवाहों के बयान दर्ज कराने की सुविधायुक्त यह वाहन पुलिस जांच कार्य में गति लाने की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। अनुसंधान अधिकारी उपयुक्त वातावरण में निर्विघ्न एवं निष्पक्ष रुप से मौके से सबूत जुटाकर अपराध का बेहतर और कम समय में अनुसंधान भी कर सकेंगे। तत्काल सबूत जुटाने से सबूतों में हेरफेर की संभावना से बचा जा सकता है एवं गुणवत्तापूर्ण सबूत एकत्रित किये जा सकते हैं।
पुलिस आधुनिकीकरण योजना वर्ष 2021-22 के तहत गंभीर प्रकार के अपराधों व भीषण सड़क दुर्घटना संबंधी प्रकरणों का मौके पर ही पूर्ण अनुसंधान करने, गवाहों के बयान दर्ज करने, वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित करने व अपराधियों से तफ्तीश करने इत्यादि उद्देश्यों से महानिदेशक पुलिस श्री एम एल लाठर ने इस यूनिट की परिकल्पना की । अतिरिक्त महानिदेशक श्री गोविन्द गुप्ता के सुपरविजन में इस वेन की रूपरेखा बनाकर स्वीकृति हेतु प्रेषित की गयी। पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट के लिए राज्य सरकार से स्वीकृत 10 करोड़ की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति से 71 मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट्स प्राप्त हुई है। इन्हें विभिन्न थानों में तैनात करने के लिये भिजवाया गया है।
पुलिस द्वारा अनुसंधान में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गवाहों के बयानात को ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग उपकरणों के माध्यम से दर्ज करने पर जोर दिया जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए इन मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट्स में ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग की भी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी जिससे गवाहों के बयान तत्काल दर्ज किए जा सके एवं अनुसंधान की निष्पक्षता को सुनिश्चित किया जा सके।
मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट में लगाए गए विभिन्न आवश्यक उपकरण व्यवस्थित रूप से जमाकर इनकी सूची मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट में प्रदर्शित की गई है। इन यूनिट्स में बॉडीवार्न कैमरा, डिजीटल फ़ोटो कैमरा, डिजीटल वीडियो कैमरा, फर्स्ट एड बॉक्स, इन्वेस्टिगेशन किट, लैपटॉप, प्रिंटर, सेक्सुअल असॉल्ट एविडेंस कलेक्शन किट, रिफ्लेक्टिव टेप मय पिलर्स की व्यवस्था की गई है। साथ ही फायर एक्सटिंग्विशर, डिजीटल वेइंग मशीन, लेटेस्ट फिंगरप्रिंट डेवलपमेंट किट, फुट एंड टायर कास्टिंग, टावर लाइट-ऑन ट्राईपोल, डिजीटल डिस्टेंस मेजरिंग डिवाइस, नारकोटिक डिटेक्शन किट, डीएनए सैंपल कलेक्शन किट, ड्रैगन लाइट एवं जीपीएस की सुविधा भी इन वाहनों में उपलब्ध करवाई गई है।
उपलब्ध करवाई गई इन मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट्स में से 5 एंटी करप्शन ब्यूरो को, 2 क्राइम ब्रांच को, 2 सिविल राइट्स विंग को और एक मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट एटीएस-एसओजी को उपलब्ध करवाई गई है। शेष सभी मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट्स प्रदेश के 37 जिला पुलिस यूनिट्स को उपलब्ध करवाई गई है।
मोबाइल इन्वेस्टिगेशन यूनिट की उपलब्धता से थानाधिकारियों को अतिरिक्त सुविधा मिलेगी। अनेक अवसरों पर घटना स्थल पर इस वेन के माध्यम से जांच अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंच सकेंगे और थानाधिकारी मौके पर क़ानून व्यवस्था की स्थिति पर बेहतर निगरानी रख सकेंगे। वाहन में उपलब्ध गैजेट्स की सहायता से अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ेगी। जांच अधिकारी द्वारा प्रकरण से संबंधित सभी गवाहों से मौके पर ही अनुसंधान किया जा सकेगा तथा उनके बयान वेन में बैठकर दर्ज किए जा सकेंगे। इससे जांच अधिकारी को गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए परिवादी या आरोपी के यहाँ जाकर बैठने की आवश्यकता नही रहेगी। इनके परिणाम स्वरूप जांच का औसत समय घटेगा। कई मामलों में तो जांच का कार्य एक दिन में ही पूरा किया जा सकेगा।