अंतर्राज्यीय ट्रांसमिशन लाइन में टॉवरों का मॉडिफिकेशन और शिफ्टिंग कार्य पूर्ण : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर

भोपाल
ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी है कि वर्ष 2021 में आई विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित श्योपुर जिले के सीप नदी क्षेत्र में अंतर्राज्यीय 132 केवी श्योपुर–सबलगढ़ टेप–खंदार (राजस्थान) डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन में टॉवरों के संशोधन एवं स्थानांतरण का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह कार्य विद्युत पारेषण व्यवस्था को बाढ़ जैसी आपदाओं में भी सुदृढ़ और सुरक्षित बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया। इसके तहत पुराने टॉवरों के फाउंडेशन को विशेष आधुनिक तकनीक से पुनर्निर्मित किया गया तथा कुछ टॉवरों को नदी के समीप सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर नये टॉवर लगाये हैं।
इस कार्य में 79 लाख रुपये की लागत आई है। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) द्वारा बनाए गए छह नए टॉवर विशेष डिज़ाइन के फाउंडेशन पर आधारित हैं, जो भविष्य में बाढ़ जैसी आपदाओं का प्रभाव सहन करने में सक्षम होंगे।
श्री तोमर ने कहा कि यह परियोजना न केवल राज्य की विद्युत प्रणाली को सशक्त बनाएगी, बल्कि आपदा प्रबंधन और आधारभूत ढांचे की मजबूती का भी प्रमाण है। उन्होंने एमपी ट्रांसको के प्रयासों की सराहना की।
ऊँचाई में वृद्धि और विशेष तकनीक का उपयोग
एमपी ट्रांसको, ग्वालियर के अधीक्षण अभियंता श्री अरविंद शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021 में बाढ़ और डैम ओवरफ्लो के कारण 132 केवी शिवपुरी–सबलगढ़ टेप–खंदार ट्रांसमिशन लाइन के छह टॉवर क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित हुई थी। साथ ही अंतर्राज्यीय विद्युत का आदान-प्रदान भी प्रभावित हुआ था। एम. पी. ट्रांसको द्वारा भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचाव के लिये स्पेशल ओपन कास्ट फाउंडेशन तकनीक का उपयोग करते हुए टावरों का पुनर्निर्माण, संशोधन और स्थानांतरण किया गया है।
श्री शर्मा ने यह भी बताया कि सीप नदी के जलभराव की आशंका को देखते हुए तहसील मानपुर के ग्राम कोटरा क्षेत्र में टॉवरों की ऊँचाई बढ़ाई गई है। साथ ही नदी के कटाव से सुरक्षा के लिए कुछ टॉवरों को नए स्थानों पर स्थापित किया गया है। इससे ट्रांसमिशन लाइन की स्थिरता और विद्युत आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित हो सकेगी।