चुनाव कराने पहुंचीं सुरक्षाबलों की 25 से अधिक कंपनियां, 10 हजार जवानों के कंधे पर होगी सुरक्षा की जिम्मेदारी
राज्य में दो चरणों में सात और 17 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव की मतगणना शांतिपूर्वक संपन्न कराने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र अर्ध सैनिक बलों की टुकड़ियों का छत्तीसगढ़ पहुंचने का सिलसिला हुआ शुरू हो चुका है

रायपुर : राज्य में दो चरणों में सात और 17 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव की मतगणना शांतिपूर्वक संपन्न कराने सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र अर्ध सैनिक बलों की टुकड़ियों का छत्तीसगढ़ पहुंचने का सिलसिला हुआ शुरू हो चुका है। ये टुकड़ियां स्पेशल ट्रेनों के ज़रिए रायपुर पहुंच रही हैं। इस बार पूरे प्रदेश में क़रीब 10 हज़ार से ज्यादा अर्ध सैनिक बल के जवानों की तैनाती की गई है।
वाहनों का अधिग्रहण जारी
केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को प्रदेशभर के अलग-अलग अतिसंवेदन और संवेदनशील मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए छोटे-बड़े वाहनों की व्यवस्था पुलिस और परिवहन विभाग मिलकर कर रहा है। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने सभी जिलों के आरटीओ को निर्देश दिया है कि अधिगृहीत वाहनों का पीएलओ खर्च वाहन मालिक वहन करेंगे, परंतु यदि पीएलओ शासन उपलब्ध कराया जाता है तो पीएलओ का व्यय घटाकर शेष किराया का भुगतान किया जाएगा। साथ ही चालक, परिचालकों के प्रतिदिन भोजन भत्ता 375 रुपये दिया जाएगा।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए केंद्रीय फोर्स के जवानों की तैनाती की जा रही है। सात नवंबर को प्रथम चरण के होने वाले मतदान के लिए पिछले दिनों अर्धसैनिक बल के छह सौ से अधिक जवान विशेष ट्रेन से दुर्ग के मरोड़ा स्टेशन में उतरे थे। वहां से सभी जवानों को अलग-अलग क्षेत्रो में ड्यूटी करने रवाना किया गया था। ये जवान चुनाव होने तक तक मोर्चा संभालेंगे।
पहले चरण के मतदान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम