बच्चों के बचपन को बचा लिया मुख्यमंत्री पालनहार योजना ने

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
राज्य सरकार संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन के संकल्प के साथ आमजन की समस्याओं के त्वरित निस्तारण और आवश्यक कार्यों का समय बद्ध निस्तारण करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की मुख्यमंत्री पालनहार योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था के लिए परिचित व्यक्ति अथवा निकटतम रिश्तेदार को पालनहार बनाकर आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के तहत बच्चों को भविष्य की बेहतर दिशा की ओर अग्रसर होने का मौका मिला है।
योजना का लाभ अनाथ, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड एवं आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता, पुनर्विवाहित विधवा माता, एचआईवी एवं एड्स पीड़ित माता-पिता, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता, विशेष योग्यजन माता-पिता, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता महिला तथा सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चों को मिल रहा है।
योजना के तहत अनाथ श्रेणी के 0-6 आयु वर्ग के बच्चों को 1 हजार 500 रूपये प्रतिमाह, 6-18 आयु वर्ग तक के बच्चों को 2 हजार 500 रूपये प्रतिमाह, अन्य श्रेणी के 0-6 वर्ष तक की आयु के बच्चों को 500 रुपये प्रतिमाह, 6-18 वर्ष तक की आयु के बच्चों को एक हजार रुपये प्रतिमाह एवं वस्त्र, स्वेटर, जूते आदि खर्च के लिए एकमुश्त 2 हजार रुपये वार्षिक दिए जाते हैं।
उदयपुर जिले के रहने वाले धैर्य शाक्य (उम्र 14 वर्ष) क्रिकेट एवं फुटबॉल के बहुत बड़े शौकीन हैं। उनकी बहन कामाक्षी शाक्य (उम्र 12 वर्ष) को ड्राइंग करना बहुत पसंद है। अपने बचपन की शरारतों में मशगुल रहने वाले दोनों बच्चों को इतनी छोटी उम्र में ही इतना कुछ देखने को मिलेगा कोई नहीं जानता था। 9 साल से लकवे से ग्रसित मां को खोने के सदमे से दोनों उभरे भी नहीं थे कि कोरोना महामारी से 2021 में धैर्य और कामाक्षी के सिर से पिता का साया भी छिन गया। बच्चों की मासूमियत और बचपन का दहन होने लगा।
ऐसे में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री पालनहार योजना ने बच्चों के बचपन को बचा लिया। अभी उनकी बुआ के बेटे कमलेश पालनहार बन उन दोनों बच्चों का पालन पोषण कर रहे हैं। बच्चों के सुंदर भविष्य के सृजन के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा पिता की मृत्यु के बाद दोनों बच्चों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक-एक लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई है जिसकी कमलेश ने बच्चों के नाम एफडी बनाकर उनके भविष्य को सुरक्षित किया है। इसके अतिरिक्त हर माह बच्चों के लालन-पालन के लिए राज्य सरकार द्वारा 2 हजार 500 रुपए की राशि भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के इस सराहनीय कदम से बच्चों के भविष्य की नींव मजबूत हुई है। कमलेश का कहना है कि धैर्य एवं कामाक्षी को इस योजना का लाभ मिलने से उनके लालन-पालन में काफी मदद मिली है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने एक पिता की तरह भूमिका का निर्वहन किया है। श्री अशोक गहलोत को अभिभावक के रूप में पाकर वे अब अपने भविष्य को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।