बाबा सिद्दीकी हत्या मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने कुछ नए खुलासे किए, यूपी और हरियाणा से क्यों बुलाए शूटर्स

नई दिल्ली
बाबा सिद्दीकी हत्या मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने कुछ नए खुलासे किए हैं। बताया गया कि इस मामले में हाल में गिरफ्तार किए गए 5 आरोपियों ने हत्या के लिए 50 लाख रुपये मांगे थे। मगर, भुगतान को लेकर असहमति और एनसीपी नेता के रसूख को देखते हुए उन्होंने हत्या को अंजाम देने से बाद में मना कर दिया। ऐसे में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े शुभम लोंकर ने नए शूटर हायर करने का फैसला लिया। वह जानता था कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा के शूटरों को महाराष्ट्र में बाबा सिद्दीकी की हैसियत के बारे में पता नहीं होगा। उसका यह प्लान काम कर गया और उससे कम रकम में ही बाहरी शूटर्स हत्या के लिए सहमत हो गए। इस तरह, हरियाणा के निवासी गुरमेल बलजीत सिंह, उत्तर प्रदेश के धर्मराज कश्यप और शिवकुमार गौतम को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया।

मुंबई पुलिस ने सिद्दीकी की हत्या मामले में शुक्रवार को 5 लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने पूर्व विधायक की हत्या में शामिल लोगों को आवश्यक सामग्री और अन्य प्रकार की मदद दी थी। अब इस सनसनीखेज मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या अब 9 हो गई है, जबकि तीन लोग फरार हैं। पुलिस ने बताया कि हाल में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नितिन गौतम सप्रे (32), संभाजी किसान पारधी (44), प्रदीप दत्तू थोम्ब्रे (37), चेतन दिलीप पारधी और राम फूलचंद कनौजिया (43) के रूप में की गई है। गौतम सप्रे डोंबिवली से है। संभाजी किसान पारधी, थोम्ब्रे और चेतन दिलीप पारधी ठाणे जिले के अंबरनाथ से हैं। कनौजिया रायगढ़ के पनवेल का रहने वाला है।

पैसों को लेकर नहीं बन पाई बात
सीनियर अधिकारी ने शनिवार को कहा, 'पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि गौतम सप्रे के नेतृत्व वाले गिरोह ने एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए मध्यस्थ से 50 लाख रुपये की मांग की थी। लेकिन, सौदे पर असहमति के कारण यह बात नहीं बन पाई।’ उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सप्रे को पता था कि सिद्दीकी एक प्रभावशाली नेता हैं। इसलिए उन्हें मारना उसके गिरोह के लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकता था। ऐसे में आरोपियों ने आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा, 'यह जरूर है कि आरोपी व्यक्तियों ने नए शूटरों को आवश्यक सामग्री देने और अन्य सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया।'

लोंकर के संपर्क में था सप्रे गिरोह
अधिकारी ने बताया कि जांचकर्ताओं ने पाया है कि गौतम सप्रे के नेतृत्व वाला गिरोह गोलीबारी किए जाने तक साजिशकर्ता शुभम लोंकर और मुख्य षड्यंत्रकर्ता मोहम्मद जीशान अख्तर के संपर्क में था। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सिद्दीकी की 12 अक्टूबर की रात को उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के मुंबई के बांद्रा स्थित कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम, शुभम लोंकर और मोहम्मद जीशान अख्तर फिलहाल फरार हैं। इनकी तलाशी महाराष्ट्र के अलावा दूसरे राज्यों में भी चल रही है। हालांकि, अभी तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है।

India Edge News Desk

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