छत्तीसगढ़संपादकीय

19 से 21 अप्रैल तक रायपुर में आयोजित होगा राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

रायपुर : राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का आयोजन राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ऑडिटोरियम में 19 अप्रैल से 21 अप्रैल तक किया जाएगा। राष्ट्रीय महोत्सव का उद्घाटन 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल करेंगे तथा समापन 21 अप्रैल को राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के मुख्य आतिथ्य में होगा। राष्ट्रीय स्तर के तीन दिवसीय आयोजन में राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव, राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य प्रदर्शन और राज्य स्तरीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन होगा। यह आयोजन आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित किया गया है।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने अपने निवास कार्यालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की तथा संबंधितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मंत्री डॉ.टेकाम ने कहा कि इस तीन दिवसीय आयोजन के दौरान राज्य के विभिन्न अंचलों के जनजातीय समुदाय के प्रबुद्ध व्यक्तियों, समाज प्रमुखों, साहित्यकारों एवं कला मर्मज्ञों को भी आमंत्रित किया जाए। महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम में बस्तर बैंड का प्रदर्शन, बाल कलाकार सहदेव नेताम और जनजातीय नृत्य मुख्य आकर्षक होंगे। साहित्य सम्मेलन को पद्मश्री साहित्यकार श्री हलधर नाग भी सम्बोधित करेंगे। बैठक में सचिव आदिमजाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास श्री डी.डी.सिंह, आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

समकालीन साहित्य परिचर्चा
राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव की तैयारियों के संबंध में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि समारोह आयोजन का मुख्य उद्देश्य देशभर में पारम्परिक एवं समकालीन साहित्य से परिचय तथा आधुनिक संदर्भ में उनके विकास की स्थिति ज्ञात करना है। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य में जनजातीय साहित्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे शोधार्थियों, साहित्यकारों, रचनाकारों को मंच प्रदान कर जनजातीय साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करना है।

राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव को दो भागों- शोधपत्र पठन और वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ परिचर्चा में विभाजित किया गया है। शोधपत्र पठन के अंतर्गत देशभर से जनजातीय साहित्य पर आधारित शोध पत्र राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों, विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के माध्यम से आमंत्रित किए गए हैं। इसी प्रकार वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ परिचर्चा में देशभर के जनजातीय साहित्य से संबंधित विभिन्न विषयों के स्थापित एवं नवोदित साहित्यकारों को आमंत्रित कर जनजातीय परम्परा में साहित्य तथा वर्तमान स्थिति, जनजातीय कथाएं, जनजातीय कविताएं, पुरखा साहित्य आदि पर परिचर्चा कराई जाएगी। इसके फलस्वरूप जनजातीय साहित्य की विभिन्न विधाओं की जानकारी के साथ ही इसमें विभिन्न रचनाकारों द्वारा किए जा रहे साहित्य सृजन के अभिनव प्रयासों से आम तथा सुधीजन परिचित हो सकेंगे, जो जनजातीय साहित्य के संरक्षण एवं विकास में उपयोगी होगा।

जनजातीय विषयों के लेखक और शोधार्थियों का संगम
साहित्य महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से जनजातीय विषयों पर लेखन कार्य करने वाले जनजातीय एवं गैरजनजातीय स्थापित एवं विख्यात साहित्यकारों, रचनाकारों, विश्वविद्यालयों के अध्येताओं, शोधार्थियों, विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। अब तक 80 शोधपत्र प्राप्त हो चुके हैं। शोध पत्रों के सारांश को पुस्तक आकार देने प्रकाशन की तैयारी चल रही है। शोधार्थियों को कार्यक्रम में शोध पढ़ने के लिए आमंत्रण भेजा जा चुका है। वरिष्ठ साहित्यकारों और विद्वानों के साथ परिचर्चा के लिए देश के विभिन्न जनजातीय राज्यों एवं विश्वविद्यालयों से लगभग 28 प्रोफेसरों एवं साहित्यकारों की सहमति प्राप्त हो चुकी है। छत्तीसगढ़ राज्य के भी विद्वान जो महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं जनजातीय क्षेत्रों में है, उनकों भी आमंत्रित किया गया है।

विविध कला प्रतियोगिता
साहित्य महोत्सव के अंतर्गत कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता तीन आयु वर्गांे में चित्रकला प्रतियोगिता के लिए राज्यभर के प्रविष्टियां आमंत्रित हो गई हैं। अब तक तीनों आयु वर्गो में 100 प्रविष्टियां प्राप्त हो गई हैं। इसके अतिरिक्त हस्तकला के अंतर्गत माटी, बांस, बेलमेटल, काष्ठकला आदि का भी जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा। इन कलाओं में अच्छे प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। महोत्सव में छत्तीसगढ़ के विभिन्न नृत्य विधाओं का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न जनजातीय क्षेत्रों में किए जाने वाले जनजातीय नृत्य शैला, सरहुल, करमा, सोन्दो, कुडुक, डुंडा, दशहरा करमा, विवाह नृत्य (हुल्की), मड़ई नृत्य, गवरसिंह, गेड़ी, करसाड़, मांदरी, डण्डार आदि नृत्यों का प्रदर्शन तीनों दिन संध्या काल में किया जाएगा।

पुस्तक मेला
महोत्सव में पुस्तक मेले का आयोजन भी किया जा रहा है। इसमें देश के प्रतिष्ठित प्रकाशकों जो जनजातीय विषयों पर विशेष रूप से प्रकाशन किया है, ऐसे 10 प्रकाशकों को आमंत्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के दो प्रकाशक, भोपाल से वन्या प्रकाशन की प्रदर्शनी एवं इन सभी से सहमति प्राप्त हो गई है। पुस्तक स्टालों के लिए ऑडिटोरियम की आंतरिक परिसर की गैलरी में व्यवस्था की गई है। इसके अलावा प्रदर्शन सह विक्रय के 30 स्टॉल लगाए जा रहे हैं। उनमें हस्तकलाओं से संबंधित स्टॉल के लिए हस्तकला बोर्ड एवं माटी कला बोर्ड से स्टॉल लगाए जाएंगे। वन विभाग का संजीवनी, वनोपज एवं वन औषधि, जनजातीय चित्रकला की प्रदर्शनी, गढ़कलेवा, बस्तरिहा व्यंजन, आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की प्रदर्शनी, अंत्याव्यवसायी निगम की विभागीय योजनाओं की प्रदर्शनी, ट्राईफेड आदि के स्टॉल लगाए जाएंगे। इन सभी से भी सहमति प्राप्त हो गई है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button