बिल्किस बानो मामले पर अखिलेश और मायावती की चुप्पी शर्मनाक : शाहनवाज़ आलम

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

लखनऊ । अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि बिल्किस बानो मामले के दोषियों की गुजरात सरकार द्वारा रिहाई पर अखिलेश यादव और मायावती जी की चुप्पी से इन दोनों पार्टियों की भाजपा से नजदीकी साबित होती है। इसलिए मुसलमानों को इन दोनों दलों से सावधान रहना चाहिए। कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि बिल्किस बानो के दोषियों को जेल से छोड़ देने पर पूरे देश के न्यायप्रिय लोगों और अल्पसंख्यक समुदायों में मायूसी और आक्रोश है। लेकिन उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय और बहुजनवाद की बात करने वाली सपा और बसपा इस अन्याय और संविधान विरोधी कृत्य पर चुप हैं। अखिलेश यादव और मायावती जी का अब तक इस मुद्दे पर एक बयान या एक ट्वीट तक नहीं आया है। जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जी ने अपना पक्ष देश के सामने रखा है। वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने इस पर प्रेस कांफ्रेंस करके न्याय के साथ इस क्रूर मज़ाक पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि ऐसा लगता है कि 2002 के मुस्लिम विरोधी जनसंहार के बाद मोदी जी का प्रचार करने गयीं मायावती जी को मुस्लिम महिला बिल्किस बानो से कोई सहानुभूति नहीं है। उनकी चुप्पी उस जनसंहार में मोदी जी की भूमिका को जायज ठहराने की कोशिश जैसी है। वहीं अखिलेश जी की चुप्पी से लगता है कि उन्हें भी मुसलमानों के साथ अन्याय से कोई फर्क नहीं पड़ता। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमान भूला नहीं है कि सोनिया गांधी जी द्वारा सरकारी एजेंसियों के दुरूपयोग के खिलाफ़ विपक्षी दलों द्वारा जारी किये गए संयुक्त बयान पर कैसे सिर्फ़ अखिलेश यादव और मायावती जी ने हस्ताक्षर करने से इनकार करके विपक्षी एकता को कमज़ोर करने की कोशिश की थी।

India Edge News Desk

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