जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री में पहली बार विध्वंसक टैंकों का मेंटीनेंस भी शुरू

जबलपुर
 अभी तक जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री में सेना के उपयोग में आने वाले वाहन बनाए जा रहे हैं, लेकिन अब यहां पहली बार विध्वंसक टैंकों का मेंटीनेंस भी शुरू हो रहा है. बता दें कि जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री में फिलहाल सेना के उपयोग में आने वाले कुछ महत्वपूर्ण वाहनों का उत्पादन करता है. ये सामान्य ट्रक होते हैं, जिन्हें पहाड़ी मैदान या फिर दलदल जैसी परिस्थिति में दौड़ाया जा सकता है.

साढ़े 4 किमी दूर मार करता है ये टैंक

व्हीकल फैक्ट्री के मुख्य महाप्रबंधक संजीव कुमार भोला ने अपनी टीम के साथ एक नए प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया. इसके तहत व्हीकल फैक्ट्री को अब सामान्य वाहनों के साथ युद्ध टैंक के ओवर ऑयलिंग की भी जिम्मेदारी मिलने जा रही है. बता दें कि भारतीय सेना युद्ध के दौरान टैंक का इस्तेमाल करती है. इसमें T 90 और T 70 टैंक सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इनकी मारक क्षमता साढे़ 4 किलोमीटर है.

टी सीरिज टैंकों को रूस से आयात किया

फिलहाल भारत के पास जो टैंक हैं, वे रूस से खरीदे गए थे. इन युद्धक वाहनों को लगातार मेंटेनेंस की जरूरत होती है. मेंटेनेंस का काम अभी तक चेन्नई में होता था. बीते दिनों जबलपुर के कई जिम्मेदार अधिकारी मेंटेनेंस के इस काम को सीखने के लिए ट्रेनिंग पर चेन्नई गए थे. इस प्रोजेक्ट के आने के बाद जबलपुर की व्हीकल फैक्ट्री का काम बढ़ जाएगा. इसमें कई नए लोगों को भी काम मिलेगा और कर्मचारियों का तकनीकी कौशल भी.

मेंटेनेंस के तहत मारक क्षमता का होगा टेस्ट

टी सीरीज के टैंकों के मेंटेनेंस के तहत इनकी मारक क्षमता का टेस्ट किया जाएगा. इसके लिए टेस्टिंग रेंज विकसित करनी होगी. इन टैंक में लगने वाली चैन के मेंटेनेंस के लिए नई मिशनरी लगाई जाएगी. सीजीएम संजीव कुमार भोले की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में बताया है "यह जबलपुर के विकास के लिए एक नए युग की शुरुआत है."

व्हीकल फैक्ट्री में इन वाहनों का प्रॉडक्शन

    माइन प्रोटेक्टेड वाहन
    स्टैलियन
    आरओएस_7899
    टाटा-407 पर 5 बुलेट प्रूफिंग
    5 टन-क्रॉस कंट्री (सीसी)/ 7.5 टन – सैंड कम हाईवे
    वाटर ब्राउज़र

India Edge News Desk

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