राजा हत्याकांड में नया मोड़, दो आरोपियों ने मजिस्ट्रेट के सामने चुप्पी साधी

इंदौर
 राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक नया मोड़ आया है। हत्या के आरोप में गिरफ्तार आकाश और आनंद ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना गुनाह कबूल करने से मना कर दिया है। पहले मेघालय पुलिस ने कहा था कि सभी आरोपियों ने अपना अपराध मान लिया है। लेकिन मेघालय एसआईटी के प्रमुख का कहना है कि उनके पास अभी भी दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। अब सवाल यह है कि क्या सोनम रघुवंशी बच जाएगी, क्योंकि आरोपियों ने अपने बयान बदल दिए हैं। हालांकि, एसआईटी के बयान से ऐसा नहीं लगता है।

एसआईटी के पास है ठोस सबूत

राजा रघुवंशी हत्याकांड में भले ही आरोपियों ने मजिस्ट्रेट के सामने अपराध कबूल करने से इनकार कर दिया हो, लेकिन एसआईटी का कहना है कि उनके पास आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत हैं। इस मामले की जांच कर रहे शिलांग शहर के एसपी और मेघालय एसआईटी प्रभारी हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने यह जानकारी दी।

आरोपियों का कबूलनामा और फिर पलटना

मेघालय पुलिस ने इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें सोनम, राज कुशवाहा, तीन किराए के हत्यारे, और सबूत नष्ट करने के आरोप में तीन अन्य शामिल हैं। शुरुआती जांच में आकाश और आनंद ने हत्या में अपनी भूमिका स्वीकार की थी और पुलिस के सामने अपराध की पूरी कहानी बयान की थी। हालांकि, 26 जून को मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने पर दोनों ने अपने बयानों से पलटते हुए कोई भी कबूलनामा देने से इनकार कर दिया। शिलांग शहर के पुलिस अधीक्षक हरबर्ट पिनियाड खारकोंगोर राजा हत्याकांड की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे हैं।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारी ने बताया कि आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी चुप रहे और गुरुवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने पर कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "हमने (पांच) आरोपियों में से केवल दो को मजिस्ट्रेट के पास भेजा। वे कोई बयान नहीं देना चाहते थे। हमारे पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। हम एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) रिपोर्ट का भी इंतजार कर रहे हैं।"

मेघालय पुलिस ने पहले दावा किया था कि सभी आरोपियों ने अपराध कबूल कर लिया है। खारकोंगोर ने बताया कि पुलिस के इकबालिया बयान अदालत में स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, "यह उनका अधिकार है कि वे इकबालिया बयान न दें। लेकिन भौतिक साक्ष्य भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोई समस्या नहीं है। हमारे पास मामले में सबूत हैं।"

बता दें कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 180 के तहत दर्ज बयान, जांच और जिरह के दौरान अधिकारियों की सहायता करते हैं, लेकिन केवल धारा 183 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज बयान ही अदालत में महत्व रखते हैं। पुलिस के मुताबिक, आनंद और आकाश के अलावा, विशाल सिंह चौहान ने पिछले महीने मेघालय में अपने हनीमून के दौरान सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाह को उसके नवविवाहित पति राजा की हत्या करने में सहायता की थी।
सोनम और राज का कबूलनामा

पुलिस के अनुसार, सोनम रघुवंशी और राज कुशवाहा ने अपनी प्रेम संबंध और हत्या की साजिश में अपनी भूमिका स्वीकार की है। दोनों ने पुलिस को बताया कि वे एक रिश्ते में थे और राजा को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी। इस साजिश को इंदौर में राजा और सोनम की शादी से 11 दिन पहले तैयार किया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोनम ने तीनों हत्यारों को 20 लाख रुपये की सुपारी दी थी, जिसका पहला भुगतान सोनम के चचेरे भाई जितेंद्र रघुवंशी ने किया था।
सबूत और जांच

मेघालय पुलिस ने इंदौर में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया और एक देसी पिस्तौल, दो मैगजीन, और दो जिंदा कारतूस बरामद किए, जो कथित तौर पर राज कुशवाहा ने हत्या के लिए खरीदे थे। इसके अलावा, पुलिस सोनम के लैपटॉप की तलाश कर रही है, जो अभी तक बरामद नहीं हुआ है। पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि हत्या के बाद सोनम ने मेघालय से भागकर असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, और उत्तर प्रदेश के रास्ते इंदौर पहुंची थी। वह 26 मई से 8 जून तक इंदौर के हीरा बाग कॉलोनी में एक फ्लैट में छिपी रही, जो प्रॉपर्टी डीलर सिलोम जेम्स ने किराए पर दिया था। इस फ्लैट के मालिक लोकेन्द्र सिंह तोमर, सिलोम जेम्स, और सिक्योरिटी गार्ड बलवीर अहिरवार को साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
हवाला कनेक्शन की जांच

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में हवाला कारोबार के कुछ इनपुट भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इसके अलावा, सोनम के कॉल डिटेल्स के आधार पर पुलिस उसके सहकर्मियों और परिवार वालों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हत्या की साजिश कब और कैसे शुरू हुई। राजा के परिवार ने सोनम और राज पर नार्को टेस्ट की मांग की थी, लेकिन मेघालय पुलिस के एसपी विवेक सियेम ने इसे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "नार्को टेस्ट तब किया जाता है जब कोई साक्ष्य नहीं होता, और सुप्रीम कोर्ट ने इसे प्रतिबंधित किया हुआ है। हमारे पास पर्याप्त साक्ष्य हैं।" पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही एक मजबूत चार्जशीट तैयार करेंगे, जिसमें डीएनए, कॉल रिकॉर्ड, जीपीएस ट्रैकर, और बरामद हथियारों जैसे साक्ष्य शामिल होंगे।

मजिस्ट्रेट के सामने साध ली चुप्पी

उन्होंने बताया कि दो आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था, लेकिन उन्होंने कोई भी बयान देने से मना कर दिया। पुलिस ने सभी आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया था। सिर्फ आकाश और आनंद को ही पेश किया गया था। दोनों ने चुप रहने का फैसला किया और कोई बयान नहीं दिया, जो कि उनका कानूनी अधिकार है।

मजबूत हैं सबूत

मीडिया से बात करते हुए हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने बताया कि एसआईटी ने जांच शुरू करने के साथ ही पर्याप्त और ठोस सबूत इकट्ठा कर लिए थे। ये सबूत मजबूत हैं और अदालत में स्वीकार किए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस के सामने दिए गए कबूलनामे अदालत में मान्य नहीं होते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भौतिक सबूत कानूनी प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

बीएनएसएस (BNSS) की धारा 180 के तहत दर्ज किए गए बयान जांच और पूछताछ के दौरान मददगार होते हैं। लेकिन बीएनएसएस की धारा 183 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए बयान ही अदालत में महत्वपूर्ण सबूत माने जाते हैं। फिलहाल, एसआईटी इस मामले में फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। यह रिपोर्ट जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button