जब तक सहारा के निवेशकों को न्याय नहीं मिलेगा तब तक इस आंदोलन को समाजवादी पार्टी उठाती रहेगी : मनोज यादव

भोपाल

आज प्रेस वार्ता के माध्यम से समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनोज यादव जी ने बताया कि भाजपा विधायक संजय पाठक के द्वारा किस तरीके से प्रशासन के साथ साठ-गाठ करके सहारा की करोड़ों की जमीन को सस्ते दामों में लेकर कितना बड़ा घोटाला किया है। तथा युवजनसभा प्रदेशअध्यक्ष कटनी निवासी इंजी. यदुवेंद्र यादव बताया कि बेसहारा निवेशकों का सहारा है समाजवादी पार्टी,  तथा जब तक सहारा के निवेशकों को न्याय नहीं मिलेगा तब तक इस आंदोलन को समाजवादी पार्टी उठाती रहेगी

प्रेस वार्ता के कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं

1.सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉपॉरेशन लिमिटेड (जिसे संक्षेप में सहारा कहा जाता है) ने आम जनता से राशि एकत्र कर देश के विभिन्न शहरों में सहारा सिटी बनाने के उद्देश्य से बडी संख्या में सहारा कंपनी द्वारा जमीनें खरीदी गईं थी।

2.तत्पश्चात सहारा कंपनी को आम निवेशकों की राशि ब्याज सहित वापस करने हेतु भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) एवं माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सहारा कंपनी को निर्देश जारी किये गये जिसके अनुक्रम में वर्ष 2014 में सहारा कंपनी के अधिवक्ता ने माननीय उच्चतम न्यायालय में एक मूल्याकंन रिपोर्ट प्रस्तुत कर ततसमय देश के नौ शहरों की अपनी संपत्तियों को विक्रय करने की न्यायालय से अनुमति मांगी ताकि सहारा कंपनी उक्त संपतियों को विक्रय कर उससे प्राप्त होने वाली राशि से आम निवेशकों का पैसा वापस कर सके सहारा कंपनी द्वारा वर्ष 2014 में माननीय उच्च्तम न्यायालय में प्रस्तुत उपरोक्त सूची में सहारा कंपनी की भोपाल के मक्सी स्थित 110 एकड़ जमीन की कीमत 125 करोड रूपये बताई गई।

3.माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सहारा के आम निवेशकों के हितों को दृष्टिंगत रखते हुये पारित आदेश का यहं से संजय पाठक जैसे लोगों ने अपने निजी लाभ के लिये उपयोग करना शुरू कर दिया जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि भोपाल के मक्सी में स्थित सहारा की लगभग 110 एकड़ जमीन जिसकी कीमत स्वय संहारा कंपनी ने वर्ष 2014 में माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष 125 करोड़ रूपये लिखित में बताई थी भोपाल की वही 110 एकड़ जमीन को सहारा के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा संजय पाठक से मिलीभगत कर अवैध लाभ लेकर वर्ष 2022 में मात्र लगभग 48 करोड रूपये में विक्रय कर दिया गया।

4. सहारा की भोपाल रिथित 110 एकड़ जमीन के विक्रय के संबंध में यहां इस बात का उल्लेख करना आवश्यक है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बावजूद भी क्रेता कंपनी मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उक्त राशि सीधे सेबी-सहारा रिफंड बैंक अकाउंट में जमा नहीं की गई। भोपाल की जमीन के संबंध में महत्वपूर्ण प्रश्न यह भी है कि जब माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा स्पष्ट आदेश प्रदान किये गये थे कि बिक्री मूल्य जमा करने पर ही संपति के स्वामित्व विलेख सेबी द्वारा क्रेता(ओं) के पक्ष में जारी किये जायेंगे तो सेबी द्वारं भोपाल की जमीन के स्वामित्व विलेख संजय पाठक के परिवार की कंपनी मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को कैसे जारी कर दिये गये ? और यदि जारी नहीं किये गये हैं तो भोपाल की सहारा कंपनी की जमीन का नामान्तरण कैसे संजय पाठक के परिवार की कंपनी मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हो गया?

5. इसी प्रकार सहारा की जबलपुर जिले की लगभग 100 एकड जमीन वर्ष 2023 में मात्र लगभग 20 करोड रुपये में संजय पाठक के परिवार की कंपनी मेसर्स नायसा देवाबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्रय की गई जिसकी कीमत वर्ष 2023 में भी लगभग 200 करोड रुपये थी।

6. इसी प्रकार सहारा की कटनी जिले की लगभग 100 एक जमीन वर्ष 2023 में मात्र 22 करोड रुपए में संजय पाठक के परिवार की कंपनी नायशा देवबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्रय कर ली गई जिसकी कीमत वर्ष 2023 में भी लगभग 200 करोड रुपये थी । जिसका कलेक्टर कटनी द्वारा आज दिनांक तक क्रेता कंपनी के नाम पर राजस्व अभिलेखों में नामांतरण नहीं किया गया है क्योंकि कटनी की सहारा की जमीन के खतरों के कॉलम नंबर 12 कैफियत में पूर्व कलेक्टर कटनी द्वारा पत्र क्रमांक /235/ रीडर कले /2021 द्वारा विक्रय से प्रतिबंधित किया गया था।

7. विचारणीय प्रश्न ये है कि सहारा कंपनी के अधिकारियों द्वारा उक्त जमीनों को अवैध लाभ लेकर चोरी छिपे मात्र 90 करोड़ रूपयों में संजय पाठक के परिवार की कंपनियों को विक्रय कर दिया गया है जबकि सहारा 'कपनी की उक्त जमीनों को यदि नीलामी के माध्यम से विक्रय किया गया होता तो उक्त जमीनों की वास्तविक कीमत जो लगभग 1000 करोड़ रूपये है प्रकरण कपंनी को प्राप्त होती और आम निवेशकों को 1000 करोड रूपये वापस प्राप्त होते।

8. देश के ग्रहमंत्री माननीय अमित शाह जी ने एक अच्छी पहल की थी कि सहारा कंपनी में जमा आम निवेशकों का पैसा उनको वापस मिल सके और यहां उन्हीं की पार्टी के विधायक संजय पाठक ने अमित शाह की मंशा पर पानी फेर दिया।

9. पत्रकार बधुओं से आग्रह है कि यदि उन्हें भोपाल में कहीं 45 लाख रूपये प्रति एकड जमीन मिल जाये तो आम लोग भी ले सके, जिस तरीके से 45 लाख रूपये प्रति एकड़ की दर से भाजपा विधायक संजय पाठक ने सहारा की भोपाल रिथित बेशकीमती 110 एकड़ जमीन हथिया ली है।

10. भापजा विधायक संजय पाठक दिखावे के लिये अपने आप को बड़ा मासूम बताते हैं तो उन्होंने जनप्रतिनिधि होने के नाते सहारा की जमीन माटी मोल खरीदने के स्थान पर इस संबध में देश के प्रधानमंत्री /ग्रहमंत्री / सेबी को पत्र क्यों नहीं लिखा कि सहारा की बेशकीमती जमीनें कौडियों के दाम बिक रही हैं इन जमीनों को नीलामी के जरिये बेचा जाये ताकि जमीनों के अधिक से अधिक दाम मिल सके और सहारा के आम निवेशकों को अधिक से अधिक पैसा वापस मिल सके।
 
11.मीडिया से आग्रह है कि ये राजनैतिक लडाई नहीं है, ये आम जनता की मेहनत से जमा किये हुये पैसों का सवाल है, मीडिया इस लड़ाई में साथ दे जिससे आम जनता का भला हो सके।

12. EOW के अधिकारियों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने तुरन्त कार्यवाही कर जांच शुरू कर दी है और EOW के अधिकारियों से उम्मीद है कि सहारा जमीन घोटाले की जांच को जल्द से जल्द पूरा करके इन जमीनों की सभी रजिस्ट्रियों को निरस्त करवाने के लिये आवश्यक वैद्यानिक कार्यवाही कराकर निवेशकों के हित में काम करेंगे, इन जमीनों को नीलामी के माध्यम से बेचा जाना चाहिये माननीय कोर्ट की गाइड लाइन के तहत।

India Edge News Desk

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