निरोगी राजस्थान : असाध्य रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को पूर्ण रूप से निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं आउटडोर एवं इंडोर चिकित्सा सुविधाएं

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, स्वस्थ और निरोगी राजस्थान के संकल्प के लिए मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना और मुख्यमंत्री चिरंजीव स्वास्थ्य बीमा जैसी अभूतपूर्व जनकल्याणकारी योजनाएं आम जन के लिए शुरू कर चुके हैं। इन योजनाओं के जरिये आम जन को स्वास्थ्य बीमा के साथ-साथ साधारण और असाध्य रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को आउटडोर एवं इंडोर चिकित्सा सुविधाएं पूर्ण रूप से निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं। जिसमे हार्ट सर्जरी, कॉकलियर इम्प्लांट, कैंसर, थैलेसीमिया एवं हीमोफीलिया जैसे असाध्य रोगों के मरीजों के लिए यह योजनाएं वरदान साबित हो रहे हैं।
दौसा जिले के निवासी योगेश पारीक बताते हैं कि उनका 7 साल का बेटा अथर्व बचपन से ही मामूली चोट पर अत्यधिक रक्तस्राव और टीके लगने पर सूजन आ जाने जैसी परेशानियों से ग्रसित था। चिंताजनक स्थिति होने पर उन्होंने चिकित्सक के परामर्श से बच्चे की कई जांचे करवाई तो पता चला की उनका बच्चा हीमोफीलिया जैसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है।
60 लाख रुपये से ज्यादा का इलाज हुआ निःशुल्क
अथर्व के पिता योगेश कहते हैं कि इस बीमारी का इलाज अत्यधिक महंगा है। यदि सरकार से सहायता नहीं मिलती, तो हमारा परिवार इस पैसे की व्यवस्था में गरीबी रेखा से नीचे ही चला जाता। उन्होंने कहा कि हमारे जैसे मध्यम वर्गीय परिवार के लिए राज्य सरकार की योजना वरदान साबित हुई है। उन्होंने बताया कि अथर्व को हर 4 दिन में फैक्टर 8 का एक इंजेक्शन लगता है जिसकी कीमत वर्तमान में लगभग 17 हजार रुपये हैं और एक माह में फैक्टर 8 के 7 इंजेक्शन अथर्व को लगाए जाते हैं, जिनकी अनुमानित लागत 1 लाख 19 हजार रुपये है। वे बताते हैं कि जन्म से लेकर अब तक अथर्व का लगभग 60 लाख रुपए से अधिक का इलाज निःशुल्क हो चुका है और यह उपचार जीवन पर्यंत तक चलता रहेगा।
योगेश कहते हैं कि संवेदनशील राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के दौरान लॉक डाउन की स्थिति में हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों का विशेष ध्यान रखा गया और एक माह के फैक्टर 8 के इंजेक्शन होम थेरेपी के लिए दिए गए।
अब आरजीएचएस योजना से हो रहा है अथर्व का निःशुल्क इलाज-
अथर्व के पिता योगेश पारीक सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग दौसा जिले में सहायक प्रोग्रामर पद पर कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा सरकारी कार्मिकों के लिए राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) लागू करने के बाद इस योजना में योगेश का पूरा परिवार पंजीकृत है और अब इस योजना के द्वारा अथर्व का निःशुल्क इलाज हो रहा हैं।
अथर्व की पढ़ाई की बाधा हुई दूर-
अथर्व की माता प्रतिभा पारीक कहती है कि जब उनके बच्चे का जन्म हुआ तो उन्हें यह पता नहीं था कि हीमोफीलिया जैसी भी कोई भी बीमारी होती है। अथर्व को किसी भी प्रकार की चोट से बचाने के लिए नुकीली वस्तुओं आदि से दूर रखना पड़ता है।
अथर्व के माता-पिता मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए नहीं थकते क्यों कि राज्य सरकार द्वारा निशुल्क उपचार के साथ ही थैलेसीमिया व हीमोफीलिया के मरीजों को दिव्यांग प्रमाण पत्र भी दिए जा रहे हैं। अथर्व ने सरकारी विद्यालय में दाखिला ले लिया है और नियमित उपचार के कारण वह अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रख पा रहा है। नियमित इलाज के कारण अथर्व पूर्ण विकलांग होने से बच गया और इसके कारण अन्य बच्चों की तरह नियमित स्कूल जा रहा है और सामान्य जीवन जी रहा है।