एनएमडीसी ने सीएसआईआर-आईएमएमटी, भुवनेश्वर के साथ सहयोगी अनुसंधान करार पर हस्ताक्षर किए
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
हैदराबाद : राष्ट्रीय खनिक एनएमडीसी ने आज अपने मुख्यालय, हैदराबाद में सीएसआईआर-आईएमएमटी, भुवनेश्वर के साथ “किम्बरलाइट टेलिंग्स से फ्यूज्ड मैग्नेशिया बनाने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन” पर सहयोगी अनुसंधान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। एनएमडीसी के निदेशक (उत्पादन) श्री दिलीप कुमार मोहंती , एनएमडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सीएसआईआर-आईएमएमटी के हाइड्रो एंड इलेक्ट्रोमेटलर्जी विभाग के मुख्य वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. काली संजय की उपस्थिति में श्री एस के चौरसिया, महाप्रबंधक , अनुसंधान एवं विकास एनएमडीसी तथा सीएसआईआर-आईएमएमटी के रणनीति योजना और व्यवसाय विकास के प्रमुख डॉ. अशोक कुमार साहू ने समझौते पर हस्ताक्षर किए ।
एनएमडीसी मध्य प्रदेश के पन्ना में दक्षिण पूर्व एशिया की एकमात्र मशीनीकृत हीरे की खदान का संचालन करता है। यह खदान प्रति 100 टन संसाधित किम्बरलाइट से लगभग 10 कैरेट हीरे (2 ग्राम) का उत्पादन करती है, जिसे हीरा निकालने के बाद अपशिष्ट के रूप में फेंक दिया जाता है। किम्बरलाइट टेलिंग का उपयोग मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास के लिए किया जाता है और यह कास्टिक मैग्नेशिया का एक अच्छा स्रोत भी माना जाता है। पन्ना डायमंड माइन्स में वर्षों से उपलब्ध और संचित किम्बरलाइट के सर्वोत्तम उपयोग के लिए इस शोध की कमी को पूरा करते हुए, एनएमडीसी ने फ्यूज्ड MgO और TiO2 के प्रसंस्करण और बनाने का अध्ययन करने के लिए अनुसंधान करार किया है।
इस परियोजना के बारे में श्री सुमित देब, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनएमडीसी ने कहा, “एनएमडीसी उच्च लागत वाले फ्यूज्ड मैग्नेशिया का उत्पादन करने के लिए एक संसाधन के रूप में हमारे पन्ना माइन्स से किम्बरलाइट टेलिंग का उपयोग करने का प्रयास कर रहा है। हमें विश्वास है कि हमारे प्रयास से अपशिष्ट सम्पदा में परिवर्तित होगा और आयात प्रतिस्थापन आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।“
भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।“