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नौ जिलों में मोतियाबिंद से दृष्टिबाधित एक भी मरीज नहीं, राज्य मोतियाबिंद अंधता बैकलॉग मुक्त घोषित

100 बिस्तरों वाले माना सिविल अस्पताल में आंखों की जांच और ऑपरेशन के लिए छह सर्जन समेत 35 कर्मचारियों की टीम काम कर रही है।

रायपुर. प्रदेश में राष्ट्रीय नेत्र ज्योति अभियान के तहत नौ जिले मोतियाबिंद अंधता बैकलॉग मुक्त हो गये हैं। यानि यहां एक भी मरीज ऐसा नहीं है जो मोतियाबिंद के कारण दृष्टिबाधित हो। कांकेर जिले ने भी 10वीं के लिए दावा पेश किया है, जिसके सत्यापन के लिए राज्य की टीम जल्द ही जायेगी. इन जिलों में मोतियाबिंद के कारण दृष्टिबाधित चिन्हित सभी लोगों की आंखों की रोशनी बहाल कर दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह दर्जा हासिल करने वाला

कबीरधाम प्रदेश का पहला जिला है। इसके बाद बलौदा बाजार, राजनांदगांव, रायगढ़, रायपुर, बालोद, धमतरी, दुर्ग और कोरबा मोतियाबिंद अंधत्व बैकलॉग से मुक्त हो गए हैं। लेकिन, अंतिम फैसला केंद्र सरकार के हाथ में है. राज्य स्तरीय टीम ने दस्तावेजों का सत्यापन कर केंद्र सरकार को भेज दिया है. वहां से रिपोर्ट का इंतजार है. दिसंबर में केंद्रीय टीम के आने की उम्मीद है |

दृष्टिबाधित मरीजों की सूची तैयार की जा रही है

राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद अंधापन मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य में मोतियाबिंद से पीड़ित चार लाख लोगों की पहचान की गई है। सभी जिलों में मोतियाबिंद पीड़ितों का ऑपरेशन तेजी से किया जा रहा है. दृष्टिबाधित मरीजों की सूची स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं द्वारा तैयार की जा रही है। नेत्र सहायकों के माध्यम से चयनित विकासखंडों में तैयार सूची के आधार पर रोगियों की पुष्टि कर मोतियाबिंद के आपरेशन किए जा रहे हैं।

14 जिलों में अत्याधुनिक फेको तकनीक से इलाज

राज्य के 14 जिलों में मोतियाबिंद का इलाज अत्याधुनिक फेको तकनीक से किया जा रहा है. इस ऑपरेशन विधि में आंख में केवल एक बारीक छेद किया जाता है, जिससे मोतियाबिंद आंख के अंदर ही घुल जाता है। इसी छेद के जरिए फोल्डेबल लेंस को आंख के अंदर प्रत्यारोपित किया जाता है। बीजापुर, सूरजपुर, बलौदाबाजार, बैकुंठपुर (कोरिया), कोंडागांव, धमतरी, मुंगेली, सरगुजा, बस्तर, रायगढ़,  रायपुर और बिलासपुर से की गई थी। इसमें अब कोरबा भी शामिल हो गया है। जिला अस्पतालों में फेको तकनीक शुरू की गई।

माना सिविल अस्पताल में ऑपरेशन की सुविधा

100 बिस्तर वाले माना सिविल अस्पताल में आंखों की जांच और ऑपरेशन के लिए छह सर्जन समेत 35 कर्मचारियों की टीम काम कर रही है। सोमवार को ग्लूकोमा, गुरुवार को रेटिना तथा शनिवार को बच्चों में नेत्र रोग की विशेष जांच की जाती है। अस्पताल में रेटिना संबंधी विकारों के लिए ग्रीन लेजर की सुविधा भी उपलब्ध है। माना में रायपुर समेत अन्य जिलों के नेत्र रोगियों के ऑपरेशन हो रहे हैं

मरीजों को लाने व ले जाने की निश्शुल्क सुविधा भी

अस्पताल की ओर से उपलब्ध कराई जाती है। आपरेशन के बाद मरीजों के नियमित फालोअप के लिए बुलाया जाता है। माना सिविल अस्पताल में वर्ष 2021-22 में 267 आपरेशन किए थे, जो 2022-23 में 1552 हो गए। वर्ष-2023-24 में 703 आपरेशन किए जा चुके हैं।

राज्य में वर्षवार मोतियाबिंद आपरेशन

वर्ष आपरेशन
2017-18 1,16,925
2018-19 1,18,605
2019-20 1,20,670
2020-21 41,874
2021-22 85,178
2022-23 1,35,113

 

 

 

India Edge News Desk

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