एनटीपीसी ने मित्सुबिशी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में एनटीपीसी औरैया गैस विद्युत संयंत्र में स्थापित एमएचआई 701डी गैस टरबाइनों में प्राकृतिक गैस के साथ मिश्रित हाइड्रोजन को-फायरिंग की व्यवहार्यता को प्रदर्शित करने के लिए एनटीपीसी लिमिटेड ने जापान की मित्सुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनी मित्सुबिशी पावर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। चार गैस टरबाइनों के संयुक्त चक्रीय मोड में परिचालित होने के साथ औरैया गैस विद्युत संयंत्र की कुल स्थापित क्षमता 663 मेगावाट की है। इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर दोनों कंपनियों ने एनटीपीसी लिमिटेड के निदेशक (परियोजना) श्री उज्जवल कांति भट्टाचार्य, मित्सुबिशी पावर इंडिया के सीएमडी श्री तात्सुतो नगायासु और मित्सुबिशी पावर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट श्री हिरोयुकी शिनोहारा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

डी-कार्बोनाइजिंग (कार्बन के उत्सर्जन को कम करना) लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी ऊर्जा गहन क्षेत्रों में एक सम्मिलित और व्यापक रोडमैप की जरूरत होती है। इस रोडमैप के तहत गैस टरबाइनों में हाइड्रोजन को-फायरिंग कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी होने के चलते एनटीपीसी लिमिटेड ऊर्जा रूपांतरण और सीओपी-26 प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाने का संकल्प रखती है।

इस पहल के एक हिस्से के तहत एनटीपीसी हाइड्रोजन के उपयोग के साथ-साथ विभिन्न नई हाइड्रोजन पीढ़ी प्रौद्योगिकियों की खोज कर रहा है, जिससे भविष्य की तैयारी सुनिश्चित की जा सके, जरूरी क्षमताओं व तकनीकी विशेषज्ञता को विकसित किया जा सके और राष्ट्रीय डी-कार्बोनाइजिंग व हाइड्रोजन मिशन लक्ष्यों के साथ इसे समन्वित किया जा सके। इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों कंपनियां एनटीपीसी औरैया गैस आधारित संयुक्त चक्रीय विद्युत संयंत्र में हाइड्रोजन को-फायरिंग शुरू करने को लेकर अध्ययन करने और प्रमुख कार्यों को चिह्नित करने के लिए सहभागिता करेंगी। यह अध्ययन हाइड्रोजन के विभिन्न हिस्सों जैसे कि 5 फीसदी, 15 फीसदी, 30 फीसदी, 50 फीसदी और 100 फीसदी के संबंध में को-फायरिंग के लिए महत्वपूर्ण कार्यों को चिन्हित करेगा। एनटीपीसी इस परियोजना के लिए जरूरी हाइड्रोजन की आपूर्ति करेगी।

एनटीपीसी लिमिटेड के कार्यपालक निदेशक श्री मनीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “देश नेट- जीरो और जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रहा है, इसे देखते हुए एनटीपीसी भारत की ऊर्जा रूपांतरण की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। एनटीपीसी हाइड्रोजन से संबंधित विभिन्न पहलों में अग्रणी है और इस क्षेत्र में अनुसंधान व विकास कार्य कर रहा है, जिससे एक ऐसी तकनीक लाई जा सके जो सभी के लिए हरित, वहनीय, विश्वसनीय और टिकाऊ विद्युत प्रदान कर सके। यह समझौता ज्ञापन इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एनटीपीसी के उठाए गए कुछ कदमों में से एक है। हमारा विश्वास है कि एमएचआई लिमिटेड, जिसके पास इस तकनीक में वैश्विक विशेषज्ञता है, के साथ साझेदारी करने से हमें राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता मिलेगी।

मित्सुबिशी पावर इंडिया के सीएमडी श्री तात्सुतो नगायासु ने कहा, “समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर काफी महत्वपूर्ण है जो एनटीपीसी व मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज की ओर से विद्युत उत्पादन क्षेत्र के डी-कार्बोनाइजेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन के ज्वलंत मुद्दे को संबोधित करने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दिखाती है।”

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.
Back to top button