इंडिया आर्ट फेयर : बीकानेर हाउस को कला और संस्कृति की दुनिया में एक नई पहचान देने का काम किया

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

जयपुर : नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में ‘इंडिया आर्ट फेयर- 2023’ का समापन हो गया। सात दिन चले विभिन्न कार्यक्रमों ने बीकानेर हाउस को कला और संस्कृति की दुनिया में एक नई पहचान देने का काम किया है।

बीकानेर हाउस इंडिया आर्ट फेयर 2023 के समानांतर स्थल भागीदार के रूप में विरासत के संरक्षण और कला-संस्कृति को बढ़ावा देने, नवोदित कलाकारों की रुचि को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण स्थल साबित हो रहा है।

नई दिल्ली में राजस्थान की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्य आवासीय आयुक्त श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की प्रेरणा से बीकानेर हाउस को कला, विरासत और संस्कृति के हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, इसलिए हमने आईएएफ 2023 के साथ सहयोग किया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बीकानेर हाउस को कला और संस्कृति की दुनिया से जोड़ें तथा बीकानेर हाउस परिसर में आधुनिक और समकालीन कला से जुड़े हुए कार्यक्रमों के साथ-साथ राजस्थानी कला और संस्कृति के कार्यक्रम भी आयोजित होते रहे।

श्रीमती सिंह ने कहा कि इस इंडिया आर्ट फेयर का प्रांरभ एक ‘स्कल्पचर पार्क’ की स्थापना से हुआ जिसका शुभारंभ राज्य की मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने किया। इसके साथ ही चार दिवसीय ‘बीकानेर हाउस संवाद श्रृंखला’ का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने अनुभवों को साझा किया।

उन्होंने बताया कि 09 फरवरी से 12 फरवरी तक चली इस श्रृंखला के अंतिम दिन का विषय ‘सांस्कृतिक कूटनीति के संदर्भ में विरासत की पुर्नकल्पना‘ रखा गया। समापन सत्र का संचालन आवासीय आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने किया। वक्ताओं में ब्राजील के राजदूत महामहिम आंद्रे अरन्हा कोरिया डो लागो, बोस्निया और हर्जोगोविना के राजदूत महामहिम मोहम्मद सेंगिक और स्लोवेनिया गणराज्य के राजदूत मटेजा वोडेब घोष शामिल थे।

संवाद श्रृंखला में ‘14 कपल्स- हम अलग-अलग नस्लें नहीं हैं‘ शीर्षक वाली एक विशेष फोटोग्राफी प्रदर्शनी भी शामिल थी। संवाद शृंखला कार्यक्रम में कला प्रेमियों की नई पीढ़ी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

उन्होंने बताया कि ‘बीकानेर हाउस संवाद‘ श्रृंखला के तीसरे दिन एक कलाकार के रूप में राजा रवि वर्मा के कौशल पर वार्ता की गई। भारत के इस उस्ताद कलाकार के जीवन, समय और कला का लोकतंत्रीकरण करने वाले एक दूरदर्शी विरासत को संरक्षित करने पर चर्चा हुई।

सत्र का संचालन अर्चना शेनॉय ने किया और वक्ताओं में जानी-मानी लेखिका, संरक्षक और रेस्टोरर रूपिका चावला के साथ-साथ इतिहासकार और लेखक मनु एस. पिल्लई और गीतांजलि मैनी, मैनेजिंग ट्रस्टी और सीईओ, राजा रवि वर्मा हेरिटेज फाउंडेशन शामिल थे।

इस संवाद श्रृंखला के अन्य दिवसों में सासंद श्री शषि थरूर, स्वतंत्र क्यूरेटर और कला समीक्षक श्रीमती उमा नायर, पूर्व मिस इंडिया और कंटेंट क्यूरेटर शिवानी वजीर और भरतनाट्यम नृत्यांगना भद्र सिन्हा ने किया अपनी क्षेत्र के लंबे अनुभवों को साझा किया।

India Edge News Desk

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