अमेरिका-जापान ने की उत्तर कोरिया के असफल रॉकेट लॉन्च की निंदा, बचाव में उतरे चीन-रूस

न्यूयॉर्क/ सिंगापुर
 संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया द्वारा सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च करने के असफल प्रयास के बाद तत्काल बैठक बुलाई। इस बैठक में प्योंग्यांग पर कार्रवाई को लेकर अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के विचार रूस और चीन के विचारों से अलग थे। जहां एक तरफ अमेरिका और उसके सुरक्षा सहयोगियों ने रॉकेट लॉन्च के प्रयास के लिए प्योंग्यांग की आलोचना की, तो दूसरी तरफ रूस और चीन ने उत्तर कोरिया का बचाव किया। उत्तर कोरिया ने 27 मई को सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च करने की कोशिश की थी, जिसे 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय प्रस्तावों का उल्लंघन बताया जा रहा है। यह कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति और निरस्त्रीकरण के लिए गंभीर खतरा है।

27 मई को विफल हुआ था उत्तरी कोरिया का रॉकेट लॉन्च
उत्तर कोरिया ने 27 मई को बताया था कि एक नया उपग्रह ले जाने वाला रॉकेट लॉन्च करने का उनका प्रयास बीच हवा में विस्फोट के कारण विफल हो गया। इससे पहले पिछले साल नवंबर में उत्तर कोरिया ने रॉकेट लॉन्च किया था, जो सफल रहा। दिसंबर में प्योंग्यांग ने घोषणा की थी कि वह तीन और सैन्य उपग्रह को लॉन्च करने वाले हैं।

मध्य पूर्व और एशिया और प्रशांत के लिए सहायक महासचिव खालिद खियारी ने कहा, "उत्तर कोरिया ने संबंधित अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों को सुरक्षा अधिसूचना जारी नहीं की थी, जो कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन और समुद्री यातायात के लिए खतरा साबित हो सकता था।" भले ही उत्तर कोरिया का ये प्रयास असफल रहा, लेकिन 2022 से ही यह अपनी मिसाइल लॉन्च गतिविधियों में तेजी से वृद्धि कर रहा है।

अमेरिका समेत इन देशों के प्रतिनिधियों ने किया उत्तर कोरिया का विरोध
अमेरिकी प्रतिनिधियों ने कहा कि उत्तर कोरिया अपने गैरकानूनी हथियार कार्यक्रम को तेजी से बढ़ा रहा है। अमेरिका ने वीटो अधिकार वाले यूएन सदस्यों से इस पर विचार करने का आह्वान किया, जिससे कि उत्तर कोरिया के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उत्तर कोरिया के राजदूत किम सोंग ने कहा कि सुरक्षा परिषद उपग्रह के लॉन्च के मुद्दे को बार बार उठाकर शर्मनाक हरकत को दोहरा रही है। यह संप्रभु देशों का वैध और सार्वभौमिक अधिकार है।

चीनी राजदूत फू कांग ने कहा कि यह जरूरी है सभी पक्ष व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं। इस मुद्दे पर तेजी से बातचीत शरू करें। शांति से काम करें और तनाव को न बढ़ाएं। यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधि ने कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा सैन्य उपग्रह के चौथे लॉन्च मे यूएनएससी के प्रस्तावों का उल्लंघन किया। अमेरिका के प्रतिनिधि ने सबूतों के आधार पर कहा कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ रूस को सहायता देने के लिए दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलों और 11,000 से अधिक कंटेनरों को अवैध रूप से स्थानांतरित किया।

'भारत-अमेरिका के संबंध समान विचार पर आधारित', शांगरी ला डायलॉग में बोले अमेरिकी रक्षा मंत्री

 अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि भारत-अमेरिता के रिश्ते समान दृष्टि और समान विचार पर आधारित है। इन दोनों देशो के बीच के संबंधों में रफ्तार भी बढ़ेगी। ऑस्टिन की यह टिप्पणी शांगरी ला डायलॉग में द्विपक्षीय संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल पर आई। बता दें कि शांगरी ला डायलॉग एशिया का प्रमुख रक्षा शिखर सम्मेलन है।

लॉयड ऑस्टिन ने भारत-अमेरिका के संबंधों का विवरण दिया
भारत-अमेरिका के रिश्ते को लेकर एक प्रतिनिधि ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से सवाल किया। उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, "मौजूदा समय में भारत के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं। यह उतना ही अच्छा और बेहतर है, जितना पहले था।" उन्होंने आगे कहा, "हम भारत के साथ मिलकर बख्तरबंद वाहनों का सह-उत्पादन कर रहे हैं। इस परियोजना में प्रगति हुई है।"

ऑस्टिन ने आगे कहा, "भारत-अमेरिका के संबंध समान दृष्टि और समान विचार पर आधारित है। इसलिए मुझे लगता है कि इस रिश्ते में जो गति हम देख रहे हैं, वह न केवल जारी रहेगा बल्कि ये रफ्तार भी पकड़ेगी।" हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर ऑस्टिन ने कहा, "इस क्षेत्र में अपने दोस्तों के साथ, रक्षा उद्योग को बेहतर तरीके से एकीकृत करने के लिए हम राष्ट्रीय बाधाओं को तोड़ रहे हैं।" उन्होंने आश्वासन दिया कि हिंद-प्रशांत में अमेरिका महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

ऑस्टिन ने बताया क्यों एशियाई क्षेत्रों में अमेरिका अपनी उपस्थिति बनाए हुए है
हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अंतर्गत हिंद महासागर और दक्षिणी चीन सागर समेत ताइवान, फिलीपींस. ब्रुनेई, मलयेशिया और वियतनाम शामिल है। ऑस्टिन ने प्रतिनिधियों को बताया कि अमेरिकी रक्षा अद्योग को जापान समेत अन्य कई देशों के साथ एकीकृत किया जा रहा है। उन्होंने कहा, हम साथ मिलकर उन क्षमताओं में निवेश कर रहे हैं, जो स्थायी सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा दता है।" लॉयड ने बताया, "हम अपने निवेश को अपनी रणनीति से जोड़ते हैं।" उन्होंने कहा कि अमेरिका तभी सुरक्षित रह सकता है जब एशिया सुरक्षित रहेगा। इसी वजह से अमेरिका लंबे समय से ही एशियाई क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बनाए हुए है।

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रंप और कैनेडी के साथ टाउनहॉल बैठक की मेजबानी करेगा एक्स, एलन मस्क ने की पुष्टि

 अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इन चुनाव से पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और रॉबर्ट एफ कैनेडी के साथ टाउनहॉल का आयोजन करेगा। टाउनहॉल जो कि तीन साल पहले 6 जनवरी को हुआ था, लेकिन दंगों के बाद ट्रंप को साइट से निलंबित किए जाने के बाद इस साल नवंबर में आयोजित होगा। अमेरिका में 5 नवंबर को चुनाव होना है। इसे एलन मस्क का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स राष्ट्रपति चुनाव से पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ टाउनहॉल आयोजित करेगा।

एक्स टाउनहॉल की योजना रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के साथ तैयार कर रहा है। एफ. कैनेडी जूनियर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि बृहस्पतिवार को डोनाल्ड ट्रंप को पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देने के मामले में दोषी ठहराया गया था। वे यहां लाइवस्ट्रीम कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत प्रश्नों का उत्तर देंगे। शुक्रवार को एलन मस्क ने एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम "दिलचस्प होगा"।

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन को भी एक्स ने एक बहस या टाउनहॉल करने के लिए आमंत्रित भेजा था, जिसे द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार उन्होंने मना कर दिया। हालांकि टाउन हॉल की तिथि, स्थान और मॉडरेटर की घोषणा अभी नहीं की गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार मॉडरेटर में न्यूज़नेशन के कम से कम एक होस्ट के अलावा कई पत्रकार भी शामिल होंगे। बता दें कि एलन मस्क ने वर्ष 2022 के अंत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 44 बिलियन डॉलर में अधिग्रहित किया था। इसके बाद उन्होंने ट्रम्प के ट्विटर अकाउंट पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था।

 

'भारत के साथ सहयोग को और मजबूत करेंगे', नई दिल्ली को दोस्त बता बोले फिलीपींस राष्ट्रपति

सिंगापुर
 फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर  मनीला में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) शांगरी-ला डायलॉग के 21 वें संस्करण के लिए मुख्य भाषण देने वाले फिलीपींस के पहले नेता बन गए। उन्होंने कहा कि आसियान के लिए फिलीपींस की प्रतिबद्धता इसकी विदेश नीति का एक मुख्य तत्व बनी रहेगी। मार्कोस ने भारत को अपना दोस्त बताते हुए कहा कि मनीला नई दिल्ली के साथ सहयोग जारी रखेगा।

जूनियर मार्कोस ने आगे कहा, 'हम अमेरिका के साथ अपने गठबंधन और ऑस्ट्रेलिया, जापान, वियतनाम, ब्रुनेई और आसियान के सभी सदस्य राज्यों के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेंगे।' उन्होंने अन्य देशों के साथ निरंतर रणनीतिक साझेदारी की भी घोषणा की और न केवल रक्षा में बल्कि पर्यावरण, आर्थिक, लोगों से लोगों के संबंधों और सतत विकास में भी भविष्य के सहयोग की इच्छा जताई।

भारत के साथ अधिक मजबूत सहयोग बढ़ाएंगे
राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारे सभी बहुपक्षीय संबंधों में, हम अपने अद्वितीय क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्यों के साथ वैश्विक बातचीत को जोड़ने का प्रयास करते हैं। हम कोरिया गणराज्य और भारत जैसे दोस्तों के साथ अधिक मजबूत सहयोग को आगे बढ़ाएंगे।' उन्होंने आगे कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने से दक्षिण एशियाई देशों के विकास पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

क्रॉस-स्ट्रेट मुद्दों में हमारी रुचि
उन्होंने कहा, 'इसी तरह पूर्वी एशिया की आर्थिक सुरक्षा दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता और निर्बाध मार्ग और कोरियाई प्रायद्वीप एवं ताइवान जलडमरूमध्य की स्थिरता पर निर्भर करती है। भौगोलिक निकटता और ताइवान में फिलिपिनो की उपस्थिति के कारण क्रॉस-स्ट्रेट मुद्दों में हमारी रुचि है।'

शांति और स्थिरता बनी रहनी चाहिए
मार्कोस जूनियर ने आगे कहा, 'फिलिपिनो लोगों का ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों किनारों पर लोगों के साथ भाईचारे के बंधन का एक लंबा इतिहास है। शांति और स्थिरता बनी रहनी चाहिए। इसलिए, हम सभी पक्षों से इस मुद्दे पर संयम बरतने का आग्रह करते हैं।'

India Edge News Desk

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