Paush Amavasya 2024: पौष अमावस्या पर करें तर्पण और पिंडदान, कालसर्प दोष की पूजा से दूर होंगे सारे दुख
चांदी से बने नाग की विधिवत पूजा करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
आस्था एवं धार्मिक. सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष पौराणिक महत्व दिया गया है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के एक दिन बाद अमावस्या तिथि आती है। साल 2024 की पहली अमावस्या 11 जनवरी को आने वाली है और इस पौष माह की अमावस्या को पितरों की शांति के लिए शुभ माना जाता है। पंडित चन्द्रशेखर मालतारे के अनुसार पौष मास की अमावस्या तिथि पर कालसर्प दोष की पूजा करने से पितरों की आत्माओं की मुक्ति शांति मिलती है. इसके अलावा इस अवसर पर चांदी से बने नाग की विधिवत पूजा करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
पितरों के तर्पण और पिंडदान का महत्व
पौष मास की अमावस्या तिथि पर पितरों को संतुष्ट करने के लिए तर्पण और पिंडदान करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों के आशीर्वाद से घर में समृद्धि बनी रहती है।
दान का महत्व
11 जनवरी पौष अमावस्या के दिन दान करना भी शुभ माना जाता है। इस अमावस्या पर गरीबों को मीठे चावल दान करने चाहिए। इसके अलावा ब्राह्मणों को भोजन कराना भी शुभ माना जाता है और दान-पुण्य भी करना चाहिए।