बड़वानी में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़, बिना डिग्री और लाइसेंस के डॉक्टर कर रहे इलाज

बड़वानी

मध्य प्रदेश के बड़वानी में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, यहां बिना डिग्री और लाइसेंस के फर्जी डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। नगर सहित पाटी विकासखंड में हजारों मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले बिना डिग्री वाले फर्जी चिकित्सक हजारों मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे है। इसके बाद भी प्रशासन और जिम्मेदार मेडिकल महकमा फर्जी चिकित्सकों पर कार्रवाई से बच रहा है।

बड़वानी शहर व सेंधवा शहर सहित पाटी, चेरवी, बोकराटा, गंधावल, सिलावद, आदि क्षेत्रों में सैकड़ों झोलाछाप चिकित्सक बिना अनुमति अवैध क्लीनिक का संचालन कर रहे है। नर्सिंग एक्ट को ठेंगा दिखाकर कथित डॉक्टर अपनी दुकान चला रहे हैं। वे अपनी कमाई के लिए लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमे सहित प्रशासन को अवैध क्लीनिक संचालन की जानकारी तो है, लेकिन वे कार्रवाई से बचते हैं। अवैध रूप से संचालित किए जाने वाले अस्पतालों में इंजेक्शन और सलाइन लगाने के साथ ही गंभीर बीमारियों तक का इलाज किया जा रहा है।

बिना लाइसेंस के बेचीं जा रही दवाइयां
इस पूरे खेल में मेडिकल एसोसिएशन भी चिकित्सकों के भरोसे लाखों रुपयों की दवाई खपा अपनी कमाई करने में लगी है। मेडिकल माफिया इतना सक्रिय है कि दवाइयों मरीजों को देते समय परिणामों की चिंता नहीं की जा रही है। क्षेत्र में इन दिनों फर्जी डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कई चिकित्सक ऐसे है, जिन्होंने पढ़ाई तो बीएचएमएस या अन्य पेथी में की है, लेकिन वे मरीजों का इलाज एलोपैथिक दवाइयों से कर रहे है।

स्वास्थ्य विभाग बना अनजान
शहर के कई क्षेत्रों में खुली अवैध क्लिनिक हर छोटी और बड़ी बीमारी का इलाज कर रहे हैं। कुछ चिकित्सक तो अपने यहां लोगों को भर्ती कर इलाज भी कर रहे है। सूत्रों की माने तो वर्तमान में बड़वानी शहर में ही 50 से अधिक क्लीनिक संचालित हो रहे है, लेकिन अधिकतर ने जिला प्रशासन सहित अन्य वैधानिक अनुमति देने वाली संस्थाओं से अनुमति नहीं ली है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई नहीं करते।

झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा गरीब बीमार लोगों से मनमाने रुपए ऐंठे जा रहे हैं और इनके द्वारा इंजेक्शन बोतल लगाकर गोली दवाई दी जा रही है। इसकी वजह से गांव में कई लोगों को शारीरिक नुकसान भी हो रहा है। इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास ना तो किसी तरह की कोई डिग्री है और ना ही लाइसेंस है। एसडीएम भूपेंद्र रावत ने बताया कि बिना डिग्री इलाज करने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देशित करेंगे।

डॉ मुकेश बंडोड पीएसी बोकराटा ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही क्लीनिकों को चेक किया था और समय-समय पर हमारे द्वारा लगातार चेक किया जाता है। कुछ क्लीनिकों में अनियमितताएं पाई गई थी, जिन्हें हमने बंद करने के निर्देश दिए थे। इन लोगों के पास जो डिग्री है उसके अनुसार इन लोगों को सलाइन चढ़ाने की अनुमति नहीं है।

India Edge News Desk

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