नवाचार से देश में सिरमौर बना राजस्थान, मनरेगा के कीर्तिमान

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका सुरक्षा एवं संबलन, स्थायी जनोपयोगी परिसम्पत्तियों के सृजन, पर्यावरण संरक्षण जैसे लक्ष्यों के जरिए ग्रामीण भारत को सशक्त बनाती महात्मा गांधी रोजगार गारंटी स्कीम या मनरेगा में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। राज्य में योजना को और प्रभावी बनाने के लिए कार्य का स्थान, कार्य चयन, कार्य निर्धारण, कार्य स्थिति में कई नवाचार किए गए हैं। मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से मनरेगा में 100 दिवस का रोजगार प्राप्त करने वाले लोगों को 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार राज्य मद से उपलब्ध कराने का निर्णय इसकी बानगी है। योजना में बारां जिले में निवासरत ‘‘सहरिया एवं खैरूआ‘‘ तथा उदयपुर जिले में निवासरत ‘‘कथौड़ी‘‘ जनजाति परिवारों तथा राज्य के विशेष योग्यजन श्रमिकों को 100 दिवस का अतिरिक्त रोजगार राज्य मद से दिया जायेगा।

देशभर में सर्वाधिक मानव दिवस सृजन
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पिछले दो वर्ष से 42 करोड़ से अधिक मानव कार्य दिवस इस योजना में प्रदेश में सृजित किए गए। इस वर्ष भी 20 करोड़ से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजित किया जा चुका है। वर्ष 2021-22 में देशभर में कुल 363 करोड़ 29 लाख मानव दिवस सृजित किये गये, जिनमें से राज्य ने 42.43 करोड़ मानव दिवसों का सृजन कर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

सर्वाधिक औसत रोजगार दिवस
हमारा प्रदेश प्रति परिवार को रोजगार दिवस उपलब्ध करवाने के औसत में भी देशभर में अग्रणी रहा है। पिछले दो वर्ष से यह औसत 60 दिवस प्रति परिवार से अधिक रहा है। इस वित्तीय वर्ष तक भी करीब 40 दिवस का औसत रोजगार नवम्बर तक ही उपलब्ध करवाया जा चुका था। गत वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय स्तर पर 50 औसत रोजगार दिवस प्रति परिवार ही रोजगार उपलब्ध करवाया गया, जबकि राज्य के औसत रोजगार दिवस प्रति परिवार 60 है, जो कि राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है।

सौ दिवस पूर्ण करने वाले परिवार सर्वाधिक
विगत दो वर्षों में औसतन 10 लाख से अधिक परिवारों को प्रदेश में 100 दिवस का रोजगार प्रदान किया गया। वर्ष 2021-22 में देशभर में 59,17,260 परिवारों ने 100 दिवस का कार्य पूर्ण किया था, जिसमें राज्य में 9,91,743 परिवारों ने 100 दिवस पूर्ण किये, जो कि देश में सर्वाधिक संख्या है।

महिला मेट को कार्य प्रदान करने में अव्वल
महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत महिलाओं एवं पुरूषों के लिए मजदूरी एकसमान है। रोजगार के आवंटन में महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए कम से कम एक तिहाई महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराना आवश्यक है। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में मेट के नियोजन में भी कम से कम 50 प्रतिशत महिलाओं का नियोजन किया सुनिश्चित किया जा रहा है। राज्य में कुल 77,143 में से 49,462 महिला मेट प्रशिक्षित हैं। कुल 30,272 प्रतिशत मेट कार्य कर रहे है, जिनमें से 12,573 महिला मेट कार्यरत हैं। गत वर्ष 2021-22 में देश में कुल 3,86,945 महिला मेटों द्वारा कार्य किया गया, जिसमें से राज्य में 94,687 महिला मेटों ने कार्य किया, जो कि देश में सर्वाधिक है।

पर्यावरण सुरक्षा कार्य
महात्मा गांधी नरेगा योजना में स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण कार्य भी किया जा रहा है।

पौधारोपण: राज्य द्वारा पौधारोपण कार्यों को महत्वपूर्ण मानते हुए गत वर्ष 2021-22 में कुल 22,51,280 पौधे लगवाए गए। मानसून 2022-23 में अमृत सरोवर संरचनाओं के 3008 कार्यों पर 1,49,451 पौधे, चारागाह भूमि पर वृक्षारोपण के 4448 कार्यों पर 15,03,212 पौधे, राजकीय परिसरों में वृक्षारोपण के 13,432 कार्यों पर 9,36,587 पौधे एवं व्यक्तिगत लाभार्थियों की भूमि पर फलदार वृक्षारोपण संबंधी 67,672 कार्यों पर 4,41,055 पौधे लगाए गए हैं।

अमृत सरोवर: जल संरक्षण एवं पारंपरिक जल स्रोतों के सुदृढ़ीकरण हेतु राज्य में कुल 2475 अमृत सरोवर बनाये जाने हैं, जिनमें से नवम्बर माह तक 960 अमृत सरोवर तैयार किये जा चुके हैं।

ग्रामीण अवसंरचना निर्माण कार्य
महात्मा गांधी नरेगा के योजना के तहत ग्रामीण अवसंरचना को भी सुदृढ़ बनाने हेतु कई कार्य किये जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के किशोर एवं युवाओं के शारीरिक विकास के लिए खेल मैदान बनाना, मुक्ति धाम का निर्माण एवं विकास कार्य, गांव में सड़कों का निर्माण, खरंजा निर्माण, इंदिरा गांधी आवास योजना के कार्य, आंगनबाड़ी एवं पंचायत भवन निर्माण, खाद्य भंडारण गोदाम निर्माण कार्य गांव एवं ग्रामवासियों के विकास लिए कराये गये हैं।

पंचशाला का निर्माण
महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत वर्ष 2022-23 में पंचशाला (पौधशाला, पोषणशाला, पशुशाला, निर्माणशाला एवं कार्यशाला) का निर्माण किया जा रहा है। योजना में कुल 4159 पौधशालाओं में से 1575 स्वीकृत की जाकर 871 प्रगतिरत हैं व 39 पूर्ण हो चुकी हैं। राज्य मंे कुल 11,307 पोषण वाटिका में से 13607 स्वीकृत की जाकर 6871 प्रगतिरत हैं जबकि 969 पूर्ण की जा चुकी हैं। इसी प्रकार कुल 56,598 पशुशाला बनायी जानी हैं। इनमें से 52,534 स्वीकृत हैं, जिनमें 22,594 प्रगतिरत हैं एवं 2124 पूर्ण हो चुकी हैं। कुल 353 स्वीकृत कार्यशाला में से 174 प्रगतिरत हैं एवं 18 पूर्ण की जा चुकी हैं। कुल 319 निर्माणशाला में से 35 स्वीकृत हैं तथा 16 प्रगतिरत हैं।

विभिन्न योजनाओं से अभिसरण (कन्वर्जेन्स)
महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत विभिन्न लाइन विभागांे यथा सार्वजनिक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, वन विभाग, जलग्रहण विकास एवं भूसंरक्षण विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनओं से कन्वर्जेन्स कर टिकाऊ परिसंपत्तियों का निर्माण किया जा रहा है।

नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS)
महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत वास्तविक समय उपस्थिति अंकन (Real Time Attendence Capture) हेतु भारत सरकार द्वारा NMMS एप के माध्यम से हाजिरी अंकन के निर्देश दिए गये हैं। राज्य सरकार द्वारा पारदर्शिता के दृष्टिगत इसे प्राथमिकता देते हुए लागू किया गया है एवं नवंबर, 2022 प्रथम पखवाड़े में बीस श्रमिकों से ज्यादा श्रमिक स्थल पर एप के माध्यम से हाजिरी में राज्य देशभर में द्वितीय स्थान पर रहा है।

एरिया ऑफिसर एप
राज्य जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा महात्मा गांधी नरेगा कार्यों के रियल टाइम निरीक्षण, मौके पर फोटो, निरीक्षण रिपोर्ट एवं टिप्पणी अपलोड किये जाने तथा कराये गये कार्यों की जांच हेतु किये जाने वाले निरीक्षण के लिए एरिया ऑफिसर एप बनाया गया है ताकि कार्यों की गुणवत्ता को सुनिश्चत किया जा सके।

India Edge News Desk

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