नीतीश सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सनी हजारी कांग्रेस में हुए शामिल

पटना
बिहार के राजनीतिक गलियारे से जुड़ी बड़ी खबर है। नीतीश सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सनी हजारी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पिता के जदयू में रहते हुए उन्होंने यह कदम उठाया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस ने इसे बड़ी उपलब्धि माना है। कहा जा रहा है कि समस्तीपुर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सनी हजारी ने कांग्रेस का हाथ थामा है। पार्टी उन्हें टिकट देती है तो इस सीट पर उनकी लड़ाई महेश्वर हजारी के सहयोगी मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी से होगी। हालांकि अभी तक सनी हजारी को टिकट देने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

बिहार के समस्तीपुर में लोकसभा चुनाव दिलचस्प होता दिख रहा है। इस सीट पर नीतीश कुमार के दो मंत्रियों के बेटे और बेटी के बीच डायरेक्ट फाइट होने की स्थिति बन रही है।  एक तरफ जल संसाधन मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास से मैदान में उतर चुकी है तो दूसरी और आईपीआरडी मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र सनी हजारी उन्हें टक्कर देने की तैयारी में हैं। सनी हजारी ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है।  सूत्रों के मुताबिक पार्टी उन्हें महागठबंधन प्रत्याशी के तौर पर समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाएगी।

बिहार कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सनी हजार की को कांग्रेस के सदस्यता दिलाई और प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।  पार्टी ज्वाइन करने के बाद सनी हजारी ने कहा कि उन्हें जो भी काम कांग्रेस की ओर से दिया जाएगा उसे बखूबी निभाएंगे। अगर समस्तीपुर से उन्हें उम्मीदवार बनाया जाता है तो पूरे दमखम के साथ लड़ेंगे। सूत्रों से खबर मिल रही है कि कांग्रेस से टिकट की डील तय हो जाने के बाद ही या कदम उठाया गया है।

 महेश्वर हजारी अपने बेटे को राजनीति में लाने के लिए पहले से प्रयास कर रहे थे। उन्होंने चिराग पासवान के आवास पर जाकर सनी हजारी की मुलाकात करवाई थी। महेश्वर हजारी चिराग पासवान के संबंधी भी हैं। उन्हें उम्मीद थी कि चिराग पासवान उनके बेटे को उम्मीदवार टिटक देंगे। लेकिन समस्तीपुर से अशोक चौधरी की बेटी  शांभवी को टिकट दे दिया गया। उसके बाद सनी हजारी ने कांग्रेस में जाने का फैसला कर लिया।

इस मामले में महेश्वर हजारी ने कहा है कि यह उनके बेटे का निर्णय है। इससे उन्हें कुछ लेना देना नहीं है। वह जदयू में है और नीतीश कुमार के साथ खड़े हैं। बेटा अपना पॉलीटिकल करियर खुद तय करेगा। दूसरी और अशोक चौधरी अपनी बेटी की जीत के लिए पूरी ताकत से लगे हैं क्योंकि एलजेपी-आर और जदयू दोनों एनडीए के घटक दल हैं। लेकिन पूत्र के भविष्य को लेकर वह कितना न्यूट्रल रह पाएंगे इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता। कुल मिलाकर नीतीश कुमार के लिए यह प्रकरण कठिन होगा क्योंकि काफी दिनों के बाद चिराग पासवान ने उनके बारे में अच्छी बातें कहना शुरू किया है। खुद नीतीश कुमार भी कहते थे कि 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की रणनीति ने जदयू को 43 सीटों पर समेट दिया।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button