मध्यप्रदेश में शिक्षकों की सैलरी को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है
कांग्रेस ने घोषणावीर के मुद्दे पर CM शिवराज को घेरा, शिक्षकों की सैलरी पर MP में क्यों हो रही सियासत
भोपाल : मध्यप्रदेश में शिक्षकों की सैलरी को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को घोषणावीर बताया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री की घोषणा से हर वर्ग परेशान है इसलिए मुख्यमंत्री को घोषणावीर मुख्यमंत्री कहा जाता है. मुख्यमंत्री ने दूसरे साल शत प्रतिशत सैलरी देने की घोषणा कर दी मुख्यमंत्री की झूठी घोषणाओं से पूरा मध्यप्रदेश परेशान है. आदेश न जारी होने के बाद भी बीजेपी का दावा है कि सीएम ने जो घोषणाएं की है उसे पूरा किया जाएगा.
बीजेपी का दावा पूरी होगी घोषणाएं :
कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि आदेश न जारी होने बाद भी बीजेपी उन घोषणाओं को पूरा करने का दावा कर रही है. कांग्रेस ने कहा कि, प्रदेश में आचार संहिता लागू है लेकिन बीजेपी का दावा है कि सीएम की घोषणा पूरी होगी लेकिन कैसे? ये सत्ताधारी दल को भी नहीं पता.
सीएम शिवराज झूठी घोषणाएं करते हैं :
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को घोषणावीर बताया है. इससे पहले कमलनाथ ने कहा था कि, शिवराज जी हर साल कोई ना कोई झूठी घोषणा करते है. उन्हें कोई परहेज नहीं. मंदिर जाकर भी झूठ बोल रहे हैं. किस तरह से उन्होंने हमारे नौजवानों का, कृषि क्षेत्र का, कानून व्यवस्था का सत्यानाश किया है. मुझे मध्य प्रदेश के मतदाताओं पर पूरा विश्वास है कि वे शिवराज के झूठे प्रचार के शिकार नहीं होंगे. मध्यप्रदेश का भविष्य सुरक्षित हाथों में रखेंगे.
आगे उन्होंने कहा था कि, शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले में घर-घर शराब पहुंचाने का काम किया है. शिवराज सिंह चौहान दिनभर में हजारों झूठ बोलते हैं, और झूठी घोषणाएं करते है. शिवराज सिंह चौहान घोषणाओं की मशीन हैं.आज बीजेपी के पास एमपी में केवल पुलिस, पैसा और प्रशासन बचा है. अगर जनता का विश्वास होता तो नगर पालिका में पंचायत चुनाव में पुलिस, प्रशासन और पैसे के उपयोग की आवश्यकता नहीं पड़ती.