अबूझबाड़ के जंगल में सुरक्षा बलों ने तीन नक्सली लीडर को किया ढेर, अब तक मारे गए 157 नक्सली

नारायणपुर

बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही. अबूझमाड़ के परादी जंगल में नारायणपुर पुलिस ने संयुक्त नक्सल विरोधी ‘माड़ बचाओ’ अभियान चलाया, जिसमें फिर बड़ी सफलता मिली. इस मुठभेड़ में माओवादी संगठन के तीन प्रमुख कैडर ढेर हुए. मारे गए नक्सलियों में DKSZC रूपेश, DVCM जगदीश और PPCM सरिता शामिल हैं, जिन पर क्रमशः 25, 16 और 8 लाख रुपए का इनाम था. पुलिस के मुताबिक, 2024 में अब तक 157 नक्सली मारे गए हैं. 663 गिरफ्तार किए गए और 556 ने आत्मसमर्पण किया है.

बता दें कि 22 सितंबर को पुलिस को अबूझमाड़ क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना मिली थी. इस सूचना की पुष्टि के लिए नारायणपुर, कोण्डागांव और दंतेवाड़ा की डीआरजी, एसटीएफ और बीएसएफ के संयुक्त बलों को अभियान में लगाया गया. पांच दिनों तक चले इस अभियान में माओवादी पुलिस बल पर अचानक फायरिंग करने लगे. सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आत्मरक्षा में गोलीबारी की. मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान तीन माओवादियों के शव और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए.

मारे गए नक्सली
    रूपेश उर्फ कोलू उर्फ शांभा गोसाई – DKSZC (इनाम: 25 लाख), महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले का निवासी। इस पर 66 आपराधिक मामले दर्ज थे।
    जगदीश उर्फ रमेश उर्फ सुखलाल टेकाम – DVCM (इनाम: 16 लाख), मप्र के बालाघाट जिले का निवासी। इस पर 43 आपराधिक मामले दर्ज थे।
    सरिता उर्फ बसंती – PPCM, PLGA कंपनी नंबर 10 की महिला माओवादी (इनाम: 8 लाख), छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की निवासी।

घटना स्थल पर खून के धब्बे, और भी नक्सली घायल होने की आशंका
घटना स्थल से AK-47, INSAS, SLR, कार्बाइन, 303 राइफल, 12 बोर बंदूक, BGL लांचर समेत भारी मात्रा में गोला बारूद, विस्फोटक सामग्री और नक्सली दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गईं. साक्ष्य बताते हैं कि इस मुठभेड़ में कई और नक्सली घायल या मारे गए होंगे, क्योंकि मौके पर खून के धब्बे मिले हैं.

सुरक्षा बलों ने अभियान के दौरान पांच दिन तक अबूझमाड़ की दुर्गम और विकट परिस्थितियों का सामना किया. इस अभियान का उद्देश्य माओवादी विचारधारा से प्रभावित ग्रामीणों को मुख्यधारा में लाना और क्षेत्र को नक्सल मुक्त बनाना है. पुलिस के लगातार अभियानों से नक्सलियों का प्रभाव कम होता जा रहा है और ग्रामीण अब भयमुक्त जीवन की आशा करने लगे हैं.

नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील
पुलिस अधीक्षक नारायणपुर प्रभात कुमार ने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य माओवादियों के प्रभाव से मूल निवासियों को बचाना और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है. उन्होंने नक्सलियों से आत्मसमर्पण कर पुनर्वास नीति अपनाने की अपील की है. पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज, सुन्दरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2024 में बस्तर संभाग में नक्सल विरोधी अभियानों के तहत अब तक कुल 157 नक्सली मारे गए हैं. 663 गिरफ्तार किए गए और 556 ने आत्मसमर्पण किया है.

नक्सलियों को संदेश – किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटेंगे जवान
पुलिस अफसरों का कहना है कि अबूझमाड़ और माड़ डिविजन के माओवादी इस मुठभेड़ के बाद डरे हुए हैं. माओवादियों के शीर्ष नेतृत्व पर लगातार हो रहे हमलों से नक्सली संगठन कमजोर पड़ता जा रहा है. माओवादी अपने सुरक्षित ठिकानों को भी खोते जा रहे हैं और संगठन के भीतर दोषारोपण की स्थिति उत्पन्न हो रही है.

माड़ बचाओ अभियान में सुरक्षा बलों ने मानसून के कठिन मौसम में उफनती नदियों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों का सामना करते हुए अदम्य साहस और बहादुरी का प्रदर्शन किया. इस अभियान ने नक्सलियों को कड़ा संदेश दिया है कि सुरक्षा बल किसी भी परिस्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे. इस ऑपरेशन से नक्सल मुक्त बस्तर का सपना साकार होता दिखाई दे रहा है. ग्रामीणों में अब भय का माहौल कम होता जा रहा है और वे विकास एवं शांति की ओर बढ़ रहे हैं.

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button