प्रफुल्ल पटेल ने फीफा प्रमुख से किया प्रतिबंध नहीं लगाने का अनुरोध

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद प्रफुल्ल पटेल ने सोमवार को फीफा प्रमुख जियानी इन्फेंटिनो से देश पर प्रतिबंध नहीं लगाने का अनुरोध किया। न्यायालय ने पिछले सप्ताह एआईएफएफ को चलाने के लिए तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) की नियुक्ति की, जिससे पटेल की अध्यक्षता वाली संचालन समिति की सारी शक्तियां खत्म हो गई। इस फैसले के बाद खेल के संचालन में ‘बाहरी हस्तक्षेप’ को लेकर एआईएफएफ पर फीफा के द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है। सीओए की तीन सदस्यीय समिति को नए संविधान के तहत चुनाव होने तक एआईएफएफ के दैनिक मामलों की निगरानी करने का अधिकार दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मैं यह भी बताना चाहूंगा कि उच्चतम न्यायालय ने जुलाई 2022 तक सभी मुद्दों को हल करने की इच्छा जताई है। मैं एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) और फीफा से अनुरोध करता हूं कि फिलहाल भारत को निलंबित ना करें। न्यायालय के आदेश के इस महत्वपूर्ण पहलू पर विचार करें और सीओए से बातचीत कर के समयसीमा निर्धारित करें। न्यायालय के आदेश का बिना किसी भी देरी के सख्ती से पालन किया जाएगा। अभी फीफा के प्रतिबंध से 11 से 30 अक्टूबर तक होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी भारत से छीन जायेगी। इससे अगले महीने कोलकाता में होने वाले भारत के 2023 एशियाई कप क्वालीफायर मैच भी प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा रि उच्चतम न्यायालय द्वारा सीओए की नियुक्ति को फीफा और एएफसी प्रथम दृष्टया तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप और अनुचित मानते है। इस फैसले के बाद मुझे डर है कि एएफसी और फीफा से एआईएफएफ अपने आप निलंबित हो जाएगा।

इससे भारत और भारतीय क्लबों और खिलाड़ियों का किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेना रुक जाएगा और एआईएफएफ को भारत में खेल के विकास के लिए जरूरी कोष नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत पर प्रतिबंध लगने से आठ जून 2022 से कोलकाता में प्रस्तावित एएफसी कप के मैच प्रभावित हो सकते है। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। इसके अलावा पहली बार भारत में फीफा महिला प्रतियोगिता (अंडर-17 विश्व कप) आयोजित की जाएगी। इससे देश में व्यापक रूप से महिलाओं के खेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। पटेल ने कहा कि वह तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप पर फीफा की शून्य-सहिष्णुता नीति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। मैं एएफसी और फीफा की अनुभवी कानूनी टीमों से भी अपील करता हूं कि अगर एआईएफएफ कानूनों के संशोधन में सीओए से संपर्क किया जाए और जरूरत हो तो उनका मार्गदर्शन करें।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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