एमएसपी पर धान, ज्वार एवं बाजरा की उपार्जन नीति जारी : खाद्य मंत्री राजपूत

भोपाल.
खरीफ विपणन वर्ष 2024- 25 में केंद्र सरकार द्वारा समय – समय पर घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर औसत अच्छी गुणवत्ता की धान, ज्वार एवं बाजरा का उपार्जन किसानों से किया जाएगा। राज्य शासन ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा की उपार्जन नीति घोषित कर दी है। समर्थन मूल्य पर ज्वार एवं बाजरा की 22 नवम्बर और धान की खरीदी 2 दिसम्बर से की जायेगी।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश के समस्त कलेक्टर्स, नागरिक आपूर्ति निगम तथा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि उपार्जन नीति का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराएं, जिससे किसानों को लाभ पहुंचाने की सरकार की मंशा पूरी हो सके। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।

खाद्य मंत्री राजपूत ने बताया कि निर्धारित अवधि में उपार्जन किया जाएगा। उपार्जन मात्रा का निर्धारण विगत तीन वर्षों में धान, ज्वार एवं बाजरा की उपार्जन मात्रा में औसत वृद्धि तथा बोए गए रकबे के आधार पर किया जाएगा। समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा के उपार्जन के लिए मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन नोडल एजेंसी होगी। इसके अलावा विभाग द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार की अन्य एजेन्सी अथवा उनके द्वारा अधिकृत संस्था को भी उपार्जन एजेन्सी घोषित किया जा सकेगा। जबकि उपार्जित खाद्यान्न के भण्डारण एवं रखरखाव के लिए मध्यप्रदेश वेअरहाऊसिंग एवं लाजिस्टिक कार्पोरेशन नोडल राज्य समन्वयक एजेन्सी होगी।

किसानों की सुविधा अनुसार होगा उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण
मंत्री राजपूत ने बताया कि उपार्जन केन्द्र के स्थान का निर्धारण किसानों की सुविधा अनुसार किया जाएगा। उपार्जन केन्द्र प्राथमिकता से गोदाम/केप परिसर में स्थापित किए जाएंगे। गोदाम/केप उपलब्ध न होने पर समिति एवं अन्य स्तर पर उपार्जन केन्द्र स्थापित किए जा सकेंगे। जिले में उपार्जन केन्द्रों की संख्या का निर्धारण किसान पंजीयन, पंजीयन में दर्ज बोया गया रकबा एवं विगत वर्ष निर्धारित उपार्जन केन्द्रों के आधार पर राज्य उपार्जन समिति द्वारा किया जाएगा।

यह होंगी उपार्जन करने वाली संस्थाएँ
उपार्जन कार्य सहकारी समितियां, बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाएँ, ब्लाक स्तरीय विपणन सहकारी संस्थाएँ, जिला थोक उपभोक्ता भण्डार, महिला स्व-सहायता समूह एवं क्लस्टर लेवल फेडरेशन, उपार्जन कार्य करने के लिए सहमति देने वाली अन्य संस्थाओं को दिया जा सकेगा। संस्थाओं की पात्रता का निर्धारण विभाग द्वारा किया जाएगा।

बारदाना व्यवस्था
समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिये 46 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नवीन जूट बारदाने उपयोग किये जायेंगे। बारदानों की व्यवस्था उपार्जन एजेंसी द्वारा की जायेगी। ज्वार एवं बाजरे का उपार्जन नवीन जूट बारदानों में किया जायेगा। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा धान, ज्वार एवं बाजरा के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिये निर्धारित यूनिफार्म स्पेसिफिकेशन्स के अनुसार एवं समय-समय पर इसमें दी गई शिथिलता के अनुसार उपार्जन किया जायेगा।

गुणवत्ता परीक्षण का दायित्व उपार्जन केन्द्र में उपार्जन करने वाली संस्था और भण्डारण स्थल पर उपार्जन एजेंसी का होगा। कृषि उपज मण्डियों में एफएक्यू मानक की धान, ज्वार एवं बाजरा की खरीदी समर्थन मूल्य से कम पर क्रय नहीं किया जायेगा। नॉन एफएक्यू उपज का सैम्पल कृषि उपज मण्डी द्वारा संधारित किया जायेगा। किसान पंजीयन में दर्ज फसल के रकबे एवं राजस्व विभाग द्वारा तहसीलवार निर्धारित उत्पादकता के आधार पर कृषक द्वारा खाद्यान्न की विक्रय योग्य अधिकतम मात्रा का निर्धारण किया जायेगा। कृषक द्वारा उपज बेचने के लिये उपार्जन केन्द्र एवं विक्रय दिनांक के चयन के लिये www.mpeuparjan.nic.in पर स्लॉट बुकिंग करानी होगी। उपार्जित खाद्यान्न का उपार्जन केन्द्र से गोदाम तक परिवहन का दायित्व उपार्जन एजेंसी का और धान को उपार्जन केन्द्र/गोदाम से सीधे मिलर्स तक परिवहन का दायित्व मिलर्स का होगा।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button