लघु व्यवसायियों को ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध करवाएं सुविधाएं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि छोटे, घरेलू उद्योगों से जुड़े लघु व्यवसायियों को उनके उत्पाद के ऑनलाइन विक्रय की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग प्रयास बढ़ाए। अपने पोर्टल के विकास के साथ कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग लघु और सूक्ष्म उद्योगों का संचालन करने वाले व्यवसायियों की उन्नति के लिए नोडल विभाग की भूमिका में कार्य करे। प्रदेश में उत्पादित ऐसे उत्पाद प्रदेश और देश में बिकने के साथ ही भविष्य में निर्यात किए जा सकें, इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य किया जाए। भोपाल हाट और प्रदेश के अन्य स्थानों पर महिला व्यवसायियों के लिए साप्ताहिक महिला हाट में विभिन्न उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को मंत्रालय में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल उपस्थित थे।

बैठक में बताया गया कि उज्जैन में वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट, जीआई उत्पाद, हस्तशिल्प उत्पाद और अन्य स्थानीय उत्पादों के प्रचार और बिक्री केलिए वन स्टॉप मार्केट प्लेस के रूप में यूनिटी मॉल स्थापित किया जाएगा। यह देश में अपनी तरह का प्रथम यूनिटी मॉल होगा। इस संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। इसके साथ ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेप्यूट में प्रवेश पाने वाले हाथकरघा बुनकरों और श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के लिए 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता देने का संकल्प है, इस दिशा में भी कार्यवाही चल रही है। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दोना-पत्तल निर्माण जैसे छोटे उद्योगों में पर्यावरण की रक्षा का ध्यान रखते हुए प्लास्टिक के स्थान पर विभिन्न वनस्पतियों से उत्पाद के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाए। मूर्ति शिल्पकारों को प्रदेश ही नहीं देश के प्रसिद्ध मूर्ति शिल्पकारों से प्रशिक्षण दिलवाने की व्यवस्था की जाए। प्रदेश के धार्मिक महत्व के स्थानों पर भगवान जी के वस्त्र निर्माण के कार्य के लिए भी स्थानीय व्यक्तियों को दक्ष बनाकर आर्थिक लाभ दिलवाया जाए।

बांस उत्पादन और शहद संग्रहण बढ़ाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग बांस उत्पादकों को प्रोत्साहन देकर अगरबत्ती निर्माण जैसे कुटीर उद्योगों को लाभान्वित करें। उन जिलों में जहाँ बांस उत्पादन कम है, नदियों के किनारे बांस के सघन रोपण और विकास से जल से होने वाले कटाव को रोकने में सहायता मिलेगी, इसके साथ ही बांस उत्पादन का लाभ भी मिलेगा। हैण्डलूम के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण देकर आर्थिक लाभ दिलवाया जाए। लाड़ली बहनों को ऐसे कार्यों से जोड़कर उनकी आमदनी को बढ़ाया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर शहद संग्रहण का कार्य होता है, लेकिन शहरों में अनेक पुष्प- नर्सरियां होने के बावजूद इस कार्य के लिए वर्तमान में आवश्यक व्यवस्थाएं नहीं है। ऐसे स्थानों पर व्यवस्थाएं और सुविधाएं विकसित की जाएं। इन प्रयासों से नागरिकों को अमानक शहद के स्थान पर शुद्ध शहद प्राप्त होगा और शहद संग्राहक भी आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग आवश्यक प्रशिक्षण व्यवस्था करे। बढ़े हुए शहद उत्पादन का विक्रय मृगनयनी और अन्य बिक्री काउंटरों के माध्यम से किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लघु व्यवसायियों को अपने व्यवसाय के उन्नयन के लिए ऋण और अनुदान की अनेक योजनाएं संचालित हैं। विभाग के अधिकारी बैंकों के स्तर पर प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के प्रयास भी करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आगामी दिसम्बर माह में कोलकाता में इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर हो रहा है। इसमें प्रदेश के विभिन्न शिल्पों के प्रदर्शन और विक्रय के प्रयास किए जाएं।

विभाग की उपलब्धियों
बैठक में विभाग की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया गया कि विभाग के अंतर्गत हाथकरघा संचालनालय, रेशम संचालनालय, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, संत रविदास हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम, मध्यप्रदेश माटी कला बोर्ड, मध्यप्रदेश राज्य हाथकरघा बुनकर सहकारी संघ जबलपुर, मध्यप्रदेश स्टेट सेरिकल्चर डेवलपमेंट एंड ट्रेडिंग को ऑपरेटिव फेडरेशन और मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक सहकारी संघ कार्य कर रहे हैं। विभाग ने संकल्प पत्र : 2024 के बिन्दुओं पर अमल करते हुए सभी संस्थाओं को सक्रिय किया है। विंध्य हर्बल्स ने ग्वालियर में मधुमक्खी पालकों के हित में शहद प्र-संस्करण इकाई शुरू करने की पहल की है। प्रदेश में इस वित्त वर्ष में 200 हितग्राहियों को कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण देने और पीएमईजीपी में वित्तीय सुविधा देने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में अगरबत्ती निर्माण से जुड़े 40 हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया गया है। पीएमईजीपी में 9 हितग्राहियों को वित्तीय सुविधा प्रदान की गई है। रेशम समृद्धि योजना, स्थानीय कलाकृतियों को बढ़ावा देने के लिए मृगनयनी एम्पोरियम की नई शाखाएं प्रमुख शहरों में प्रारंभ करने, गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग और विज्ञापन गतिविधियों के रूप में मार्केट सपोर्ट प्रदान करने के कदम भी उठाए गए हैं। कौशल उन्नयन के अंतर्गत बुनियादी कौशल प्रशिक्षण और अग्रिम कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। बुरहानपुर में खादी उत्पादन केन्द्र के लिए परियोजना तैयार की गई है, जिससे 550 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होगा।

India Edge News Desk

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