‘पीटीआई’ ने सेना को कभी राजनीति में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं कहा : पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी

कराची

 पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी भी सेना को राजनीति में हस्तक्षेप करने के लिए नहीं कहा।

उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि सेना ही एकमात्र ऐसा हितधारक है, जिसके साथ सार्थक बातचीत संभव है क्योंकि उसके पास निर्णय लेने का अधिकार है।

अल्वी ने कराची प्रेस क्लब के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणियां की।

उन्होंने राजनीति में सेना की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा कि सेना ही एकमात्र ऐसा हितधारक है, जिसके साथ सार्थक बातचीत संभव है।

अल्वी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हमने सेना को राजनीति में हस्तक्षेप करने के लिए कभी नहीं कहा। लेकिन इमरान खान उन लोगों से बात करना चाहते हैं जिनके पास निर्णय लेने की शक्ति है। क्या आपको लगता है कि जो लोग फॉर्म 47 के जरिए सत्ता में आए हैं उनके पास देने के लिए कुछ है? उनसे बातचीत करना बेकार होगा।’

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री खान की पार्टी का मानना है कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने फरवरी में हुए चुनावों के जनादेश को पलट दिया और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को लाभ पहुंचाने के लिए फॉर्म 47 में परिणाम बदल दिए गए।

अल्वी ने कहा, ‘जो लोग एकजुट होकर संविधान बहाल करने के लिए संघर्ष करना चाहते हैं, उन्हें ऐसा करना चाहिए। लेकिन बातचीत केवल उन्हीं लोगों से होनी चाहिए जो कुछ कर सकें और कुछ विश्वसनीय बातें सामने ला सकें।’

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस तरह की कवायद से नाजुक राजनीतिक व्यवस्था और कमजोर तो नहीं होगी, जिस पर उन्होंने कहा कि यह सब उसी टूटी हुई राजनीतिक व्यवस्था को ठीक करने के प्रयास में किया जा रहा है।

 

 

India Edge News Desk

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