पुणे हादसाः नाबालिग आरोपी के पिता के खिलाफ दर्ज होंगे दो और मामले

पुणे

पुणे पोर्श कार हादसे को लेकर पुलिस एक्टिव हो गई है. इस मामले में नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल के खिलाफ दो और मुकदमे दर्ज होंगे. विशाल के खिलाफ धारा 201 और धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. धारा 201 में सबूत मिटाने की कोशिश का मामला दर्ज होगा. क्योंकि पुलिस जांच में पता चला है कि विशाल ने अपने ड्राइवर से कहा था कि वह पुलिस से झूठ बोले कि वह कार चला रहा था.

पुणे के पुलिस पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने पोर्श कार एक्सीडेंट केस को लेकर बड़ा दावा किया है। पुलिस कमिश्रर ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि रविवार को पोर्श कार से हुए हादसे के समय गाड़ी 17 साल का किशोर नहीं चला रहा था। उन्होंने कहा कि आंतरिक जांच में मामला दर्ज करने में कुछ पुलिस कर्मियों की चूक की ओर इशारा किया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पुणे पुलिस आयुक्त ने पोर्श हादसे में आरोपी नाबालिग के पिता के दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के पास पक्के सबूत हैं कि हादसे के दौरान नाबालिग ही कार चला रहा था। कई चश्मदीदों ने भी इसकी पुष्टि की है। ड्राइवर के कार चलाने के दावे निराधार हैं।

पोर्श कार ड्राइवर चला रहा था?
पुणे पोर्श हादसे में लगातार ट्विस्ट सामने आ रहा है। हादसे के बाद आरोपी नाबालिग के पिता ने बयान दिया कि रविवार को पोर्श कार उनका बेटा नहीं, बल्कि ड्राइवर चला रहा था। पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने इस दावे को खारिज कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि आरोपी पक्ष की ओर से यह दिखाने की कोशिश की गई कि हादसे के समय कार 17 साल को नाबालिग लड़का नहीं चला रहा था। पुलिस की जांच में यह दावा झूठा निकाला। इससे जुड़े साक्ष्य पुलिस के पास है।

बूतों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इसका एक उदाहरण है कि जब नाबालिग घर से कार लेकर निकल रहा था, तब इसकी एंट्री रजिस्टर में की गई थी। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज में साफ हुआ कि कार बिल्डर का नाबालिग बेटा ही चला रहा था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की है, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 201 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

ब्लड सैंपल लेने में देरी हुई
पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपी लड़के का ब्लड सैंपल रविवार सुबह 9 बजे लिया गया था। उन्होंने माना कि ब्लड सैंपल लेने में देरी हुई, मगर इसकी रिपोर्ट इस केस का आधार नहीं है। इस मामले में आईपीसी की धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया गया है। लड़के को अच्छी तरह पता था कि नशे की हालत में गाड़ी चलाने से लोगों की जान भी जा सकती है। उन्होंने बताया कि कोर्ट में इस केस की ठोस पैरवी के लिए स्पेशल वकीलों की नियुक्ति की जाएगी। बता दें कि गुरुवार को नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल ने दावा किया था कि गाड़ी को उनका फैमिली ड्राइवर चला रहा था। नाबालिग के दो दोस्तों ने भी ड्राइवर होने की बात कही थी। पुलिस का कहना है कि इस मामले में बिल्डर के ड्राइवर से दोबारा पूछताछ की जाएगी।

इसके साथ ही आरटीओ की शिकायत के बाद आरोपी के पिता विशाल के खिलाफ धारा 420  के तहत दूसरा मामला दर्ज किया जाएगा. दरअसल पुलिस को पहले ये बताया गया था कि पॉर्श कार के रजिस्टर्ड थी, लेकिन कार का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था. ये झूठी जानकारी थी.

वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर गुरुवार (23 मई) को 2 वीडियो वायरल हुए. इन वीडियो को लेकर दावा किया गया था कि इसमें दिखाई दे रहा लड़का पुणे दुर्घटना मामले का आरोपी है. इस वीडियो में वह लड़का गाली-गलौज करते हुए भी दिख रहा है और वह खुद के अमीर बता रहा है. अब सामने आ रहा है कि वीडियो में दिखाई दे रहा लड़का नाबालिग आऱोपी नहीं है, बल्कि मध्य प्रदेश का रहने वाला आर्यन है. अब पुणे पुलिस आर्यन की तलाश में है. जानकारी के मुताबिक पुलिस उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी.

इस मामले में पुलिस ने नाबालिग आरोपी के दादा से भी पूछताछ की थी. इसी बीच नाबालिग ने दावा किया है कि दुर्घटना के समय उसका फैमिली ड्राइवर गाड़ी चला रहा था. नाबालिग के दो दोस्त, जो दुर्घटना के समय उसके साथ थे, उन्होंने उसके दावों का समर्थन किया है. पुलिस उस पूरे रास्ते के सीसीटीवी फुटेज एकत्र कर रही है, जहां से कार गुजरी. इसमें घर से लेकर रेस्तरां तक, फिर ब्लैक क्लब और वहां से दुर्घटना स्थल तक शामिल है. पुलिस यह देख रही है कि दुर्घटना के समय कार कौन चला रहा था. फोरेंसिक टीम ने दुर्घटना में शामिल पोर्श  कार की भी जांच की.

क्या था मामला?

ये घटना 19 मई की सुबह की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 वर्षीय बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई. इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई. कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था. हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था.

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button