भौकाल है ‘पिनाका’! 42 सेकेंड में दागता है 72 रॉकेट, महज 30 सेकेंड में धुआं-धुआं होगा लाहौर..

नई दिल्ली

 शांति का संदेश पूरे विश्व को देगा लेकिन साथ ही भारत आतंकवाद से लड़ेगा. भारत अपनी संप्रभुता को चुनौती देने वालों से लड़ेगा. भारत उसके नागरिकों का खून बहाने वालों से लड़ेगा. जो जिस जुबान में बात करेगा, उसे उसकी जुबान में जवाब देगा. इस बार इन सारे समीकरण में पाकिस्तान है जिसने न सिर्फ भारत की जमीं पर अटैक करने के लिए आतंकवादियों को पनाह और ट्रेनिंग दी बल्कि भारत के उनपर एक्शन लेने के बाद आम भारतीयों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. हवाई हमले के लिए ड्रोन भेजे और मिसाइल गिराने की जुर्रत की. लेकिन इन तमाम कोशिशों के बीच भारत की सेना और उनके हथियार डिफेंस की दीवार बनकर खड़े हैं. चलिए आपको मिलाते हैं पाकिस्तान जैसे हर विरोधी के लिए भारत के अस्त्र- पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम (Pinaka multi-barrel rocket launcher) से. आपको बताएंगे कि भारत के जखीरे में यह अस्त्र खास क्यों है, यह क्या करता है.

गौरतलब है कि भारतीय सेना ने हाल ही में राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में अपने स्वदेशी रूप से विकसित पिनाका सिस्टम की लाइव फायरिंग ड्रिल का आयोजन किया. इसे ऑपरेशन सिंदूर के पहले पाकिस्तान के खिलाफ भारत की तैयारियों का संदेश माना जा रहा था.

पिनाका रॉकेट लॉन्चर: 44 सेकेंड में 72 रॉकेट लॉन्च

आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि पिनाका का नाम आखिर पिनाका क्यों है. पिनाका दरअसल भगवान शिव का पौराणिक धनुष का नाम है इसी पर इस मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम का नाम रखा गया है. मल्टी बैरल सिस्टम होने का मतलब है कि इससे एक साथ कई रॉकेट को लॉन्च किया जा सकता है. यह भारत के तोपखाने की शक्ति का एक मुख्य घटक है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO ने डिजाइन किया है, और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लार्सन एंड टुब्रो जैसी भारतीय रक्षा कंपनियों ने इसे बनाया है. इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया गया है. यह डिफेंस सिस्टम में पहला पिनाक के रॉकेट में GPS भी लगा होता है और यह इसमें गाइडेड सिस्टम पहले से लगा होता है. विशेषज्ञों ने कहा कि पिनाका रॉकेट मैक 4.7 (5,800 किमी/घंटा) की गति तक पहुंच सकते हैं, जिससे उन्हें रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है.

भारतीय सेना में चार पिनाका रेजिमेंट सेवा में हैं और छह और ऑर्डर पर हैं. किसी जंग की स्थिति में इसका सबसे बड़ा काम यही होता है कि यह दुश्मन के महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र में टारगेट पर बहुत कम समय में बड़े हमला करे.

जनवरी में ही सरकार ने पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम के लिए गोला-बारूद के 10,200 करोड़ रुपये के ऑर्डर को मंजूरी दे दी. भारत ने पहले ही आर्मेनिया को इसका निर्यात किया है और फ्रांस के साथ भी डील करने की बात चल रही थी.

India Edge News Desk

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