राजस्थान सक्षम योजना बनी अरुणा गहलोत के लिए उम्मीद की किरण
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इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
जयपुर : युवाओं के भविष्य को संवारने एवं उनकी उद्यमशीलता को निखारने के लिए राज्य सरकार के माध्यम से प्रदेश में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। ऐसी ही योजनाओं में से एक है- राजस्थान सक्षम योजना। इस योजना के जरिए युवाओं को उनके मनचाहे क्षेत्र में निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि भावी पीढ़ी रोजगार और स्वरोजगार कर अपना आने वाला कल उज्जवल बना सके।
ऐसी ही एक कहानी है जोधपुर की रहने वाली अरुणा गहलोत की। अरुणा गहलोत आज एक गृहिणी होने के साथ ही अपना बुटिक चला कर अपने पति के साथ मिलकर अपने बच्चों की अच्छी परवरिश कर पाने में समर्थ है। लेकिन आर्थिक परेशानियों की मार झेल रही अरुणा और उनके परिवार के लिए ये सब कर पाना आसान नहीं था।
उन्होंने बताया कि उनके पति एक किराने की दुकान चला कर परिवार का लालन- पालन करते थे। उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें। परिवार की जिम्मेदारियाँ एवं बच्चों की बेहतर परवरिश की चिंता अरुणा के लिए परेशानी का सबब थीं। लेकिन जैसे हर परेशानी का अंत होता है ठीक उसी तरह अरुणा की मुश्किलों का भी अंत हुआ जब उन्हें अपने किसी परिचित के माध्यम से राजस्थान सक्षम योजना की जानकारी मिली। योजना के बारे में पता चलते ही ऐसा लगा मानो जैसे उनके जीवन में उम्मीद की किरण ने दस्तक दी हो।
अरुणा ने दिव्या लोक सेवा संस्था से सिलाई का प्रशिक्षण लेना शुरु किया। प्रशिक्षण कार्य पूरा होने के बाद उन्होंने ‘अरुणा बुटिक’ से सिलाई का कार्य करना शुरु किया जहाँ उन्हें प्रतिमाह 9500 रुपए की राशि मिलती थी। ‘अरुणा बुटिक’ में तीन महिने कार्य करने के बाद अरुणा ने घर से ही काम करना का मन बनाया और योजना के तहत मिली सिलाई मशीन से घऱ बैठे ही सिलाई का कार्य करना शुरु किया और अब वे अपने पति के साथ मिलकर अपने बच्चों का पालन – पोषण अच्छे से कर पा रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का शुक्रिया अदा करते हुए वे कहती हैं कि आज घर बैठे ही सिलाई का कार्य कर उन्हें प्रतिमाह 12 हजार रुपए की आय हो जाती है और राज्य सरकार की इस योजना के बदौलत ही आज वे आत्मनिर्भर बन कर अपनी जिम्मेदारियाँ बखूबी निभा रही है।