राजस्थान-सहकार से समृद्धि अभियान का हुआ राज्य स्तरीय समारोह, 35 लाख किसानों को फसली ऋण देने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री भजनलाल

जयपुर।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी पर देश भर में 10 हजार नवगठित एम-पैक्स, डेयरी व मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी। साथ ही, इन नवगठित पैक्स के बहुउद्देशीय बनने से ग्रामीण स्तर पर संसाधनों की सुगम उपलब्धता संभव हो सकेगी एवं ग्रामीणों को त्वरित सुविधाएं भी मिल सकेंगी। 

शाह नई दिल्ली में सहकार से समृद्धि अभियान कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा आरआईसी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम से इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े। इस अभियान के तहत देश भर में 10 हजार नवगठित एम-पैक्स, डेयरी व मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया गया। चयनित समितियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। इस अवसर पर श्री शाह ने राजस्थान के अलवर जिले से घेवर पैक्स के अध्यक्ष श्री रमेश चंद शर्मा को पंजीकरण का प्रमाण पत्र वितरित किया।

वाजपेयी को सहकारिता को मुख्यधारा में लाने का श्रेय—
शाह ने कहा कि भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जनता की आवाज बनकर हम सबका मार्गदर्शन किया। उन्होंने देश को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र, कारगिल विजय, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और भाषाओं को जीवंतता देने के लिए संगठित प्रयास जैसे अनेक काम किए जिससे देश को नई दिशा मिली। उनका पूरा जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। अटल जी ने सहकारिता को मुख्य धारा में लाने के लिए भी विशेष प्रयास किए। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय का गठन किया और आगामी पांच साल में 2 लाख नए पैक्स बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। हमारा विश्वास है कि पांच वर्ष से पहले ही हम 2 लाख पैक्स बनाने का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।

नई एसओपी जारी, 15 हजार गांवों में खुल सकेंगे पैक्स—
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज पैक्स के कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल का अनावरण किया गया है। पैक्स को 32 प्रकार की नई गतिविधियों से जोड़ा गया है जिससे यह बहु-आयामी बन सकें। उन्होंने कहा कि निष्क्रिय पैक्स के लिक्विडेशन के लिए भी एसओपी जारी की गई है। जिसके माध्यम से 15 हजार गांवों में नए पैक्स खोलने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इन पैक्स में आधुनिक तकनीक पर जोर दिया गया है जिससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी। साथ ही, सहकारिता मंत्रालय द्वारा लगातार ऐसे नवाचार किए जा रहे हैं जिससे सहकारिता जमीनी स्तर पर सशक्त बने और ग्रामीण युवाओं को रोजगार भी मिले।

सहकार से समृद्धि लाने के लिए राज्य सरकार समर्पित—
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि श्री वाजपेयी की जन्म शताब्दी दिवस के उपलक्ष्य पर हम सुशासन दिवस बना रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन और कार्यों के माध्यम से हमें यह सिखाया है कि सुशासन का अर्थ आमजन को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने से है और सहकारिता उसका सबसे बड़ा माध्यम है। श्री वाजपेयी जी ने ही किसानों को ऋण उपलब्धता में सुगमता के लिए किसान क्रेडिट कार्ड का नवाचार किया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत पर चरणबद्ध रूप से अटल ज्ञान केंद्र स्थापित करने की घोषणा की गई है, जिससे प्रदेश के युवाओं व आमजन को जागरूक और सशक्त किया जा सके। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार तत्पर—
श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी विकसित भारत के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। इसी क्रम में प्रधानमंत्री की पहल पर सहकार से समृद्धि अभियान शुरू किया है जिसके माध्यम से बहुउद्देशीय ग्राम सेवा सहकारी समितियों, डेयरी समितियों और मत्स्य सहकारी समितियों को सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहकार आंदोलन को और अधिक सशक्त एवं समृद्ध बनाने के लिए प्रदेश में नए को-ऑपरेटिव कोड ला रही है। इन नए कोड को अमलीजामा पहनाने के लिए समिति भी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिला और किसान परिश्रम और त्याग कर सहकारिता को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। हमारी सरकार भी सहकारिता में काम करने वालों की समस्याओं के निराकरण के लिए तत्पर है।

8 हजार समितियां कर रही किसानों की सेवा—
उन्होंने कहा कि राजस्थान में करीब 8000 ग्राम सेवा सहकारी समितियां ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए काम कर रही है। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि इन समितियों में अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ा जाए जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हों। उन्होंने कहा कि सहकारिता से समृद्धि अभियान के तहत प्रदेश में डेयरी समितियों एवं इनके सदस्यों को सहकारी बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इन समितियों के माध्यम से हमारी सरकार बिना ब्याज फसली ऋण उपलब्ध करवा रही है। इस वर्ष हमने 35 लाख किसानों को 23 हजार करोड़ रूपये के फसली ऋण का लक्ष्य निर्धारित किया है।

India Edge News Desk

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