राजीविका ने बदल दी कई महिलाओं की जिंदगी

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

चित्तौडग़ढ़ : चित्तौडग़ढ़ जिले की नंदवई ग्राम पंचायत निवासी 45 वर्षीय स्वसाना बानों की शादी मध्यप्रदेश के नीमच जिले में हुई। उस पर दुःखों का पहाड़ उस समय टूट पड़ा, जब शादी के महज 10 साल बाद ही पति की मृत्यु हो गई। ससुराल में पर्याप्त रोजगार के अवसर ना होने के कारण छोटे बच्चे की परवरिश के लिए रुखसाना पीहर नंदाई दिहाड़ी मजदूरी करने आ गई, परन्तु मजदूरी ना मिलने की वजह से घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया।

रुखसाना के संघर्षमय जीवन में नया मोड़ तब आया जब उसको 2013 में राजीविका के माध्यम से बनाए जाने वाले स्वयं सहायता समूह के बारे में पता चला और समूह से जुड़कर उसने छोटी छोटी बचत शुरू की। चूँकि रुखसाना सिलाई करना जानती थी, इसलिए समूह के ट्रेंच 1 फंड (रिकॉल्विंग फंड) से पांच हजार रुपए का लोन लेकर सिलाई मशीन खरीदी। सिलाई कार्य से रुखसाना को 2 हजार से 3 हजार की नियमित आमदनी होने लगी। सिलाई कार्य की आमदनी से ट्रेंच 1 फंड का लोन चुकाने के बाद ट्रैच 2 फंड (सामुदायिक निवेश निधि) से अतिरिक्त आय के लिए 30 हजार रुपये का लोन लेकर मुर्गी एवं बकरी पालन का व्यवसाय शुरू किया।

रूखसाना को इससे होने वाली अच्छी आमदनी से वह अपने बच्चे की परवरिश को लेकर निश्चिंत हो गई। अच्छी शिक्षा के लिए अपने बच्चे का दाखिला आईटीआई में करवा दिया। इसी दौरान रुखसाना का चुनाव कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) के रूप में हो गया, जिसका उद्देश्य अपने ही जैसी जरूरतमंद महिलाओं को समूह से जोड़ना था, जिसमें रुखसाना ने 55 समूह बनाए।

रुखसाना का कहना है की राजीविका से जुड़कर उसके जीवन को सामाजिक पहचान और आर्थिक संबल मिला, राजीविका ने उसके जीवन को एक नई राह दिखलाई है। आज परिवार की इस बेहतर स्थिति के लिए वह राजीविका का धन्यवाद करती है।

India Edge News Desk

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