10वीं 12वीं का रिजल्ट सुधारने के लिए स्कूली शिक्षा विभाग ने अभी से प्रयास शुरू किये, हर स्कूल में वार्डन टीचर होंगे तैनात

भोपाल

मध्य प्रदेश बोर्ड 10वीं व 12वीं की परीक्षा फरवरी के अंतिम सप्ताह से शुरू होने वाली है। अब करीब तीन माह का समय शेष है। स्कूल शिक्षा विभाग इस बार सरकारी स्कूलों का 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधारने के लिए नई पहल कर रहा है।

खासतौर पर 10वीं में इस बार बेस्ट ऑफ फाइव योजना समाप्त हो गई है। इस कारण परिणाम सुधारने के लिए विभाग विशेष तैयारी में जुटा है। इस बार राज्य स्तर पर विषयवार मास्टर ट्रेनर चयनित किए गए हैं, जो जिले के सीएम राइज स्कूलों के शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देकर बोर्ड परीक्षा की तैयारी कराएंगे।

10वीं और 12वीं के शिक्षकों को दूसरे कार्य में नहीं लगाया जाएगा

साथ ही सभी स्कूलों में वार्डन शिक्षक तैनात किए जा रहे हैं, जो प्रत्येक विद्यार्थी की मॉनीटिरंग करेंगे। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने सभी जिले के संयुक्त संचालक, जिला शिेंक्षा अधिकारी और प्राचार्यों को बोर्ड परीक्षाओं में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

निर्देशित किया गया है कि 10वीं व 12वीं में पढ़ाने वाले शिक्षकों को किसी भी स्थिति में गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जाए।

मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षित किया गया है

इस बार प्रोजेक्ट बेस लर्निंग पद्धति अपनाई गई है। इसमें विद्यार्थियों की समस्या को पहचानकर प्रोजेक्ट द्वारा हल कराने का प्रयास किया जाता है। प्रदेश के 274 सीएम राइज स्कूलों के 32 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर चयनित किया गया है। इन्हें एक स्वयंसेवी संस्था की ओर से पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है। ये मास्टर ट्रेनर प्रत्येक संभाग के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।

वार्डन शिक्षक पांच विद्यार्थियों की लेंगे जिम्मेदारी

प्रत्येक स्कूल में वार्डन शिक्षक बनाए जाएंगे।इन वार्डन शिक्षकों को पांच विद्यार्थियों की जिम्मेदारी दी जाएगी।ये वार्डन शिक्षक विद्यार्थियों को परीक्षा तैयारी से लेकर खान-पान,जागने व सोने से लेकर प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेंगे ।हर सप्ताह की रिपोर्ट तैयार करेंगे।साथ ही प्रत्येक सप्ताह टेस्ट लेकर तैयारी को परखा जाएगा।

छमाही परीक्षा के दौरान कक्षा लगाई जाएगी

छमाही परीक्षा सोमवार से शुरू होने वाली है। इस बार परीक्षा के बाद भी कक्षाएं लगाई जाएंगी,ताकि अगले दिन के विषय की तैयारी कराई जाए।सभी गतिविधियों के स्थान पर मुख्य विषयों को पढ़ाया जाए। शीतकालीन अवकाश के दौरान तीन वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास कराया जाए। विषय शिक्षक द्वारा निरीक्षण कर कमजोर बिंदुओं पर शैक्षणिक कार्य कराया जाए। कुछ स्कूल रविवार सहित छुट्टियों के दिन भी क्लास लगाकर तैयारी करा रहे हैं।

मेधावी विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं को दिखाया जाए

विद्यार्थियों को विगत वर्षों में बोर्ड परीक्षाओं में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं को दिखाकर उन्हें अच्छे अंक लाने के लिए मार्गदर्शित किया जाए। मंडल की वेबसाइट पर उपलबध है।

ये पहल की जा रही है

    तिमाही परीक्षा के परिणात के आधार पर वीडियो कांफ्रेंसिंग की जाए।

    30 प्रतिशत से कम परिणाम वाले स्कूलों से चर्चा की जाए।

    गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान में कम परिणाम वाले शिक्षकों से चर्चा की जाए।

    परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए विद्यार्थी हेल्पलाइन नंबर 18002330175 पर काल करें।

    प्रेरणादायी वीडियो दिखाएं।

    परीक्षा के बाद अधिकतम अंक लाने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित या पुरस्कृत किया जाएगा।

    तिमाही परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों की अलग से कक्षा लगाई जाए।

मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए

    विभाग इस बार बोर्ड परीक्षा के परिणाम को बेहतर करने के लिए राज्य स्तर पर मास्टर ट्रेनर तैयार किए हैं। ये संभाग स्तर पर शिक्षकों को तैयारी के संबंध में टिप्स देंगे। इसके अलावा प्रत्येक स्कूल में वार्डन शिक्षक भी बनाए गए हैं।
– डीएस कुशवाहा, अपर संचालक, डीपीआई

 

India Edge News Desk

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