संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी : डॉ. धन सिंह रावत

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

देहरादून : संस्कृत शिक्षा का वर्गीकरण करते हुए विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की पृथक-पृथक नियमावली बनाई जाएगी ताकि संस्कृत विद्यालयों के संचालन में किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े। इसके लिए शीघ्र ही प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जाएगा। प्रबंधन तंत्र एवं शिक्षक संगठनों द्वारा उठाई गई मांगों का भी निस्तारण किया जाएगा।

दून विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित संस्कृत शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शीघ्र ही संस्कृत शिक्षा का वर्गीकरण कर विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिए अलग-अलग नियमावली तैयार की जाएगी ताकि संस्कृत शिक्षा के संचालन में विद्यालय तथा महाविद्यालय स्तर पर आ रही तमाम समस्याओं का निराकरण किया जा सके।

समीक्षा बैठक में अशासकीय सहायता प्राप्त शिक्षक संगठन एवं प्रबंधकीय संगठन की विभिन्न मांगों पर चर्चा करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि जो मांगे शासन स्तर की होंगी, उनका शीघ्र निराकरण कर लिया जाएगा। जबकि प्रबंध तंत्र से संबंधित मांगों का निराकरण उन्हें स्वयं ढूंढना होगा। विभागीय मंत्री ने बताया कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी, जिसके तहत प्रत्येक जिले में 1-1 संस्कृत ग्राम बनाए जाएंगे। साथ ही सूबे के 5 लाख बच्चों एवं युवाओं को संस्कृत भाषा में दक्ष करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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