विक्रमोत्सव का आयोजन एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को करता है स्थापित: राज्यपाल पटेल

विक्रमोत्सव-2025

  • विक्रमोत्सव का आयोजन एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को करता है स्थापित: राज्यपाल पटेल
  • उज्जैन में विक्रमादित्य के नाम से स्थापित हो न्याय से जुड़ी राष्ट्रीय संस्था : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
  • मध्यप्रदेश-राजस्थान में टूरिस्ट सर्किट बनाने की आवश्यकता : केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. मेघवाल
  • राज्यपाल पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केन्द्रीय मंत्री डॉ. मेघवाल ने विक्रमोत्सव में प्रदेशव्यापी जल गंगा संवर्धन अभियान का शुभारंभ किया
  • मध्यप्रदेश में पहली बार 1000 ड्रोन के माध्यम से आकर्षक ड्रोन-शो की प्रस्तुति दी गई
  • प्रसिद्ध गायिका सुश्रेया घोषाल ने दी में मनमोहक प्रस्तुति
  • सिंहस्थ-गान हुआ लांच

उज्जैन

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि भारतीय नववर्ष विक्रम सम्वत् 2082 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के शुभ अवसर पर उज्जैन में विक्रमोत्सव के प्रसंग में आयोजित कार्यक्रमों में प्रदेशवासियों का स्वागत और अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार ज्ञापित करता हूँ। जिन्होंने दुनिया की पहली वैदिक घड़ी और भगवान महाकाल के अद्भुत महालोक की सौगतों से महाराजा विक्रमादित्य की उज्जयिनी के गौरव और वैभव की पुनर्स्थापना की है। विक्रमोत्सव का आयोजन भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न पहलुओं के प्रकटीकरण के लिए हमारी गौरवशाली विरासत और वर्तमान के विकास का उत्सव है। यह दिन हमारे लिए एक नए वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है, जो हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हमारे पूर्वजों के योगदान को याद करने का अवसर है।

राज्यपाल पटेल रविवार को उज्जैन में विक्रमोत्सव अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री डॉ. अर्जुनराम मेघवाल भी मौजूद रहे। राज्यपाल पटेल ने कहा कि नववर्ष का यह पर्व विविध स्वरूपों में मनाया जाने वाला 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की संकल्पना को स्थापित करता है। इसे कहीं 'गुड़ी पड़वा' तो कहीं 'चैती चांद', कहीं 'युगादि' तो कहीं 'उगादि' और कहीं 'नवरोज अगदु' के अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। इसी के साथ नौ दिन आरोग्य, साधना और कायाकल्प के नवरात्र का भी आरंभ होता है।

राज्यपाल ने कहा कि विक्रम सम्वत् वर्ष का प्रवर्तन भारतीय सम्राट विक्रमादित्य के द्वारा विदेशी आक्रांताओं को पराजित कर, उनके राज्यभिषेक के दिन से होता है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि नव सम्वत्सर की तिथि सृष्टि निर्माण की तिथि है, जिसका निर्धारण संपूर्ण वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ हुआ है। वास्तव मे भारतीय नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का दिन ऋतु परिवर्तन के अनुरूप स्वयं को सक्षम बनाने का समय है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि भारतीय नववर्ष प्रकृति के संरक्षण, संवर्धन और निर्माण की प्रेरणा देता है, जिसमें सृष्टि, संस्कृति और समाज का संगम है। ऋतुकाल संधि के इन दिनों में नवचेतना, नवजागृति का संदेश है। इसे मनाने की परंपरा व्यक्ति, परिवार और समाज, तीनों के स्वस्थ जीवन और समृद्धि को ध्यान में रखकर शुरू की गई। यह हम सब प्रदेशवासियों के लिये गर्व और गौरव का विषय है कि भारतीय नववर्ष विक्रम सम्वत् उज्जयिनी से शुरू हुआ है। सम्राट विक्रमादित्य का सारी दुनिया में न्यायप्रियता, ज्ञानशीलता, धैर्य, पराक्रम, पुरुषार्थ, और वीरता जैसी विशेषताओं के लिए स्मरण किया जाता है।  राज्यपाल ने उत्सव में विविध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कार्यक्रमों के साथ सम्राट विक्रमादित्य के समूचे व्यक्तित्व, कृतित्व और विशेषताओं को परिचित कराने के राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई और मंगलकामनाएं दी।

उज्जैन में  न्याय से जुड़ी राष्ट्रीय संस्था सम्राट विक्रमादित्य के नाम से प्रारंभ : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन नगरी सम्राट विक्रमादित्य के शासनकाल की नगरी है। उज्जयिनी वह नगरी है जिसमें योगीराज श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की तो अनेक राजा महाराजाओं ने अपने न्याय प्रिय शासन से दुनिया को न्याय की ओर मोड़ा। आज का दृश्य देख कर लग रहा है मानो आज सम्राट विक्रमादित्य स्वयं इस नगरी में पधारे हैं। हम सबके लिए यह सौभाग्य की बात है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में श्रीमहाकाल महालोक का निर्माण हुआ और भगवान महाकालेश्वर की नगरी का वैभव और बड़ा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उनका शासन काल रामराज्य की याद दिलाता है। हमारी सरकार भी निरंतर जनता की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। विक्रमादित्य ने अपने पुरुषार्थ से अपनी प्रजा का ध्यान रखा और सदैव प्रजा की रक्षा की। उन्होंने जनता का कर्ज माफ किया। उन्होंने विक्रम संवत का प्रवर्तन करते हुए सनातन परंपरा की पुनर्स्थापना की। सम्राट विक्रमादित्य की न्याय परंपरा का लोहा आज भी माना जाता है। उनकी न्याय प्रियता हजारों साल से जानी जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय मंत्री डॉ. मेघवाल से अनुरोध किया कि भविष्य में उज्जैन में  न्याय से जुड़ी राष्ट्रीय संस्था सम्राट विक्रमादित्य के नाम से प्रारंभ की जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नव संवत्सर पर सभी लोगों के जीवन में खुशहाली की कामना की और सभी को अपनी ओर से नव संवत्सर की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी निरंतर विकास के कार्य सरकार द्वारा किए जाएंगे और इस प्रकार के आयोजन हर्षोल्लास के साथ आयोजित किए जाएंगे। उज्जैन में राजा महाराजा काल के जैसी होटल 'सम्राट विक्रमादित्य हेरिटेज' होटल का लोकार्पण भी किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्यपाल पटेल की उपस्थिति में विक्रमोत्सव के कार्यक्रम से प्रदेशव्यापी जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत की जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों  में प्रभारी मंत्री, विधायक और अन्य जनप्रतिधियों की उपस्थिति में जिला स्तरीय कार्यक्रम से जल गंगा संवर्धन अभियान आज से शुरू हो गया है। उज्जैन में 100 से अधिक कुआं, बावड़ी, तालाबों और अन्य जल स्त्रोतों में स्वच्छता, जीर्णोद्धार और नवीनीकरण का कार्य किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री डॉ. अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आज हम सब क्षिप्रा नदी के पावन तट पर विक्रमोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने अपनी ओर से सबका अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि सम्राट विक्रमादित्य के शासन का प्रभाव अफगानिस्तान तक था। वे राजस्थान के बीकानेर से आते हैं। उन्होंने राज्यपाल पटेल के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान और एमपी के द्वारा भविष्य में टूरिस्ट सर्किट बनाए जाने के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी। इस टूरिस्ट सर्किट से राजा भर्तहरि और सम्राट विक्रमादित्य के शासनकाल से जुड़ी अभिनव विरासत को देखने समझने का अवसर पर्यटकों को मिलेगा।  यह टूरिस्ट सर्किट से राजस्थान आने वाला पर्यटक मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश आने वाला पर्यटक राजस्थान जरूर जाएगा, इससे पर्यटकों में एक नया भाव जागेगा जो दोनों प्रदेशों की विरासतों को वैश्विक ऊचाईयों तक ले जाएगा।

कार्यक्रम में विक्रम ध्वज का अनावरण किया गया और आकर्षक आतिशबाजी की गई। कार्यक्रम में 1000 ड्रोन के माध्यम से आकर्षक ड्रोन शो की प्रस्तुति दी गई। मध्यप्रदेश के लिए पहला अवसर है, जब 1000 ड्रोन के माध्यम से विभिन्न तत्वों को यहां आकाश में दिखाई दिए। यह सबसे बड़ी बात है ड्रोन शो के जरिए भगवान श्रीमहादेव और माता पार्वती की आकृतियां और सूर्य, चंद्र, तारे और सारे नक्षत्र आकाश में चलते हुए दिखाई दिए। इस अवसर पर सिंहस्थ गान भी लांच किया गया।

कार्यक्रम में पार्श्व गायिका सुश्रेया घोषाल द्वारा भजनों और गानों की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। उनकी प्रस्तुति ने सभी उपस्थित नागरिकों का मनमोह लिया। कार्यक्रम में सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button