सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में 50 खेल के मैदान बनाएगा

दंतेवाड़ा
 मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर ने बस्तर के बच्चों और खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा फैसला किया है. सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में 50 खेल के मैदान विकसित करेगा. नक्सलवाद का दशकों से दंश झेल रहा दंतेवाड़ा तेजी से अपनी सुंदरता और प्रतिभा के लिए जाना जाने लगा है. दिग्गज क्रिकेटर रहे सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन की ओर से स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर एक अनूठी पहल पर काम कर रहा है. योजना के तहत अबतक 20 से ज्यादा खेल के मैदानों को विकसित किया जा चुका है. कुल 50 खेल के मैदान सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन की मदद से विकसित किए जाने हैं.

सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन: दंतेवाड़ा कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बताया कि "इस परियोजना के तहत सामुदायिक भागीदारी से अब तक जिले में कम से कम 20 खेल के मैदान विकसित किए गए हैं और अक्टूबर तक बाकि का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा''.

50 खेल के मैदान डेवलप होंगे 

मानदेशी फाउंडेशन: बस्तर के मानदेशी फाउंडेशन के सहयोग से सचिन तेंदुलकर दंतेवाड़ा के 50 खेल मैदानों का कायकल्प करा रहे हैं. सचिन तेंदुलकर की इस पहल से इलाके के युवाओं की न सिर्फ खेल में रुचि बढे़गी बल्कि उनका मानसिक और शारीरिक विकास भी होगा. समाज की मुख्यधारा से भटके युवाओं को खेल से जोड़ा जाएगा और इससे नक्सलवाद के खात्मे में मदद मिलेगी. खेल न सिर्फ जीवन को अनुशासित बनाता बल्कि प्रतिस्पर्धा के जरिए हमें बहेतर लक्ष्य की ओर भी ले जाता है. नए खेल मैदानों के बनने से यहां के युवाओं की खेल में रुचि बढेगी और वो राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का भी लोहा मनवाएंगे.

    दंतेवाड़ा जिले के छिंदनार में खेल का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन में फुटबॉल, खो खो, कबड्डी के साथ साथ जंगल जिम (जिसे क्लाइम्बिंग फ्रेम भी कहा जाता)जैसे स्पोर्टस भी होंगे. खेल मैदानों का निर्माण फाउंडेशन स्थानीय लोगों के साथ मिलकर कर रही है. कोई बाहरी ठेकेदार इसका निर्माण नहीं कर रहे हैं. छिंदनार में बना यह मैदान सैम्पल मैदान है. जिसमें 50 गांवों के 100 युवाओं को ट्रेनिंग दी गई है. जिसके बाद दूसरे भाग में 50 गांवों के लोग अपने क्षेत्र में जाकर अपने लिए मैदान बनाएंगे. निर्माण कार्य के लिए फाउंडेशन और जिला प्रशासन पूरी निर्माण सामग्री और काम के लिए लोगों की व्यवस्था करेगी: दिव्या सिन्हा, मानदेशी फाउंडेशन की सदस्य

    मैं बड़े गुडरे पोटाकेबिन से ट्रेनिंग लेने के लिए छिंदनार पहुंचा था. सबसे पहले मैदान का मेजरमेंट लिया गया. फिर खेल के अनुसार उसमें जगहों का चयन किया गया. उसमें निर्माण कार्य किया गया. प्रशिक्षण को लेकर बहुत अच्छा लगा. सभी स्कूलों के मैदान में खेल की सुविधा होनी चाहिए.बच्चे खेल मैदान का भरपूर इस्तेमाल करें. अपनी प्रतिभा को आगे बढ़ाएं. अपने स्कूल में इस तरह का मैदान बनाने के लिए प्रशिक्षण लेने से हमें बड़ा फायदा हुआ है. वापस जाकर जल्द ही इसका निर्माण कराया जाएगा.खिलाड़ी मन से खेलेगा तो निश्चित ही आगे बढ़ेगा: वीरेंद्र कुमार कवासी, स्थानीय छात्र

    तेंदुलकर फाउंडेशन जिले में मैदान बना रही है. जिसमें प्राइमरी और मिडिल स्कूलों का चयन किया गया है. ज़िले में कई खेल मैदान हैं लेकिन तकनीकी रूप से इसका निर्माण नहीं कराया गया था. मैदान की कमेटी प्रशिक्षित भी नहीं होती थी. छिंदनार गांव में एक साथ 10 से 12 खेलों के मैदान तैयार किया गया है. जिसमें खोखो, कबड्डी, बॉलीबॉल, गोला फेंक, तवा फेंक, रनिंग ट्रैक, लांग जम्प, हाई जम्प और योगा ट्रैक भी बनाया गया है. इस तरह ज़िले में 50 मैदान बनाया जा रहा है. निश्चित तौर पर प्राथमिक स्तर से बच्चों की प्रतिभा निखरकर सामने आएगी. बच्चे खेल के माध्यम से बस्तर की छवि दूर करके नाम रोशन करेंगे: जितेंद्र चौहान, बीआरसी

नक्सलगढ़ के युवाओं को मिलेगी सपनों की उड़ान: इस योजना से विशेष रूप से आदिवासी समुदाय के बच्चों को लाभ होगा. यहां के बच्चे जो अब तक संसाधनों की कमी के कारण अपनी प्रतिभा को सही दिशा नहीं दे पा रहे थे. यह खेल मैदान उन्हें न केवल अपने सपनों को उड़ान देने का मौका देंगे, बल्कि समाज में एक नई पहचान भी दिलाएंगे. दंतेवाड़ा में बन रहे ये 50 खेल मैदान महज़ ज़मीन के टुकड़े नहीं, बल्कि सपनों की पगडंडी हैं. यूं तो बस्तर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. अब उम्मीद जताई जा रही है कि बस्तर से भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलेंगे. दंतेवाड़ा का नाम सुनते ही ज़हन में एक तस्वीर उभरती है. घने जंगल, आदिवासी जीवन और नक्सली गतिविधियों की छाया. लेकिन अब इस तस्वीर में बदलाव लाने जा रही है. क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की प्रेरणा और मानदेशी फाउंडेशन की साझेदारी से बस्तर के गांवों में 50 खेल मैदानों का निर्माण हो रहा है. जो बच्चों और युवाओं के लिए एक नई दिशा तय करेगी.

बस्तर ओलंपिक 2024: पिछले साल राज्य सरकार ने दंतेवाड़ा और छह अन्य जिलों वाले बस्तर क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया था. बस्तर ओलंपिक 2024 में 10 हजार से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. अलग अलग खेलों में बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया. बस्तर ओलंपिक में सरेंडर नक्सलियों ने भी हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल होने पहुंचे थे. बस्तर ओलंपिक के मंच से ही केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था कि अगली बार जब में बस्तर ओलंपिक के आयोजन में आउंगा आउंगा तो यहां नक्सलवाद का खात्मा हो चुका होगा.

दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने दिया धन्यवाद: विधायक चैतराम अटामी ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन नक्सल प्रभावित इलाके दंतेवाड़ा में खेल के मैदानों को निखारने का काम कर रहा है. विधायक ने कहा कि हमें खुशी होगी कि सचिन तेंदुलकर मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए भी दंतेवाड़ा आएं. विधायक ने कहा कि खेल के मैदान होने से नक्सलवाद पर भी लगाम लगेगी और प्रतिभावान बच्चों को नया मुकाम और पहचान भी मिल पाएगा.

India Edge News Desk

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