प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के बाद उत्तरी हवाओं के प्रभाव से ठिठुरन बढ़ी, एक जनवरी से कड़ाके की ठंड

भोपाल
 प्रदेश में सोमवार को दिन का सबसे कम 18 डिग्री सेल्सियस तापमान टीकमगढ़ का दर्ज किया गया, जिससे टीकमगढ़ और नौगांव में सोमवार का दिन सबसे शीतल रहा। पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ चुका है इसके साथ ही हवाओं का रुख उत्तरी हो गया है।

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में हाल ही में जबरदस्त बर्फबारी हुई है। वहां से आ रही सर्द हवाओं ने एक बार फिर ठिठुरन बढ़ा दी है। आगामी तीन से चार दिन तक रात के तापमान में गिरावट बनी रह सकती है। कई शहरों में शीतलहर चलने के आसार हैं।

दिन का तापमान 25 डिग्री से नीचे रहा

मध्यप्रदेश में सोमवार को अधिकतर शहरों में दिन का तापमान 25 डिग्री से नीचे रहा। सबसे ठंडा टीकमगढ़ रहा, जहां पारा 18 डिग्री दर्ज किया गया। नौगांव में 18.5 डिग्री, ग्वालियर-रीवा में 19 डिग्री, सीधी में 19.8 डिग्री, खजुराहो में 20.2 डिग्री और सतना में 20.3 डिग्री रहा।

इसी तरह शिवपुरी में 21 डिग्री, जबलपुर में 21.6 डिग्री, उमरिया में 22 डिग्री, पचमढ़ी, मलाजखंड-सागर में 22.5 डिग्री, भोपाल में 22.6 डिग्री और गुना में 22.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

दिन-रात के तापमान में गिरावट

इससे पहले प्रदेश में वर्षा का दौर थमने के बाद दिन-रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। शनिवार-रविवार की रात कई शहरों में पारा लुढ़का। वहीं, रविवार को दिन के तापमान में 6.2 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट धार में हुई। यहां तापमान 20 डिग्री दर्ज किया गया।

नये साल के पहले दिन एक जनवरी से कड़ाके की सर्दी का दौर फिर शुरू हो जाएगा। सबसे ज्यादा असर उज्जैन और ग्वालियर-चंबल में दिखाई देगा।रविवार को मौसम खुलते ही ठिठुरन बढ़ गई और सोमवार को सुबह कई क्षेत्रों में कोहरा भी रहा।

दरअसल, प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के बाद उत्तरी हवाओं के प्रभाव से ठिठुरन बढ़ी है। बारिश के बाद अब बर्फीली ठंड का दौर हुआ शुरू हो गया है। राजधानी भोपाल के टेम्परेचर में पिछले 24 घंटों में 6.4 डिग्री की गिरावट दर्ज का गई। वहीं, राजगढ़ का न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री से गिरकर 5.4 डिग्री सेल्सियस, पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 9. 3 डिग्री सेल्सियस गिरावट दर्ज हुई। मौसम विभाग ने प्रदेश भर में कुहासा छाने के आसार जताए हैं। आने वाले समय में प्रदेश भर में ठंड और भी बढ़ने की संभावनाएं है। वहीं, कहा जा रहा है कि, राजधानी का तापमान वर्तमान तापमान से 2 से 3 डिग्री सेल्सियस और नीचे गिर सकता है।

उत्तर छत्तीसगढ़ में एक जनवरी से कुछ इलाकों में शीतलहर चल सकती है। सरगुजा संभाग और उससे लगे जिलों में एक जनवरी से सुबह से ही हल्के से मध्यम कुहासा बनने की संभावना है। सुबह से मार्गों में विजिबिलिटी कम रहेगी। सरगुजा संभाग के इतर राजधानी रायपुर में भी सुबह के समय धुंध अथवा हल्का कोहरा छाया रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में आने वाले पांच दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। वहीं, अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 4 -5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है। इसके बाद कोई विशेष बदलाव की संभावना नही है।

शीतलहर क्या होती है?

शीतलहर तब होती है जब सामान्य तापमान से 4-5 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ जाती है और यह ठंडी हवाओं के कारण और भी प्रभावी हो जाती है।

शीतलहर के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

शीतलहर के दौरान गर्म कपड़े पहनें, घर के अंदर रहें, पर्याप्त गर्म पेय पदार्थ लें और हीटर या अंगीठी का उपयोग सावधानीपूर्वक करें।

ठंड के दौरान कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?

ठंड के दौरान सर्दी, जुकाम, फ्लू, निमोनिया, और हाइपोथर्मिया जैसी समस्याएं आम होती हैं।

ठंड से बचने के लिए कौन से घरेलू उपाय किए जा सकते हैं?

अदरक वाली चाय, गर्म सूप, और सूखे मेवे का सेवन करें। इसके अलावा, सरसों का तेल या गर्म तेल से मालिश करें और शरीर को गर्म कपड़ों से ढककर रखें।

उत्तरी भारत पर प्रभाव

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के राज्य इस मौसम पैटर्न से विशेष रूप से प्रभावित होंगे। इन क्षेत्रों में तापमान में गिरावट और बादल छाए रहने की संभावना है। लोगों को स्थानीय पूर्वानुमानों के साथ अपडेट रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

वर्तमान में, उत्तरी भारत में अपेक्षाकृत स्थिर मौसम की स्थिति है। हालाँकि, जैसे-जैसे पश्चिमी विक्षोभ निकट आता है, मौसम में बदलाव की आशंका है। आईएमडी ने निवासियों को सतर्क रहने और संभावित प्रतिकूल मौसम प्रभावों के खिलाफ आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी है।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button