संगरूर लोकसभा उप चुनाव : राजोआना की बहन के खिलाफ प्रचार करने नहीं पहुंचे रवनीत बिट्टू
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
लुधियाना : पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआना की रिहाई को लेकर जब भी कोई मांग होती है तो लुधियाना से कांग्रेस एम.पी. रवनीत बिट्टू द्वारा सबसे ज्यादा विरोध किया जाता है और उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान भी राजोआना द्वारा अकाली दल के पक्ष में वोट देने की अपील करने पर कड़ा एतराज किया था। लेकिन अब संगरूर लोकसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के दौरान अकाली दल द्वारा राजोआना की बहन को उम्मीदवार बनाया गया है तो 5 दिन बीत जाने के बाद भी बिट्टू उनके खिलाफ प्रचार करने नहीं पहुंचे।
अगर कांग्रेस उम्मीदवार दलबीर गोल्डी की बात करें तो कॉंग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पिछले काफी दिनों से पक्के तौर पर संगरूर में डेरा डाल रखा है लेकिन बिट्टू का नाम उन कांग्रेस नेताओं की लिस्ट में भी शामिल नहीं है और न ही बिट्टू दुआरा अब तक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए कॉंग्रेस उम्मीदवार के हक में वोट देने की अपील की गई है। वो भी उस समय जब राजोआना की बहन के अलावा खालिस्तान के कट्टर समर्थक सिमरनजीत मान भी संगरूर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जिस खालिस्तान की मांग का विरोध करने को लेकर बिट्टू को लगातार धमकियां मिल रही हैं।
भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा के बावजूद कैप्टन अमरिंदर सिंह दुआरा संगरूर लोकसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव से दूरी बनाई हुई है जिसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि भाजपा को समर्थन देने वाले सुखदेव सिंह ढींडसा की जगह उनके पुत्र परमिंदर ढींडसा तो भाजपा उम्मीदवार केवल ढीललो के प्रचार अभियान में भाग ले रहे हैं लेकिन कैप्टन की पार्टी में सक्रिय उनके बेटा – बेटी या कोई अन्य नेता अब तक नजर नहीं आया जिसे लेकर सवाल खड़े होने के बाद पंजाब लोक कॉंग्रेस दुआरा ट्विटर के जरिए सफाई दी गई है जिसमें भाजपा उम्मीदवार के समर्थन कैप्टन की पार्टी के सदस्यों द्वारा फील्ड में काम करने के अलावा जीत का दावा किया गया है।
(जी.एन.एस)