स्कूली बच्चों ने बनाए मिट्टी के गणेश पर्यावरण संरक्षण का दिया गया संदेश
शहर के स्वामी विवेकानंद स्कूल (आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय) के बच्चों नेमिट्टी के गणेश गणपति की प्रतिमा बनाई
बस्तर : शहर के स्वामी विवेकानंद स्कूल (आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय) के बच्चों नेमिट्टी के गणेश गणपति की प्रतिमा बनाई । बच्चों ने न सिर्फ गणपति की प्रतिमा बनाई, बल्कि इन्हें सजाने मिट्टी से ही कई तरह की कलाकृतियां भी बनाई।
प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह मिट्टी के गणेश बनाने चाहिए :
बड़ी संख्या में स्कूल के बच्चों ने अलग-अलग समूहों में हिस्सा लिया। बच्चों ने कहा कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह मिट्टी के गणेश बनाने चाहिए। इनके विसर्जन से जल प्रदूषण नहीं होता। बच्चों ने अभियान से जुड़कर बच्चों ने शिक्षकों के मार्गदर्शन से मिट्टी से गणेश की 10 प्रतिमाएं बनाई और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।
संस्था की प्राचार्य मनीषा खत्री के मार्गदर्शन और मृदा कला में बच्चों की गाइड टीचर सुमित्रा सामंत सिंह के निर्देशन में 12वीं के गिरधर प्रसाद जोशी, 9वीं की झरना लहरे, संचिता शर्मा, गरिमा सोनी, इफरा खान, शिवानी तिवारी व 11वीं की नेविता सहित अन्य बच्चे शामिल रहे। इसके अलावा संस्था के दशमुराम बघेल व गजेंद्र खंबारी ने भी मिट्टी के गणेश अभियान में बच्चों का सहयोग किया। संस्था की प्राचार्य मनीषा खत्री ने बताया कि स्कूल में इस तरह की गतिविधियों में पूरी संस्था अग्रणी होकर हिस्सा लेती है। बच्चों में भी इसके प्रति खासा उत्साह दिखता है। गुरूवार को परीक्षा के बाद बच्चों ने इस मिट्टी के गणेश अभियान में हिस्सा लिया।
जलस्रोतों में विसर्जन से जल प्रदूषण का खतरा :
दरअसल प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से गणेश प्रतिमाओं के निर्माण और इसके जलस्रोतों में विसर्जन से जल प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है। पीओपी पानी में सही तरह से घुल नहीं पाता और इसके अवशेष जलस्रोतों में बने ही रहते हैं। इससे जलस्रोतों में गंदगी फैलती है और जलस्रोत प्रदूषित होते हैं। वहीं मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं के निर्माण के बाद इनकी स्थापना व विसर्जन करने से मिट्टी पूरी तरह से जलस्रोत में घुल जाती है और कोई अवशेष नहीं बचते। ऐसे में जलस्रोत साफ-सुथरे बने रहते हैं, जिससे प्रदूषण का खतरा भी काफी कम हो जाता है।