विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल क्षेत्रों में 10 सितंबर तक चलेगा जागरूकता अभियान

भोपाल
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) के लिए राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा व संचार अभियान (आईईसी) और लाभार्थी शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह 23 अगस्त से प्रारंभ होकर 10 सितंबर तक चलेगा। अभियान में देश के 194 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों (पीवीटीजी) की बस्तियों और पीवीटीजी परिवारों तक पहुंचने के प्रयास किये जायेंगे। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम और राज्यमंत्री श्री दुर्गादास उइके ने 22 अगस्त को नई दिल्ली में हुई बैठक में पीएम जन-मन में चल रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पीएम जन-मन मिशन पर आईईसी अभियान पर विशेष जोर दिया। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के खूंटी जिले से 15 नवंबर 2023 को पीएम जन-मन मिशन का शुभारंभ किया था।

गत वर्ष 100 जिलों में आईईसी अभियान चलाया गया था। इसमें 18 राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के लगभग 500 ब्लॉक्स और 15 हजार पीवीटीजी बस्तियों को शामिल किया गया था। इस वर्ष मध्यप्रदेश सहित देश के 194 जिलों की 28 हजार 700 पीवीटीजी बस्तियों में 10 लाख 70 हजार परिवारों के 44 लाख 60 हजार व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए और व्‍यापक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में जिलों से लेकर ब्लॉक तक, ब्लॉक से लेकर गांव तक और पीवीटीजी बस्तियों में जागरूकता के कामों को अंजाम दिया जाएगा।

अभियान का उद्देश्य पीवीटीजी परिवारों को व्यक्तिगत अधिकारों का लाभ देना और पीवीटीजी बस्तियों में बुनियादी सुविधाएं देने के लिए पीएम-जनमन के लक्ष्यों के बारे में जानकारी देना है, ताकि इन समुदायों को केंद्र और राज्य की योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया जा सके। इसमें हर उस पीवीटीजी परिवार को शामिल किया जाएगा जिनसे दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण संपर्क नहीं हो सका है। ऐसे परिवारों को उनके घर पर ही सुविधाएं दी जाएंगी। कार्यक्रमों के आयोजन के लिए हाट बाजार, सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वन-धन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र का उपयोग किया जाएगा। अभियान को सफल बनाने के लिए माई भारत स्वयंसेवकों, नेहरू युवक केंद्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों, एनएसएस, एनसीसी, एसएचजी/एफपीओ का सक्रिय सहयोग लिया जाएगा। इस दौरान आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाण पत्र, जन धन खाते और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के लाभार्थियों को पट्टे भी दिये जाएंगे। पीएम जनमन के सुविधा कार्ड पीवीटीजी की भाषा में वितरित किए जाएंगे। लाभार्थी शिविर और स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित होंगे। ये शिविर व्यक्तियों/परिवारों को योजनाओं का तत्काल लाभ देने और पीवीटीजी के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों जैसे सिकल सेल रोग के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट पर फोकस्ड होंगे। स्थानीय और जनजातीय भाषाओं में पैम्फलेट, वीडियो, क्रिएटिव, इन्फोग्राफिक्स में जागरूकता सामग्री का उपयोग किया जाएगा। पीएम जन-मन के संदेशों की दीवारों पर पेंटिंग की जायेगी। छात्रवृत्ति, मातृत्व लाभ, किसान क्रेडिट कार्ड, किसान सम्मान निधि, एससीडी रोगियों के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र सहित अन्य योजनाओं का लाभ पात्र पीवीटीजी लाभार्थियों को दिया जायेगा। योजना के लाभार्थी और उपलब्धि पाने वाले लोग अपनी सफलता की कहानियां अभियान के दौरान सुनाएंगे।

पीएम जन-मन मिशन अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत संचालित किया जा रहा है। यह 24 हजार 104 करोड़ रुपये (केन्द्रांश 15 हजार 336 करोड़ रुपये और राज्यांश 8 हजार 768 करोड़ रुपये) के बजट प्रावधान के साथ 9 प्रमुख संबद्ध मंत्रालयों/विभागों से संबंधित 11 महत्वपूर्ण सेवाओं/सुविधाओं पर केंद्रित है। इसमें सरकार की अन्य योजनाओं और मंत्रालयों/विभागों से जुड़े 10 अन्य सेवाओं/सुविधाओं की भी पहचान कर ली गई है, जो पीवीटीजी के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें आधार में नामांकन, सामुदायिक प्रमाण पत्र जारी करना, पीएम-जनधन योजना, पीएम गरीब कल्याण योजना, आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकारों के लंबित मामलों का समाधान भी शामिल है।

 

India Edge News Desk

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