आपदा प्रबंधन के समय संचार संसाधनों के बेहतर उपयोग का ज्ञान ले रहे हैं स्काउट एवं गाइड

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

पाली  : स्वस्थ लोकतंत्र में राष्ट्रीय जीवन के हर क्षेत्र में नागरिकों की सक्रिय और सकारात्मक भागीदारी अपेक्षित होती है। स्काउट एवं गाइड जैसा आंदोलन नागरिकों को अनुशासित करता है तथा उनकी सामूहिक रचनात्मकता को दिशा प्रदान करता है। संकीर्णताओं से मुक्त एक सामथ्र्यवान और समावेशी समाज के निर्माण में स्काउट एवं गाइड जैसे आंदोलन की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। पाली में चल रही 18 वीं राष्ट्रीय जंबूरी में स्काउट एवं गाइड आपदा प्रबंधन के समय संचार संसाधनों के बेहतर उपयोग का ज्ञान ले रहे हैं।

समाज के निर्माण में स्काउट एवं गाइड जैसे आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एमेच्योर रेडियो, हैदराबाद अहम भूमिका निभा रहा है। स्काउट एवं गाइड को आपदा प्रबंधन के समय संचार संसाधनों के बेहतर उपयोग के तरीकों से अवगत करवाने के उद्देश्य से उन्हें विपरीत परिस्थितियों में हैम रेडियो को काम में लेने की तकनीक सीखाई जा रही है।

इंस्टीट्यूट के कोऑर्डिनेटर श्री मुकेश गोला ने बताया कि आपदा किसी को बता कर नहीं आती है। गंभीर परिस्थितियों में भी समाज को एकजुट रखने का दायित्व स्काउट एंड गाइड के साथ-साथ आम नागरिकों पर भी होता है। ऎसी परिस्थितियों में जब संचार के संसाधन उतने उपयोगी नहीं होते तब हैम रेडियो एक अहम भूमिका निभाता है। हैम रेडियो के द्वारा वायरलेस कम्युनिकेशन के तहत संचार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्काउट एंड गाइड्स में ‘झोटा-झोटी’ नाम से एक प्रोग्राम होता है। ‘झोटा’ हैम रेडियो ओरिएंटेड प्रोग्राम होता है, वहीं ‘झोटी’ कंप्यूटर इनेबल्ड प्रोग्राम होता है। इसके तहत विपरीत परिस्थितियों में भी आसानी से आपस में भी अनेक फ्रिक्वेंसीज पर संचार कर सफल आपदा प्रबंधन किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि एमेच्योर रेडियो को हैम रेडियो भी कहा जाता है। यह कई प्रकार के रेडियो फ्रिक्वेंसीज पर कम्युनिकेशन संसाधनों से संबंधित है, जिसमें सेल्फ ट्रेनिंग एक्सपेरिमेंटेशन और पब्लिक सर्विसेज आती हैं। एमेच्योर रेडियो के उपयोग से निजी के साथ-साथ ग्लोबल वायरलेस कम्युनिकेशन भी किया जा सकता है, जो कि आपदा के समय अति आवश्यक होता है। इसके साथ-साथ यह इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में भी ज्ञान का विकास करता है। स्काउट एंड गाइड्स को अनुशासित बनाने के लिए उन्हें तरह-तरह की स्किल डेवलपमेंट किए जाते हैं, जिनमें आपदा प्रबंधन विशिष्ट भूमिका निभाता है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एमेच्योर रेडियो ने बताया कि इसके बहु-उपयोगी फायदे हैं, जिसमें सामाजिक विकास के तौर पर ज्ञान और सूचना का आदान-प्रदान, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य, ग्रामीण क्षेत्रों में संचार संसाधन उपलब्धता आदि शामिल है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार, सूचना और प्रौद्योगिकी, शिक्षा और निरंतर सीख आदि कौशल विकास करता है। इसके अलावा प्रौद्योगिकी विकास के रूप में इंटरनेट से संबंधित ECOLINK, WINLINK, HSMM आदि दृश्य संचार धीमा और तेज़ स्कैन टीवी, उपग्रह संचार OSCAR, ARISS आदि से स्काउट्स एंड गाइड्स को अवगत करा सफल आपदा प्रबंधन सुनिश्चित किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एमेच्योर रेडियो हैदराबाद एमेच्योर रेडियो और आपदा प्रबंधन के माध्यम से संचार और सूचना प्रौद्योगिकी में लोगों की भागीदारी पर जोर देने और प्रोत्साहित करने वाला एक गैर-लाभकारी स्वैच्छिक संगठन है। यह संगठन 18वीं राष्ट्रीय स्काउट एंड गाइड्स जंबूरी में भागीदारी लेकर स्काउट एंड गाइड्स को आपदा प्रबंधन के विभिन्न आयामों से अवगत करवा रहा है।

कोरोना महामारी के दौरान निभाई थी अहम भूमिका

आपदा प्रबंधन के समय स्काउट्स एंड गाइड्स अहम भूमिका में होते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी इन्होंने बेहतरीन कार्य किया था। जयपुर के जगतपुरा स्थित राजकीय माध्यमिक शिक्षा विद्यालय के स्काउट्स एंड गाइड्स ने कोरोना महामारी के समय भी विशिष्ट आपदा प्रबंधन का उदाहरण पेश किया था। उन्होंने प्रतिदिन जाकर लोगों की मदद कर समाज के प्रति अपना दायित्व व समाज में अपनी सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित की थी।

India Edge News Desk

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