छत्तीसगढ़ कैबिनेट बैठक: छत्तीसगढ़ में मानसून सत्र से पहले होने वाली कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा होगी.
मानसून सत्र से पहले भूपेश कैबिनेट की बड़ी बैठक, इन प्रस्तावों पर हो सकता है फैसला!

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मानसून सत्र से पहले होने वाली कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा होगी. पहली बार कर्मचारियों को नियमित करने के मामले पर भी फैसला होने की संभावना है |
छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र
छत्तीसगढ़ में मानसून सत्र से पहले आज (6 जुलाई) भूपेश कैबिनेट की बड़ी बैठक है. सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री निवास में सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में सभी मंत्रियों के साथ बैठक होगी. इस बैठक में मानसून सत्र को लेकर कई प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है. इसके अलावा बैठक में नियमितीकरण से जुड़े प्रस्तावों पर भी सरकार फैसला ले सकती है. इसलिए पूरे प्रदेश की निगाहें आज की बैठक पर टिकी हैं |
सुबह 11 बजे से सीएम हाउस में कैबिनेट की बड़ी बैठक
दरअसल, इस साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव (छत्तीसगढ़विधानसभाचुनाव 2023) होने वाले हैं। इससे पहले विधानसभा में कांग्रेस सरकार के 5 साल के कार्यकाल का आखिरी मानसून सत्र होने जा रहा है. चुनाव में उतरने से पहले कांग्रेस जनता को राहत और अपने घोषणापत्र के बाकी वादों का ऐलान कर सकती है. इसलिए कैबिनेट बैठक को खास माना जा रहा है. इस बात का संकेत छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव (टीएस सिंह देव) ने भी मीडिया के जरिए दिया है।
क्यों खास है आज की कैबिनेट बैठक?
आज की कैबिनेट बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा होगी. इसमें नियमितीकरण सबसे अहम माना जा रहा है. क्योंकि राज्य में बड़ी संख्या में कर्मचारी अनियमित हैं. जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने 2018 चुनाव से पहले नियमित करने का फैसला किया था. अब फिर चुनावी साल आ गया है. विभिन्न कर्मचारी संगठन एक बार फिर आंदोलन पर उतर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इस कैबिनेट बैठक में नियमितीकरण पर फैसला ले सकती है. आपको बता दें कि विधानसभा का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने वाला है |
नियमितीकरण पर क्या बोले डिप्टी सीएम?
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि 6 तारीख को कैबिनेट की बैठक है, मुझे लगता है कि कैबिनेट बैठक में कई मुद्दे सामने आएंगे. आगे अनुकंपा संघ की बैठक को लेकर सिंहदेव ने कहा कि वे पिछले ढाई-तीन साल से मेरे संपर्क में हैं. जब मैं पंचायत विभाग से जुड़ा था तब भी प्रयास किया, लेकिन अधिकारी बार-बार कह रहे हैं कि नियमों में इसका प्रावधान नहीं है। क्योंकि अब वह पंचायत कर्मी नहीं हैं. इसका पद ही ख़त्म हो गया है |
टीएस सिंहदेव ने उम्मीद जताई है कि कोई रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी. वहीं नियमितीकरण पर उन्होंने कहा कि हर विभाग से जानकारी मांगी गई है. जब मैंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात की तो उन्होंने कहा कि कुछ विभागों की जानकारी आ गई है, कुछ विभागों की जानकारी लंबित है. उन्होंने हर विभाग को संदेश भेजा है. तो चर्चा हो रही है. मुझे लगता है मामला कैबिनेट में भी आएगा
प्रदेश में हैं 5 लाख से ज्यादा अनियमित कर्मचारी!
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल प्रसाद साहू ने दावा किया है कि राज्य में 5 लाख से ज्यादा अनियमित कर्मचारी हैं. नियमितीकरण को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। सत्ता में आने से पहले कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के 10 दिन बाद संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. इसके अलावा कांग्रेस ने नियमितीकरण का मुद्दा भी अपने घोषणापत्र में शामिल किया था. लेकिन चार साल बाद भी ये मांगें पूरी नहीं हो पाई हैं |