पेरिस ओलंपिक से पहले भारतीय दल को झटका, मैरीकॉम ने छोड़ा शेफ डी मिशन का पद

नई दिल्ली

 पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले भारतीय दल को बड़ा झटका लगा है. छह बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम इस ओलंपिक के लिए भारत के अभियान प्रमुख (शेफ डी मिशन) के पद से हट गई हैं. मैरीकॉम ने निजी कारणों से पद छोड़ा है.

मैरीकॉम ने कहा कि उनके पास अब कोई विकल्प नहीं है. शेफ डी मिशन किसी भी ओलंपिक में देश के दल का सबसे अहम प्रशासनिक सदस्य होता है. खिलाड़ियों से जुड़ी सभी सुविधाओं के इंतजाम की जिम्मेदारी उसी पर रहती है. किसी तरह की विवाद होने की स्थिति में भी खिलाड़ियों की तरफ से वह पक्ष रखता है.

मैरीकॉम ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा को पत्र लिखकर इस जिम्मेदारी से मुक्त करने के लिए कहा. मैरीकॉम ने पीटी उषा को लिखे पत्र में कहा, 'देश की किसी भी रूप में सेवा करना गर्व की बात है. मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार थी. लेकिन मुझे खेद है कि मैं यह जिम्मेदारी नहीं उठा सकूंगी. मैं निजी कारणों से पीछे हट रही हूं.'

पिछले महीने मैरीकॉम की हुई थी नियुक्ति

41 साल की मैरीकॉम ने कहा, 'इस तरह से पीछे हटने से शर्मिंदा हूं क्योंकि मैं ऐसा करती नहीं हूं, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं है. मैं ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे अपने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई के लिए हमेशा रहूंगी.' आईओए ने 21 मार्च को उनकी नियुक्ति का ऐलान किया था. लंदन ओलंपिक 2012 की कांस्य पदक विजेत मैरीकॉम 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले ओलंपिक खेलों में भारतीय दल की अभियान प्रमुख होतीं.

पीटी उषा ने एक बयान में कहा, 'हमें दुख है कि ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज और आईओए एथलीट आयोग की प्रमुख मैरीकॉम निजी कारणों से पद से हट गई हैं. हम उनके फैसले और निजता का सम्मान करते हैं. उनके विकल्प के बारे में घोषणा जल्दी ही की जाएगी.'

पीटी उषा ने कहा, 'मैं उनके अनुरोध को समझती हूं और उनके फैसले का सम्मान करती हूं. मैंने उनसे कहा है कि आईओए और मेरा सहयोग हमेशा उनके साथ है. मैं सभी से उनकी निजता का सम्मान करने का अनुरोध करती हूं.'

मैरीकॉम ने बनाए कई रिकॉर्ड्स

मैरीकॉम बॉक्स‍िंग इतिहास में छह बार वर्ल्ड चैम्प‍ियन बनने वाली पहली महिला मुक्केबाज हैं. उन्होंने लंदन 2012 ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल हास‍िल किया था. वो पांच बार की एशियन चैम्प‍ियन रही हैं. 2014 एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला मुक्केबाज थीं. वहीं 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज हैं.

2012 ओलंपिक मेडल जीतने के बाद मैरीकॉम ने अपने तीसरे बच्चे को जन्म दिया, इसके बाद वो एक बार फिर ब्रेक पर चली गईं. इसके बाद उन्होंने अपनी वापसी की, पर दिल्ली में आयोजित 2018 वर्ल्ड चैंपियनशिप में यूक्रेन की हन्ना ओखोटा पर 5-0 से जीत दर्ज की. एक साल बाद, उसने अपना आठवां वर्ल्ड मेडल पदक जीता, जो किसी भी पुरुष या महिला मुक्केबाज द्वारा सबसे अधिक था.

मैरीकॉम ने एक इवेंट में कहा था, 'मैंने अपने जीवन में सब कुछ हासिल कर लिया है. मुझ में अब भी कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने की भूख है, लेकिन इंटरनेशनल मुक्केबाजी संघ के नियम ऐसा करने की इजाजत नहीं देते हैं. पुरुष और महिला मुक्केबाजों को केवल 40 की उम्र तक मुक्केबाजी करने की अनुमति होती है, इसलिए मैं अब किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकती.

India Edge News Desk

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