श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने पेश किया 237.58 करोड़ रुपए का बजट
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
भुवनेश्वर : श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 237.58 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट पेश किया है, जो पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 47.24 करोड़ रुपए अधिक है। पुरी के गजपति महाराज दिब्यसिंह देब की अध्यक्षता में मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक में बजट पेश किया गया। हुई बैठक में बजट पारित नहीं किया जा सका। अब 25 अप्रैल को होने वाली अगली बैठक में इसे मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
वित्त वर्ष 2022-23 के मंदिर बजट को राजस्व अधिशेष कहा जा सकता है, क्योंकि मंदिर की आय 203.96 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय की तुलना में 237.58 करोड़ रुपए है। मंदिर के पास 33.26 करोड़ रुपए का राजस्व अधिशेष होगा। पुरी स्थित 12वीं सदी के मंदिर को राज्य सरकार से सबसे ज्यादा 101.46 करोड़ रुपए अनुदान के रूप में मिलेंगे। वहीं, भूमि अधिग्रहण से मुआवजे के तौर पर 60 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे। इसी तरह, मंदिर वार्षिक रथ यात्रा और स्नान पूर्णिमा उत्सव के आयोजन पर अनुमानित रूप से 14.76 करोड़ रुपए खर्च करेगा।
एसजेटीए कर्मचारियों के वेतन पर अन्य 29.22 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का अनुमान है। जबकि अनुष्ठानों के लिए सेवादारों पर दैनिक खर्च 22.14 करोड़ रुपे होने का अनुमान है। बता दें कि 2021-22 में प्रबंधन समिति ने 190.26 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी थी। इस बीच, बैठक में पूर्व दिशा में स्थित मुख्य सिंह द्वार के साथ-साथ मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए पश्चिमी द्वार को खोलने का भी निर्णय लिया गया।
एसजेटीए के मुख्य प्रशासक वीर विक्रम यादव ने बताया कि श्रद्धालु उत्तर और दक्षिण द्वार से बाहर निकल सकते हैं। उन्होंने कहा कि वार्षिक रथ यात्रा के लिए रथों का निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है, इसलिए यह निर्णय इसलिए लिया गया। बैठक में चंदन यात्रा और जगन्नाथ मंदिर के अन्य अनुष्ठानों के लिए नीति उप समिति के निर्णय को भी मंजूरी दी गई।
(जी.एन.एस)